ETV Bharat / state

बोकारो स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में नामांकन की सीमित संख्या से छात्र परेशान, भविष्य की सता रही चिंता

बोकारो में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में नौवीं कक्षा में नामांकन की सीमित संख्या ने छात्रों की चिंता बढ़ा दी है. पहले जहां इस स्कूल में 500 के करीब छात्र-छात्राओं का नामांकन होता था, वहीं सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनने के बाद मात्र 80 विद्यार्थियों का ही नामांकन हो रहा है. इससे बाकी छात्र परेशान हैं कि उनका क्या होगा.

CM School of Excellence bokaro
CM School of Excellence bokaro
author img

By

Published : Jun 12, 2023, 8:12 PM IST

देखें स्पेशल स्टोरी

बोकारो: राज्य की हेमंत सरकार ने राजकीय 80 विद्यालयों को प्रथम चरण में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया है. इन स्कूलों में बच्चो को सीबीएसई माध्यम में पढ़ाया जाएगा. लेकिन इन स्कूलों में नामांकन ने छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है. इसका बड़ा कारण नामांकन की सीमित संख्या है. बोकारो में भी छात्र इससे परेशान हैं.

यह भी पढ़ें: Bokaro News: एक तरफ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस तो दूसरी तरफ उत्क्रमित उच्च विद्यालय जरीडीह की बदहाल स्थिति!

दरअसल, सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा ली गई थी, जिसका परिणाम भी घोषित कर दिया गया है. कक्षा 9 में मात्र 80 विद्यार्थियों का ही एडमिशन लिया जाना है, जो टेस्ट और और मेरिट के आधार पर चयनित किए गए हैं. अन्य छात्रों में इसे लेकर चिंता का विषय बना हुआ है.

पहले 500 विद्यार्थी कराते थे नामांकन: रामरुद्र प्लस टू हाई स्कूल प्लस वर्ष 1948 से संचालित हो रहा है. यहां चास के अलावा आसपास के गांवों से भी स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं. इस विद्यालय में पढ़े ग्रामीण क्षेत्र के कई स्टूडेंट्स आज अच्छे मुकाम पर हैं. इस स्कूल में प्रत्येक वर्ष लगभग 500 से अधिक विद्यार्थी नौवीं कक्षा में अपना नामांकन कराते थे, लेकिन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस घोषित होने के बाद, अब मात्र 80 विद्यार्थियों का ही नामांकन हो पाएगा. ऐसे में बाकी छात्र अब कहां पढ़ाई करेंगे, इसकी जानकारी ना विभाग को है और ना ही संबंधित स्कूल के प्राचार्य को.

इस मामले में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं. ना तो इस संबंध में राज्य स्तर से ही कोई पत्र जारी हुआ है और ना ही जिला स्तर से कुछ कहा गया है. कोई नहीं बता पा रहा कि टेस्ट नहीं देने वाले छात्र-छात्राएं कहां पढ़ाई करेंगे.

बोकारो विधायक ने चिंता जाहिर की: बोकारो विधायक बिरंचि नारायण ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में राज्य के शिक्षा सचिव के रवि कुमार से मुलाकात कर इसका समाधान निकालने को कहा है. विधायक ने कहा कि इस तरह के निर्णय से छात्रों की शिक्षा का अधिकार खत्म हो जाएगा. ऐसे में सरकार को इस पर कोई निर्णय लेना चाहिए. इसे लेकर कोई व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि छात्रों की पढ़ाई विद्यालय में सुचारू रूप से चलती रहे.

उन्होंने कहा कि जिले में बाकी हाई स्कूल में प्रस्तुति पढ़ाई सरकार को जल्द शुरू करनी चाहिए, ताकि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई सही ढंग से हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने इंटर कॉलेज में पढ़ाई बंद करा दी है, तो अब आवश्यकता बन गई है कि जितने भी हाईस्कूल हैं उसे प्लस टू किया जाए. विधायक बोकारो के सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

बोकारो: राज्य की हेमंत सरकार ने राजकीय 80 विद्यालयों को प्रथम चरण में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया है. इन स्कूलों में बच्चो को सीबीएसई माध्यम में पढ़ाया जाएगा. लेकिन इन स्कूलों में नामांकन ने छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है. इसका बड़ा कारण नामांकन की सीमित संख्या है. बोकारो में भी छात्र इससे परेशान हैं.

यह भी पढ़ें: Bokaro News: एक तरफ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस तो दूसरी तरफ उत्क्रमित उच्च विद्यालय जरीडीह की बदहाल स्थिति!

दरअसल, सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा ली गई थी, जिसका परिणाम भी घोषित कर दिया गया है. कक्षा 9 में मात्र 80 विद्यार्थियों का ही एडमिशन लिया जाना है, जो टेस्ट और और मेरिट के आधार पर चयनित किए गए हैं. अन्य छात्रों में इसे लेकर चिंता का विषय बना हुआ है.

पहले 500 विद्यार्थी कराते थे नामांकन: रामरुद्र प्लस टू हाई स्कूल प्लस वर्ष 1948 से संचालित हो रहा है. यहां चास के अलावा आसपास के गांवों से भी स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं. इस विद्यालय में पढ़े ग्रामीण क्षेत्र के कई स्टूडेंट्स आज अच्छे मुकाम पर हैं. इस स्कूल में प्रत्येक वर्ष लगभग 500 से अधिक विद्यार्थी नौवीं कक्षा में अपना नामांकन कराते थे, लेकिन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस घोषित होने के बाद, अब मात्र 80 विद्यार्थियों का ही नामांकन हो पाएगा. ऐसे में बाकी छात्र अब कहां पढ़ाई करेंगे, इसकी जानकारी ना विभाग को है और ना ही संबंधित स्कूल के प्राचार्य को.

इस मामले में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं. ना तो इस संबंध में राज्य स्तर से ही कोई पत्र जारी हुआ है और ना ही जिला स्तर से कुछ कहा गया है. कोई नहीं बता पा रहा कि टेस्ट नहीं देने वाले छात्र-छात्राएं कहां पढ़ाई करेंगे.

बोकारो विधायक ने चिंता जाहिर की: बोकारो विधायक बिरंचि नारायण ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में राज्य के शिक्षा सचिव के रवि कुमार से मुलाकात कर इसका समाधान निकालने को कहा है. विधायक ने कहा कि इस तरह के निर्णय से छात्रों की शिक्षा का अधिकार खत्म हो जाएगा. ऐसे में सरकार को इस पर कोई निर्णय लेना चाहिए. इसे लेकर कोई व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि छात्रों की पढ़ाई विद्यालय में सुचारू रूप से चलती रहे.

उन्होंने कहा कि जिले में बाकी हाई स्कूल में प्रस्तुति पढ़ाई सरकार को जल्द शुरू करनी चाहिए, ताकि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई सही ढंग से हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने इंटर कॉलेज में पढ़ाई बंद करा दी है, तो अब आवश्यकता बन गई है कि जितने भी हाईस्कूल हैं उसे प्लस टू किया जाए. विधायक बोकारो के सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.