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जन्मदिन के दिन ही लगाया मौत को गले, चाचा-चाची को बताया मौत का जिम्मेवार - चाचा-चाची को बताया मौत का जिम्मेवार

रांची के अशोक नगर रोड नंबर-1 में रहने वाले युवक संजीत कुमार घोष ने अपने जन्मदिन के दिन ही फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें अपने चाचा और बड़े भाई को मौत का जिम्मेवार बताया है.

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Published : Oct 10, 2019, 6:56 AM IST

रांची: राजधानी के अशोक नगर रोड नंबर-1 में रहने वाले युवक संजीत कुमार घोष ने अपने जन्मदिन के दिन ही फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली. संजीत मूल रूप से बरियातू के हरिहर सिंह रोड स्थित बाइलेन जीवन गली का रहने वाला था. तुपुदाना के एक राइस मील में काम करता था. पुलिस के अनुसार मृतक ने सुसाइड नोट लिखकर अपने चाचा और बड़े भाई को मौत का जिम्मेवार बताया है.

देखें पूरी खबर

'जन्मदिवस पर ही मना रहा हूं पुण्यतिथि'
सुसाइड नोट में उसने कहा है चाचा और बड़े भाई ने जमीन हड़प ली, इससे डिप्रेशन में था. अब जीने का कोई मकसद नहीं है 9 अक्टूबर को ही संजीत का जन्मदिन है इसलिए सुसाइड नोट में लिखा है कि जन्मदिवस पर ही पुण्यतिथि मना रहा हूं. इस घटना में मृतक की पत्नी सीमा घोष के बयान पर अरगोड़ा थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का एफआईआर दर्ज कराई गई है, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

ये भी पढ़ें- PM मोदी की हत्या की साजिश के पत्र से मची सनसनी, दिल्ली से NIA और IB की टीम जांच के लिए पहुंची

संजीत ने पंडाल घूमने से मना कर दिया था
मृतक की पत्नी ने एफआइआर में बताया है कि घर में नवरात्रि पाठ चलने की वजह से वह दुर्गा पूजा पंडाल नहीं घूम पाई थी. इस वजह से बुधवार की सुबह करीब 4:30 बजे अपने भाई और बच्चों के साथ पंडाल घूमने निकली. पति को चलने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया. वापस करीब 7:30 बजे लौटी, तो देखा कि कमरा बंद पड़ा था. आवाज लगाने पर कोई जवाब नहीं मिला. किसी तरह दरवाजा खोलकर घुसी तो देखा वे बेडशीट का फंदा बनाकर झूल गए थे. शोर मचाकर परिजनों को बुलाया और फंदे से उतरवाया. लेकिन पति की मौत हो चुकी थी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी, पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया.

सुसाइड नोट में क्या लिखा है ?
संजीत ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी मौत का मुख्य कारण छोटे चाचा सुभाष चंद्र घोष, चाची अर्चना घोष और बड़े भाई विश्वजीत घोष हैं. इन तीनों ने मिलकर पैतृक संपति को हड़प कर बेच दिया है. बख्शी कंपाउंड स्थित मां स्व. आरती घोष की दुकान और बुंडू स्थित बड़े प्लॉट में भी हिस्सा नहीं दिया गया. बंटवारा में घर नहीं मिला, इस वजह से मजबूरन ससुराल में रहना पड़ रहा है. दादाजी और पिता के नाम की होटल को भी हड़प लिया गया. संजीत की मौत में किसी अन्य का कोई दोष नहीं है. पुलिस ने इस सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है. सुसाइड नोट में दिनांक 9 अक्टूबर और समय 5:00 बजे अंकित भी किया गया है.

रांची: राजधानी के अशोक नगर रोड नंबर-1 में रहने वाले युवक संजीत कुमार घोष ने अपने जन्मदिन के दिन ही फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली. संजीत मूल रूप से बरियातू के हरिहर सिंह रोड स्थित बाइलेन जीवन गली का रहने वाला था. तुपुदाना के एक राइस मील में काम करता था. पुलिस के अनुसार मृतक ने सुसाइड नोट लिखकर अपने चाचा और बड़े भाई को मौत का जिम्मेवार बताया है.

