रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों को झारखंड वापस लाना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी वह किसी भी राजनीति में नहीं पड़ना चाहते क्योंकि उनका पहला मकसद मजदूरों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाना है.
मजदूर हवाई जहाज से आ रहे रांची
हेमंत सोरेन ने कहा कि इसको लेकर वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार को मुंबई से मजदूर हवाई जहाज से रांची आ रहे हैं. वहीं लद्दाख और अन्य जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए भी सरकार कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल से भी बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए वह सहयोग करेंगे.
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अंडमान से प्रवासियों के लिए 2 फ्लाइट की जरूरत
हेमंत सोरेन ने बताया कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह में गणना की गई तो वहां से लोगों को वापस लाने के लिए दो फ्लाइट की जरूरत पड़ेगी. वहीं राज्य सरकार के स्थानीय कॉन्ट्रैक्टर को 25 करोड़ रुपये तक के ठेके देने की कवायद पर उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को अधिकार मिलना चाहिए, सिर्फ नौकरी ही नहीं अन्य क्षेत्र में भी यहां के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और अपने पैरों पर खड़े हो. इसके लिए उपाय किए जा रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष की अभी नहीं है जरूरत
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सम्मान के साथ लोग उचित भागीदारी से अपना जीवन यापन कर सकें इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. वहीं रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर पूछे गए सवाल पर सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की जो फिलहाल हालत है उसमें एक एक रुपए के लिए केंद्र की ओर टकटकी लगाए रहना पड़ता है. वहीं नेता प्रतिपक्ष से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल नेता प्रतिपक्ष की भूमिका बहुत ज्यादा नहीं है जब होगी तब देखा जाएगा.