बोकारोः 36वें नेशनल गेम्स में चंदनकियारी के रहने वाले गोल्डी मिश्रा ने तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर पूरे झारखंड का नाम (Gold medalist Archer Goldy Mishra) रोशन किया. गोल्डी की जीत पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्विटर पर उन्हें बधाई दी. लेकिन बोकारो जिला प्रशासन गोल्डी के इस गोल्ड जीतने की बात को समझ ना पाया. यही कारण रहा कि झारखंड के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले गोल्डी को बोकारो में दिशा की बैठक (DISHA meeting in Bokaro) से जिला प्रशासन और माननीयों से सम्मान के लिए घंटों इंतजार करना (Archer Goldy Mishra honoring delayed) पड़ा.
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ये पूरा वाकया शुक्रवार का है. तीरंदाज गोल्डी मिश्रा जमशेदपुर से अपने गांव बोकारो जिला के चंदनकियारी जा रहा था. इसी दौरान जिला प्रशासन ने 5 मिनट के लिए गोल्डी को जिला में हो रही दिशा की बैठक में बुलाकर सम्मान देने के लिए आग्रह किया. बतौर खिलाड़ी अनुशासित गोल्डी तय वक्त पर वहां पहुंच गया. लेकिन उसे सम्मान लेने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. इस दौरान गोल्डी मीटिंग हॉल के बाहर घूमता हुआ नजर आया. जब मीडिया वालों ने जिला खेल पदाधिकारी से गोल्डी को सम्मान देने पर सवाल उठाया तो उसे रेस्त्रां में ले जाकर बैठा दिया. इस बीच रेस्त्रां में बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी आए तो उन्होंने गोल्डी को बैठा पाया. इसके बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मामले में संज्ञान लेते हुए गोल्डी और उनके कोच समेत एक अन्य खिलाड़ी को मीटिंग हॉल में बैठाया और आधे घंटे से अधिक इंतजार कराने के बाद उसे सम्मानित किया गया. हालांकि दिशा की बैठक से सम्मान में देरी को लेकर डीसी ने भरे मंच से खेद जरूर (Goldy Mishra honoring delayed due to DISHA meeting) जताया.
जब गोल्डी को सम्मान देने में हुई देरी पर दिशा कमिटी के अध्यक्ष सह धनबाद से भाजपा सांसद पशुपति नाथ सिंह से सवाल किया गया. इसको लेकर उन्होंने इस सवाल को ही नकारात्मक करार दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी. लेकिन गोल्डी को सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने सम्मानित किया है, वह गर्व की बात है. एक सांसद, मंत्री, विधायक और प्रशासन के लिए गर्व की बात है उन्हें खिलाड़ी को सम्मान देने का मौका मिला.
वहीं इस बात को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं थी लेकिन जैसी ही इसी सूचना मिली तो तुरंत उसे मीटिंग हॉल में बुलाया और उसे सम्मान दिया. उन्होंने कहा कि मीडिया को जानकारी थी तो एक कागज का पुर्जा मुझे भिजवा देना चाहिए था. वहीं जब गोल्डी ने मीडिया से बात करते हुए ओलंपिक में गोल्ड लाने की इच्छा जाहिर की. साथ ही वो देश के लिए गोल्ड लाने की तैयारी करेंगे, इसके लिए उन्होंने सरकार से भी मदद मांगी है.