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'जन्मदिवस पर ही मना रहा हूं पुण्यतिथि'
सुसाइड नोट में उसने कहा है चाचा और बड़े भाई ने जमीन हड़प ली, इससे डिप्रेशन में था. अब जीने का कोई मकसद नहीं है 9 अक्टूबर को ही संजीत का जन्मदिन है इसलिए सुसाइड नोट में लिखा है कि जन्मदिवस पर ही पुण्यतिथि मना रहा हूं. इस घटना में मृतक की पत्नी सीमा घोष के बयान पर अरगोड़ा थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का एफआईआर दर्ज कराई गई है, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

ये भी पढ़ें- PM मोदी की हत्या की साजिश के पत्र से मची सनसनी, दिल्ली से NIA और IB की टीम जांच के लिए पहुंची

संजीत ने पंडाल घूमने से मना कर दिया था
मृतक की पत्नी ने एफआइआर में बताया है कि घर में नवरात्रि पाठ चलने की वजह से वह दुर्गा पूजा पंडाल नहीं घूम पाई थी. इस वजह से बुधवार की सुबह करीब 4:30 बजे अपने भाई और बच्चों के साथ पंडाल घूमने निकली. पति को चलने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया. वापस करीब 7:30 बजे लौटी, तो देखा कि कमरा बंद पड़ा था. आवाज लगाने पर कोई जवाब नहीं मिला. किसी तरह दरवाजा खोलकर घुसी तो देखा वे बेडशीट का फंदा बनाकर झूल गए थे. शोर मचाकर परिजनों को बुलाया और फंदे से उतरवाया. लेकिन पति की मौत हो चुकी थी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी, पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया.

सुसाइड नोट में क्या लिखा है ?
संजीत ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी मौत का मुख्य कारण छोटे चाचा सुभाष चंद्र घोष, चाची अर्चना घोष और बड़े भाई विश्वजीत घोष हैं. इन तीनों ने मिलकर पैतृक संपति को हड़प कर बेच दिया है. बख्शी कंपाउंड स्थित मां स्व. आरती घोष की दुकान और बुंडू स्थित बड़े प्लॉट में भी हिस्सा नहीं दिया गया. बंटवारा में घर नहीं मिला, इस वजह से मजबूरन ससुराल में रहना पड़ रहा है. दादाजी और पिता के नाम की होटल को भी हड़प लिया गया. संजीत की मौत में किसी अन्य का कोई दोष नहीं है. पुलिस ने इस सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है. सुसाइड नोट में दिनांक 9 अक्टूबर और समय 5:00 बजे अंकित भी किया गया है.

Intro:जन्मदिन के दिन ही मौत को लगाया गले ,चाचा - चाची को बताया मौत का जिम्मेवार

रांची के अशोक नगर रोड नंबर-1 में रहने वाले युवक संजीत कुमार घोष ने अपने जन्मदिन के दिन ही फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली।संजीत मूल रूप से रांची बरियातू के हरिहर सिंह रोड स्थित बाइलेन जीवन गली का रहने वाला था। तुपुदाना के एक राइस मील में काम करता था। पुलिस के अनुसार मृतक ने सुसाइड नोट लिखकर अपने चाचा और बड़े भाई को मौत का जिम्मेवार बताया है। कहा है चाचा और बड़े भाई ने जमीन हड़प ली, इससे डिप्रेशन में था। अब जीने का कोई मकसद नहीं। नौ अक्टूबर को ही संजीत का जन्मदिन है। इसलिए सुसाइड नोट में लिखा है कि जन्मदिवस पर ही पून्यतिथि मना रहा हूं। इस घटना में मृतक की पत्नी सीमा घोष के बयान पर अरगोड़ा थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।


पंडाल घूमने से मना कर दिया था संजीत ने

मृतक की पत्नी ने एफआइआर में बताया है कि घर में नवरात्रा पाठ चलने की वजह से वह दुर्गा पूजा पंडाल नहीं घूम पाई थी। इस वजह से बुधवार की सुबह करीब 4:30 बजे अपने भाई व बच्चों के साथ पंडाल घूमने निकली। पति को चलने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया। वापस करीब 7:30 बजे लौटी, तो देखा कि कमरा बंद पड़ा था। आवाज लगाने पर कोई जवाब नहीं मिला। किसी तरह दरवाजा खोलकर घुसी तो देखा वे बेडशीट का फंदा बना झूल गए थे। शोर मचाकर परिजनों को बुलाया और फंदे से उतरवाया। लेकिन पति की मौत हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।


क्या लिखा है सुसाइड नोट में

संजीत ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी मौत का मुख्य कारण छोटे चाचा सुभाष चंद्र घोष, चाची अर्चना घोष और बड़े भाई विश्वजीत घोष हैं। इन तीनों ने मिलकर पैतृक संपति को हड़प कर बेच दी है। बख्शी कंपाउंड स्थित मां स्व. आरती घोष की दुकान और बुंडू स्थित बड़े प्लॉट में भी हिस्सा नहीं दिया गया। बंटवारा में घर नहीं मिला। इस वजह से मजबूरन ससुराल में रहना पड़ रहा है। दादाजी और पिता के नाम की होटल को भी हड़प लिया गया। संजीत की मौत में किसी अन्य का कोई दोष नहीं है। पुलिस ने इस सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है। सुसाइड नोट में दिनांक नौ अक्टूबर और समय 5:00 बजे अंकित भी किया गया है।



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