रांची:राजधानी रांची के बीचोंबीच गरीबों का आशियाना तैयार हो रहा है. पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में जानेजाना वाला light house project के तहत 1008 फ्लैट बनने हैं. धुर्वा में काफी जद्दोजहद के बाद शुरू हुए इस प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार ने एक बार फिर निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा होने पर सवाल खड़ा कर दिया है. पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट की ऑनलाइन समीक्षा 3 जुलाई 2021 को की थी. उस समय एक वर्ष के अंदर निर्माण कार्य पूरा कर लेने का दावा किया गया था.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को झारखंड सहित देश के 6 राज्यों में चल रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट के कार्यों की समीक्षा की थी. इस दौरान झारखंड में देर से शुरू हुए लाइट हाउस प्रोजेक्ट के प्रगति के बारे में पीएम मोदी को ड्रोन कैमरे से जमीनी हकीकत की जानकारी दी गई थी. निर्माणाधीन इस परियोजना के ऑनलाइन समीक्षा के दौरान एक साल के अंदर फ्लैट तैयार करने के अलावा परियोजना स्थल के आस पास रह रहे लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए खेलकूद के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित फुटबॉल ग्राउंड और सामाजिक कार्यों, विवाह के अलावा अन्य सार्वजनिक समारोह के लिए करीब 500 लोगों की क्षमता वाले सामुदायिक भवन निर्माण करने का निर्णय लिया गया था.
फ्लैट तैयार होने से पहले बेचने की तैयारी
लाइट हाउस के तहत धुर्वा में बन रहे फ्लैट की बुकिंग जारी है. रांची नगर निगम इसे लेकर मशक्कत कर रही है. कई बार आवेदन की तारीख बढ़ाने के बाद रांची नगर निगम को अब 1521 आवेदनकर्ता मिले हैं. 30 नवंबर तक प्राप्त आवेदनों की स्क्रुटनिंग कर नगर निगम फिर लॉटरी से फ्लैट को आवंटित करेगी. उप नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन के अनुसार शुरुआत में खरीददारों की उदासीनता थी. लेकिन जिस तरह से आवेदन प्राप्त हुए हैं, उससे लगता है कि लोगों ने इसके लिए रुचि दिखाई है. इधर निर्माण स्थल के बगल में झोपड़पट्टी में रहने वाले झगड़ू नायक और रीता देवी का मानना है कि फ्लैट की कीमत इतनी है कि वह चाह कर भी इसे नहीं खरीद सकेंगे.
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319 वर्ग फीट में होगा एक फ्लैट
स्थानीय लोगों का मानना है कि फ्लैट के दाम अधिक होने के कारण गरीब खरीदने में सक्षम नहीं हैं. झुग्गी झोपड़ी में रहनेवाले वन बीएचके फ्लैट में रहने के लिए 6.79 लाख रुपया कहां से लाएंगे. एक फ्लैट में एक रूम, एक हॉल, एक बाथरूम और एक बालकनी होगी. जो 319 वर्ग फीट में होगा. झारखंड में काफी देर से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के साथ दुखद पहलू यह है कि झारखंड के अपेक्षा अन्य 5 राज्यों में गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में यह प्रोजेक्ट काफी आगे है. 2024 तक झारखंड सहित देश के 06 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत सात लाख घर बनाने का निर्णय लिया गया था.