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झारखंड की एक पार्टी में मचा है घमासान! एक शख्स की वजह से पार्टी के युवराज हैं नाराज - राजनीतिक समाचार

लोकसभा चुनाव के नतीजों पर पार्टियों में मंथन का दौर चल रहा है. इसी कड़ी में झारखंड की एक बड़ी पार्टी भी हार की समीक्षा में जुटी है. इस दौरान पार्टी के अंदर नेताओं के बीच घमासान की स्थिति बनने लगी है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव में चूक को लेकर भीतरखाने जमकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है.

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Published : Jun 7, 2019, 4:42 PM IST

रांची: झारखंड की एक पार्टी में घमासान मचा हुआ है. फिलहाल यह घमासान घर की चहारदीवारी के भीतर है, जिसकी जानकारी संबंधित पार्टी के सिर्फ चंद आला नेताओं को है. इसकी पटकथा तैयार हुई लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन यानी 23 मई को. तब संबंधित पार्टी के नेतृत्वकर्ता उन लोगों के साथ हार की वजह तलाश रहे थे, जिनसे वह घिरे रहते हैं. वहीं दूसरी तरफ पार्टी के युवराज, चुनाव के दौरान नेतृत्वकर्ता से हुई चूक की रिपोर्ट तैयार कर रहे थे.

दरअसल, 23 मई की शाम जब यह तय हो गया की प्रतिष्ठा वाली सीट हाथ से निकल गई है, तब पार्टी के इस युवा नेता का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया. उन्होंने पार्टी के नेतृत्वकर्ता पर आरोपों की झड़ी लगा दी. सीटों के तालमेल से लेकर, कार्यकर्ताओं और विधायकों की उपेक्षा का हवाला दिया. नेतृत्वकर्ता पर यहां तक आरोप लगा कि वह चंद ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं जो कार्यकर्ताओं को छोड़िए विधायक को भी उनतक पहुंचने नहीं देते हैं. यह भी आरोप लगाया गया कि पार्टी के नेतृत्वकर्ता संगठन के विचार और सुझाव को दरकिनार कर एकतरफा फैसले ले रहे हैं जिसकी वजह से पार्टी की साख पर बट्टा लगा है. नेतृत्वकर्ता पर यह भी आरोप लगा है कि उनकी वजह से एक ऐसी सीट पार्टी के हाथ से निकल गई जिसपर पार्टी की जीत तय थी.

ये भी पढ़ें-विश्व योग दिवस 2019: पीएम मोदी ने शेयर किया ताड़ासन का वीडियो, 21 जून को रांची में करेंगे योगासन

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पार्टी के युवराज एक शख्स को लेकर बेहद नाराज थे. उनका कहना था कि संबंधित शख्स सिर्फ उन्हीं लोगों को पार्टी के नेतृत्वकर्ता से मिलने देता है जहां उसका कोई मतलब छुपा होता है. जानकारी के मुताबिक मामला यहां तक पहुंच गया की गुस्से से उबल रहे युवराज को शांत कराने के लिए कुछ वरीय लोगों को सामने आना पड़ा. इस दौरान जमकर बहस हुई और हाथापाई तक की नौबत आ गई. किसी तरह मामला शांत हुआ. पार्टी के युवराज ने आरोप लगाया कि चुनाव के वक्त वह अपने तरीके से एक सीट पर चुनाव प्रचार की रूपरेखा बनाकर काम करना चाहते थे, जिसे संबंधित शख्स ने नहीं होने दिया. पार्टी को करीब से जानने वालों ने बताया कि पार्टी के युवराज चाहते हैं कि संगठन लोकतांत्रिक तरीके से चले लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसे लिमिटेड पार्टी की तरह चलाया जा रहा है.

फिलहाल इस घटना के बाद से यह पार्टी नए सिरे से लोकसभा चुनाव में हार के मंथन के साथ साथ आगामी विधानसभा की तैयारी में जुट गई है. अब यह भी माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के युवराज संगठन में बड़ी जिम्मेदारी निभा सकते हैं.

रांची: झारखंड की एक पार्टी में घमासान मचा हुआ है. फिलहाल यह घमासान घर की चहारदीवारी के भीतर है, जिसकी जानकारी संबंधित पार्टी के सिर्फ चंद आला नेताओं को है. इसकी पटकथा तैयार हुई लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन यानी 23 मई को. तब संबंधित पार्टी के नेतृत्वकर्ता उन लोगों के साथ हार की वजह तलाश रहे थे, जिनसे वह घिरे रहते हैं. वहीं दूसरी तरफ पार्टी के युवराज, चुनाव के दौरान नेतृत्वकर्ता से हुई चूक की रिपोर्ट तैयार कर रहे थे.

दरअसल, 23 मई की शाम जब यह तय हो गया की प्रतिष्ठा वाली सीट हाथ से निकल गई है, तब पार्टी के इस युवा नेता का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया. उन्होंने पार्टी के नेतृत्वकर्ता पर आरोपों की झड़ी लगा दी. सीटों के तालमेल से लेकर, कार्यकर्ताओं और विधायकों की उपेक्षा का हवाला दिया. नेतृत्वकर्ता पर यहां तक आरोप लगा कि वह चंद ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं जो कार्यकर्ताओं को छोड़िए विधायक को भी उनतक पहुंचने नहीं देते हैं. यह भी आरोप लगाया गया कि पार्टी के नेतृत्वकर्ता संगठन के विचार और सुझाव को दरकिनार कर एकतरफा फैसले ले रहे हैं जिसकी वजह से पार्टी की साख पर बट्टा लगा है. नेतृत्वकर्ता पर यह भी आरोप लगा है कि उनकी वजह से एक ऐसी सीट पार्टी के हाथ से निकल गई जिसपर पार्टी की जीत तय थी.

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विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पार्टी के युवराज एक शख्स को लेकर बेहद नाराज थे. उनका कहना था कि संबंधित शख्स सिर्फ उन्हीं लोगों को पार्टी के नेतृत्वकर्ता से मिलने देता है जहां उसका कोई मतलब छुपा होता है. जानकारी के मुताबिक मामला यहां तक पहुंच गया की गुस्से से उबल रहे युवराज को शांत कराने के लिए कुछ वरीय लोगों को सामने आना पड़ा. इस दौरान जमकर बहस हुई और हाथापाई तक की नौबत आ गई. किसी तरह मामला शांत हुआ. पार्टी के युवराज ने आरोप लगाया कि चुनाव के वक्त वह अपने तरीके से एक सीट पर चुनाव प्रचार की रूपरेखा बनाकर काम करना चाहते थे, जिसे संबंधित शख्स ने नहीं होने दिया. पार्टी को करीब से जानने वालों ने बताया कि पार्टी के युवराज चाहते हैं कि संगठन लोकतांत्रिक तरीके से चले लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसे लिमिटेड पार्टी की तरह चलाया जा रहा है.

फिलहाल इस घटना के बाद से यह पार्टी नए सिरे से लोकसभा चुनाव में हार के मंथन के साथ साथ आगामी विधानसभा की तैयारी में जुट गई है. अब यह भी माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के युवराज संगठन में बड़ी जिम्मेदारी निभा सकते हैं.

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