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धनबाद की धरती पर किसका लहराएगा झंडा, पीएन सिंह मारेंगे बाजी या कीर्ति आजाद

बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ति आजाद को कांग्रेस ने धनबाद सीट से उम्मीदवार बनाया. कीर्ति के समर्थन में खुद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने रैली भी की. कीर्ति का मुकाबला बीजेपी के पीएन सिंह से है.

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Published : May 22, 2019, 1:52 PM IST

रांची/हैदराबाद: धनबाद लोकसभा सीट इस बार चुनाव में काफी चर्चा का विषय रहा. कांग्रेस ने यहां बीजेपी से कांग्रेस में शामिल कीर्ति आजाद को उम्मीदवार बनाया, जिनका मुकाबला बीजेपी के पीएन सिंह से है.

देखिए पूरी रिपोर्ट
धनबाद संसदीय सीटकोयलांचल की राजधानी है धनबाद. धनबाद संसदीय सीट दो जिलों को मिलाकर बनी है. जिसमें 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. वो विधानसभा क्षेत्र हैं धनबाद, झरिया, सिंदरी, निरसा, बोकारो और चंदनकियारी. जिसमें से चंदनकियारी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं.सामाजिक तानाबानाधनबाद लोकसभा सीट पर शहरी मतदाता करीब 62 फीसदी हैं. जबकि 38 फीसदी ग्रामीण मतदाता हैं. इस सीट पर अनुसूचित जाति की तादाद 16 फीसदी, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 8 फीसदी है. मतदाताओं की कुल संख्या 20लाख 68 हजार 233 है. जिसमें पुरूष मतदाता 11 लाख 21 हजार 558 और महिला मतदाता 9 लाख 46 हचार 641 हैं. जिसमें 18-19 साल के मतदाताओं की संख्या 27 हजार 678 है.2019 का रण2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. एक तरफ बीजेपी ने फिर से मौजूदा सांसद पीएन सिंह को ही टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार बदला है. पार्टी ने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ती झा आजाद पर दांव खेला है.बीजेपी से पशुपति नाथ सिंहपशुपति नाथ सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जुलाई 1949 में पटना के लखनपुर में हुआ था. उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. वो छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे. वो कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष भी बने. वो तीन बार पार्षद चुने गए. 1995 में पहली बार धनबाद से विधायक बने. साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें जीत हासिल हुई. 2005 में एकबार फिर से विधायक बने. 2007 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान मिला. वो झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी बने. 2009 में उन्होंने धनबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्हें जीत हासिल हुई. 2014 में एकबार फिर वो धनबाद से सांसद चुने गए.
पीएन सिंह की प्रोफाइल
कांग्रेस से कीर्ति आजादक्रिकेटर से सांसद बने कीर्ति झा आजाद राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका जन्म जनवरी 1959 में बिहार के पूर्णिया में हुआ. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. बतौर क्रिकेटर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की. 1981 में वो टीम इंडिया में चुने गए. वो 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे. 1986 तक उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट खेला. क्रिकेट छोड़ने के बाद वो राजनीति में आ गए. 1993 में दिल्ली के गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र से वो बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक बने. 1999 लोकसभा चुनाव में वो बिहार के दरभंगा सीट से चुनाव लड़े. जीतकर पहली बार सांसद बने. 2004 लोकसभा चुनाव में वो हार गए. 2009 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई. वो दूसरी बार सांसद बने. 2014 में वो दरभंगा से तीसरी बार सांसद बने. पार्टी विरोधी गतिविधि की वजह से बीजेपी ने उन्हें 2015 में निलंबित कर दिया. 2019 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली.
कीर्ति आजाद की प्रोफाइल

रांची/हैदराबाद: धनबाद लोकसभा सीट इस बार चुनाव में काफी चर्चा का विषय रहा. कांग्रेस ने यहां बीजेपी से कांग्रेस में शामिल कीर्ति आजाद को उम्मीदवार बनाया, जिनका मुकाबला बीजेपी के पीएन सिंह से है.

