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बड़कागांव गोलीकांडः पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10-10 साल की सजा - NTPC Plant in Barkagaon

हजारीबाग के बड़कागांव गोलीकांड मामले में रांची सिविल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी को 10-10 साल की सजा सुनाई है. इससे पहले 22 मार्च को कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया था.

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योगेंद्र साव को सजा
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Published : Mar 24, 2022, 2:25 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 5:04 PM IST

रांची: हजारीबाग के बड़कागांव गोलीकांड मामले में रांची कोर्ट के द्वारा पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है. रांची व्यवहार न्यायालय के अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में दोनों को सजा सुनाया गया. इससे पहले 22 मार्च को अदालत ने इस मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया था.

ये भी पढ़ें- जानिए क्या है बड़कागांव गोलीकांड, जिसमें पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को कोर्ट सुनाने जा रही है सजा

क्या है पूरा मामला: पूरा मामला 2015 का है. बड़कागांव में एनटीपीसी प्लांट लगा रही थी. जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे और वे अपनी जमीन किसी कीमत पर एनटीपीसी को नहीं देना चाह रहे थे. इसी को लेकर झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ बड़कागांव, हजारीबाग में कफन सत्याग्रह किया था. इस आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी कोशिश कर रही थी. लेकिन बातचीत बेनतीजा होने के बाद विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. निर्मला देवी की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीण भड़क गए जिसके बाद पुलिस पर पथराव कर उन्हें पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया.

विधायक अंबा प्रसाद

पुलिस फायरिंग में कई ग्रामीणों की मौत: इधर पुलिस ने भी हिंसक झड़प के बाद मामला बिगड़ता देख पहले लाठीचार्ज और फिर फायरिंग की. जिसमे कई ग्रामीणों की मौत हो गई. इस मामले में कांग्रेस की विधायक अंबा के पिता योगेंद्र साव के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए गए. दर्ज किए गए 11 मामलो में योगेंद्र साव को अदालत ने बरी कर दिया लेकिन एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया है. इसी मामले में कोर्ट आज सजा सुनाएगी.

रांची: हजारीबाग के बड़कागांव गोलीकांड मामले में रांची कोर्ट के द्वारा पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है. रांची व्यवहार न्यायालय के अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में दोनों को सजा सुनाया गया. इससे पहले 22 मार्च को अदालत ने इस मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया था.

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क्या है पूरा मामला: पूरा मामला 2015 का है. बड़कागांव में एनटीपीसी प्लांट लगा रही थी. जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे और वे अपनी जमीन किसी कीमत पर एनटीपीसी को नहीं देना चाह रहे थे. इसी को लेकर झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ बड़कागांव, हजारीबाग में कफन सत्याग्रह किया था. इस आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी कोशिश कर रही थी. लेकिन बातचीत बेनतीजा होने के बाद विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. निर्मला देवी की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीण भड़क गए जिसके बाद पुलिस पर पथराव कर उन्हें पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया.

विधायक अंबा प्रसाद

पुलिस फायरिंग में कई ग्रामीणों की मौत: इधर पुलिस ने भी हिंसक झड़प के बाद मामला बिगड़ता देख पहले लाठीचार्ज और फिर फायरिंग की. जिसमे कई ग्रामीणों की मौत हो गई. इस मामले में कांग्रेस की विधायक अंबा के पिता योगेंद्र साव के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए गए. दर्ज किए गए 11 मामलो में योगेंद्र साव को अदालत ने बरी कर दिया लेकिन एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया है. इसी मामले में कोर्ट आज सजा सुनाएगी.

Last Updated : Mar 24, 2022, 5:04 PM IST
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