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धनबाद सीट पर पीएन सिंह की दूसरी जीत, कांग्रेस के कीर्ति आजाद को हराया - lok sabha seat candidates

पीएन सिंह धनबाद लोकसभा सीट पर एक बार फिर से जीत दर्ज की है. पीएन सिंह के कांग्रेस के उम्मीदवार कीर्ति झा आजाद को हराया.

फाइल फोटो
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Published : May 23, 2019, 10:07 PM IST

रांची/हैदराबादः कोयलांचल की सबसे अहम सीट धनबाद पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया. एक बार फिर पीएन सिंह ने जीत दर्ज की. उनका मुकाबला कांग्रेस के कीर्ति झा आजाद से था.

पशुपति नाथ सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जुलाई 1949 में पटना के लखनपुर में हुआ था. उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. वो छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे. वो कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष भी बने. वो तीन बार पार्षद चुने गए. 1995 में पहली बार धनबाद से विधायक बने. साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें जीत हासिल हुई. 2005 में एकबार फिर से विधायक बने. 2007 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान मिला. वो झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी बने. 2009 में उन्होंने धनबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्हें जीत हासिल हुई. 2014 में एकबार फिर वो धनबाद से सांसद चुने गए.

धनबाद संसदीय सीट
कोयलांचल की राजधानी है धनबाद. धनबाद संसदीय सीट दो जिलों को मिलाकर बनी है. जिसमें 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. वो विधानसभा क्षेत्र हैं धनबाद, झरिया, सिंदरी, निरसा, बोकारो और चंदनकियारी. जिसमें से चंदनकियारी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं.

धनबाद से अब तक के सांसद

  • 1951 पी. सी. बोस कांग्रेस
  • 1957 पी. सी. बोस कांग्रेस
  • 1962 पी. आर. चक्रवर्ती कांग्रेस
  • 1967 रानी ललिता राजे लक्ष्मी निर्दलीय
  • 1971 राम नारायन शर्मा कांग्रेस
  • 1977 ए. के. राय एमसीसी
  • 1980 ए. के. राय एमसीसी
  • 1984 शंकर दयाल सिंह कांग्रेस
  • 1989 ए. के. राय एमसीसी
  • 1991 रीता वर्मा बीजेपी
  • 1996 रीता वर्मा बीजेपी
  • 1998 रीता वर्मा बीजेपी
  • 1999 रीता वर्मा बीजेपी
  • 2004 चंद्रशेखर दुबे कांग्रेस
  • 2009 पी. एन. सिंह बीजेपी
  • 2014 पी. एन. सिंह बीजेपी

2019 का रण
2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी. एक तरफ बीजेपी ने फिर से पीएन सिंह को ही टिकट दिया था. वहीं कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार बदला था. पार्टी ने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ती झा आजाद पर दांव खेला.

रांची/हैदराबादः कोयलांचल की सबसे अहम सीट धनबाद पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया. एक बार फिर पीएन सिंह ने जीत दर्ज की. उनका मुकाबला कांग्रेस के कीर्ति झा आजाद से था.

पशुपति नाथ सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जुलाई 1949 में पटना के लखनपुर में हुआ था. उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. वो छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे. वो कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष भी बने. वो तीन बार पार्षद चुने गए. 1995 में पहली बार धनबाद से विधायक बने. साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें जीत हासिल हुई. 2005 में एकबार फिर से विधायक बने. 2007 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान मिला. वो झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी बने. 2009 में उन्होंने धनबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्हें जीत हासिल हुई. 2014 में एकबार फिर वो धनबाद से सांसद चुने गए.

धनबाद संसदीय सीट
कोयलांचल की राजधानी है धनबाद. धनबाद संसदीय सीट दो जिलों को मिलाकर बनी है. जिसमें 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. वो विधानसभा क्षेत्र हैं धनबाद, झरिया, सिंदरी, निरसा, बोकारो और चंदनकियारी. जिसमें से चंदनकियारी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं.

धनबाद से अब तक के सांसद

  • 1951 पी. सी. बोस कांग्रेस
  • 1957 पी. सी. बोस कांग्रेस
  • 1962 पी. आर. चक्रवर्ती कांग्रेस
  • 1967 रानी ललिता राजे लक्ष्मी निर्दलीय
  • 1971 राम नारायन शर्मा कांग्रेस
  • 1977 ए. के. राय एमसीसी
  • 1980 ए. के. राय एमसीसी
  • 1984 शंकर दयाल सिंह कांग्रेस
  • 1989 ए. के. राय एमसीसी
  • 1991 रीता वर्मा बीजेपी
  • 1996 रीता वर्मा बीजेपी
  • 1998 रीता वर्मा बीजेपी
  • 1999 रीता वर्मा बीजेपी
  • 2004 चंद्रशेखर दुबे कांग्रेस
  • 2009 पी. एन. सिंह बीजेपी
  • 2014 पी. एन. सिंह बीजेपी

2019 का रण
2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी. एक तरफ बीजेपी ने फिर से पीएन सिंह को ही टिकट दिया था. वहीं कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार बदला था. पार्टी ने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ती झा आजाद पर दांव खेला.

Intro:धनबाद:धनबाद लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी के अप्रत्याशित अंतर के बाद धनबाद से भाजपा विधायक राज सिन्हा मतगणना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने इस जीत को मोदी की जीत बताया उन्होंने कहा कि यह भाजपा की जीत है, देश की जीत है और नरेंद्र मोदी की जीत है.


Body:भाजपा विधायक राज सिन्हा ने कहा कि इस जीत का अनुमान पहले से ही था. इस बार देश में मोदी की लहर नहीं बल्कि सुनामी चल रही थी. लोग चुपे चाप कमल छाप पर मोहर लगा रहे थे. पूरे देश में अंदर ही अंदर एक करंट चल रहा था जिसका परिणाम यह रिजल्ट है. साथ उन्होंने कहा कि इस जीत से भाजपा के लिए चुनौती दी बड़ी है और देश की जनता के विश्वास के ऊपर खरा उतरने की जिम्मेवारी भी बढ़ गई है लेकिन नरेंद्र मोदी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए देश को फिर से एक नई दिशा में नई ऊंचाइयों में ले जाने का काम करेंगे.


Conclusion:ईवीएम के ऊपर विपक्ष के द्वारा आरोप लगाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्ष शुरू से ही देश की जनता को बरगलाने का काम कर रही थी, लेकिन देश की जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया है और विपक्ष को इससे सबक सीखनाचाहिए.
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