देखिए पूरी रिपोर्ट
धनबाद संसदीय सीटकोयलांचल की राजधानी है धनबाद. धनबाद संसदीय सीट दो जिलों को मिलाकर बनी है. जिसमें 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. वो विधानसभा क्षेत्र हैं धनबाद, झरिया, सिंदरी, निरसा, बोकारो और चंदनकियारी. जिसमें से चंदनकियारी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं.सामाजिक तानाबानाधनबाद लोकसभा सीट पर शहरी मतदाता करीब 62 फीसदी हैं. जबकि 38 फीसदी ग्रामीण मतदाता हैं. इस सीट पर अनुसूचित जाति की तादाद 16 फीसदी, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 8 फीसदी है. मतदाताओं की कुल संख्या 20लाख 68 हजार 233 है. जिसमें पुरूष मतदाता 11 लाख 21 हजार 558 और महिला मतदाता 9 लाख 46 हचार 641 हैं. जिसमें 18-19 साल के मतदाताओं की संख्या 27 हजार 678 है.2019 का रण2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. एक तरफ बीजेपी ने फिर से मौजूदा सांसद पीएन सिंह को ही टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार बदला है. पार्टी ने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ती झा आजाद पर दांव खेला है.बीजेपी से पशुपति नाथ सिंहपशुपति नाथ सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जुलाई 1949 में पटना के लखनपुर में हुआ था. उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. वो छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे. वो कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष भी बने. वो तीन बार पार्षद चुने गए. 1995 में पहली बार धनबाद से विधायक बने. साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें जीत हासिल हुई. 2005 में एकबार फिर से विधायक बने. 2007 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान मिला. वो झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी बने. 2009 में उन्होंने धनबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्हें जीत हासिल हुई. 2014 में एकबार फिर वो धनबाद से सांसद चुने गए.
पीएन सिंह की प्रोफाइल
कांग्रेस से कीर्ति आजादक्रिकेटर से सांसद बने कीर्ति झा आजाद राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका जन्म जनवरी 1959 में बिहार के पूर्णिया में हुआ. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. बतौर क्रिकेटर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की. 1981 में वो टीम इंडिया में चुने गए. वो 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे. 1986 तक उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट खेला. क्रिकेट छोड़ने के बाद वो राजनीति में आ गए. 1993 में दिल्ली के गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र से वो बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक बने. 1999 लोकसभा चुनाव में वो बिहार के दरभंगा सीट से चुनाव लड़े. जीतकर पहली बार सांसद बने. 2004 लोकसभा चुनाव में वो हार गए. 2009 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई. वो दूसरी बार सांसद बने. 2014 में वो दरभंगा से तीसरी बार सांसद बने. पार्टी विरोधी गतिविधि की वजह से बीजेपी ने उन्हें 2015 में निलंबित कर दिया. 2019 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली.
कीर्ति आजाद की प्रोफाइल
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रांची/हैदराबाद: धनबाद लोकसभा सीट इस बार चुनाव में काफी चर्चा का विषय रहा. कांग्रेस ने यहां बीजेपी से कांग्रेस में शामिल कीर्ति आजाद को उम्मीदवार बनाया, जिनका मुकाबला बीजेपी के पीएन सिंह से है.

धनबाद संसदीय सीट

कोयलांचल की राजधानी है धनबाद. धनबाद संसदीय सीट दो जिलों को मिलाकर बनी है. जिसमें 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. वो विधानसभा क्षेत्र हैं धनबाद, झरिया, सिंदरी, निरसा, बोकारो और चंदनकियारी. जिसमें से चंदनकियारी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं.

सामाजिक तानाबाना

धनबाद लोकसभा सीट पर शहरी मतदाता करीब 62 फीसदी हैं. जबकि 38 फीसदी ग्रामीण मतदाता हैं. इस सीट पर अनुसूचित जाति की तादाद 16 फीसदी, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 8 फीसदी है. मतदाताओं की कुल संख्या 20लाख 68 हजार 233 है. जिसमें पुरूष मतदाता 11 लाख 21 हजार 558 और महिला मतदाता 9 लाख 46 हचार 641 हैं. जिसमें 18-19 साल के मतदाताओं की संख्या 27 हजार 678 है.

2019 का रण

2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. एक तरफ बीजेपी ने फिर से मौजूदा सांसद पीएन सिंह को ही टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार बदला है. पार्टी ने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ती झा आजाद पर दांव खेला है.

बीजेपी से पशुपति नाथ सिंह

पशुपति नाथ सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जुलाई 1949 में पटना के लखनपुर में हुआ था. उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. वो छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे. वो कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष भी बने. वो तीन बार पार्षद चुने गए. 1995 में पहली बार धनबाद से विधायक बने. साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें जीत हासिल हुई. 2005 में एकबार फिर से विधायक बने. 2007 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान मिला. वो झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी बने. 2009 में उन्होंने धनबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्हें जीत हासिल हुई. 2014 में एकबार फिर वो धनबाद से सांसद चुने गए.

कांग्रेस से कीर्ति आजाद

क्रिकेटर से सांसद बने कीर्ति झा आजाद राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका जन्म जनवरी 1959 में बिहार के पूर्णिया में हुआ. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. बतौर क्रिकेटर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की. 1981 में वो टीम इंडिया में चुने गए. वो 1983  क्रिकेट वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे. 1986 तक उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट खेला. क्रिकेट छोड़ने के बाद वो राजनीति में आ गए. 1993 में दिल्ली के गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र से वो बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक बने. 1999 लोकसभा चुनाव में वो बिहार के दरभंगा सीट से चुनाव लड़े. जीतकर पहली बार सांसद बने. 2004 लोकसभा चुनाव में वो हार गए. 2009 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई. वो दूसरी बार सांसद बने. 2014 में वो दरभंगा से तीसरी बार सांसद बने. पार्टी विरोधी गतिविधि की वजह से बीजेपी ने उन्हें 2015 में निलंबित कर दिया. 2019 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली.


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