रांची: 19 नवंबर को पूरा अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (World Mens Day) मना रहा है. इस दिन पुरुष अपने अधिकारों और सम्मान को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाते हैं. राजधानी रांची में भी सेव इंडियन फैमिली (Save Indian Family) की ओर से पुरुषों को जागृत किया गया.
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लोगों को जागृत कर रहे प्रह्लाद प्रसाद ने बताया कि आज की तारीख में कई ऐसे कानून हैं जो महिलाओं को तो मदद करता है. लेकिन पुरुषों को प्रताड़ित कर रहा है. उसी में शामिल एक कानून 498A है. जो दहेज के खिलाफ पूरे परिवार को प्रतारित करता है. वहीं निमेष आनंद बताते हैं कि आज की तारीख में पुरुष हो या महिला सभी कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं. कोई भी दहेज का समर्थन नहीं करते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई बार इस कानून की वजह से निर्दोष पुरुष प्रताड़ित होते हैं.
सेव इंडियन फैमिली की मांग
सुभाष बनवाल बताते हैं कि सेव इंडियन फैमिली अपने दायित्व को निभाते हुए सरकार से यह मांग करती है कि महिला आयोग की तरह पुरुष आयोग का भी गठन हो. जिसमें पुरुषों के अधिकार और उनके सम्मान की रक्षा हो सके. कई बार पुरुषों को महिला मानसिक रूप से प्रताड़ित करती है. वो धमकी देकर अपने पति, ससुर, देवर या पुरुष संबंधी पर जबरन दबाव डालकर लाभ उठाती हैं.
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लिंग भेद कानून में संशोधन की मांग
वहीं रूपेश आनंद बताते हैं कि सरकार लिंग भेद कानून में संशोधन करें. ताकि पुरुषों को भी अपना अधिकार मिल सके. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1999 में त्रिनिदाद और टोबागो से हुई थी. तब से प्रत्येक साल 19 नवम्बर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस दुनिया के 30 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे मान्यता देते हुए इसकी आवश्यकता को बल दिया और सहायता दी है.