बोकारो: देश में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. झारखंड सहित सभी जगह विकराल की स्थिति बनी है. देश भर में दहशत फैलाने के बाद कोरोना ने झारखंड में भी दस्तक दे दी है. रांची के बाद हजारीबाग में भी कोरोना का एक मरीज पाया गया है, तो वहीं हजारीबाग से बोकारो के ललपनिया में भी कोरोना कनेक्शन सामने आ रहा है.
बोकारो में कोरोना का जो कनेक्शन मिल रहा है वह किसी शहरी नागरिक का नहीं बल्कि सुदूर गांव तिलैया में है. हालांकि जो व्यक्ति कोरोना संदिग्ध बोकारो में पाया गया है वह आसनसोल से कोरोना कैरियर बना है.
सैकड़ों लोग दूसरे शहरों से आए
यहां के देहात की बात करें तो वहां कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन प्रभावी नहीं दिख रहा है. सैकड़ों लोग इन सुदूर गांवों में मुंबई व दिल्ली से10 दिन पहले पहुंच गए हैं, लेकिन इन्हें क्वॉरेंटाइन नहीं कराया जा सका. ये खुलेआम घूम रहे हैं.
लोगों के साथ ताश खेल रहे हैं. चौपाल पर बैठकर बतिया रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता आलोक रंजन सिंह ने बोकारो जिले के सुदूर चतरो चट्टी के सिलैयाटांड़ गांव से कोरोना से संबंधित गांव वालों की जानकारी, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का असर देखने पहुंचे.
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यहां सामान्य दिनों की तरह ही लोग जीवन यापन कर रहे हैं. लॉकडाउन का कोई असर यहां नहीं दिख रहा है. साथ ही एक ही कुएं पर पास में खड़े होकर महिलाएं पानी भर रही है, बच्चे खेल रहे हैं. युवा बतिया रहे हैं, सड़कों पर समूह में लोग खड़े हैं. ऐसे में मॉस्क, सैनिटाइजर की बात तो करनी भी बेमानी है.
रिंगटोन से मिली है जानकारी
यहां लोगों से जब हमने पूछा कि कोरोना से पूरा देश परेशान है क्या आप इसके बारे में जानते हैं. उन्होंने कहा कि हां फोन के रिंगटोन से इसके बारे में जाना है. यहां के लोग फोन के रिंगटोन से इस बीमारी के बारे में जान रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन या पंचायत स्तर पर कोई इनके पास नहीं पहुंचा है.
कोरोना धीरे-धीरे देश में महामारी का रूप लेता जा रहा है. देशभर में 25,00 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. तो वही 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
झारखंड में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है. बावजूद गांव जहां देश की सबसे ज्यादा आबादी निवास करती है. वहां इसके बारे में जागरूकता नहीं होना एक बड़े खतरे का संकेत दे रही है.