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आरा केरम गांव की महिलाओं ने लिया संकल्प, 'हम दो हमारे दो' की मुहिम चला राष्ट्र निर्माण में निभा रहीं अहम भूमिका - Hum do hamare do campaign

रांची के ओरमांझी ब्लॉक के आरा-केरम गांव में महिलाओं की हम दो हमारे दो की मुहिम पूरे देश के लिए प्ररणास्त्रोत बना हुआ है. इस मुहिम से देश की बढ़ती जनसंख्या के रोकथाम में ये महिलाएं अपनी अहम भूमिका निभा रहीं हैं.

women of Ara Keram village campaigned to control population in ranchi
महिलाओं की हम दो हमारे दो की मुहिम
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Published : Jan 6, 2020, 4:51 PM IST

रांचीः संकल्प से हर काम सार्थक होता है, बस बदलाव की इच्छा होनी चाहिए. इसी प्रबल इच्छा का प्रमाण दे रहे हैं रांची के ओरमांझी ब्लॉक के पास बसे केरम गांव के ग्रामीण. दरअसल, गांव की महिलाओं ने देश में बढ़ती जनसंख्या और गांव में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन को देखते हुए हम दो हमारे दो कि मुहिम छेड़ी है, जिसमें पुरूषों ने समान रूप से अपनी सहभागिता दर्ज की है.

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गांव की स्वास्थ्य सेविका रोशनी टोप्पो बताती हैं कि यहां की महिलाओं ने खुद यह संकल्प लिया है. उनका कहना है कि महिलाओं के इस संकल्प से देश की बढ़ती जनसंख्या पर भी नियंत्रण होगा. उन्होंने बताया कि इस मुहिम के कारण आज केरम गांव स्वास्थ्य ग्राम के नाम से जाना जाता है और आस पास के सभी गांवों के लिए यह एक प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है.

इस गांव के लोग बताते हैं कि बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए गांव की महिलाओं ने हम दो हमारे दो का संकल्प लिया है. जिस प्रकार देश में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, उस हिसाब से संसाधनों की भी कमी लगातार हो रही है. इसी को देखते हुए गांव की महिलाओं ने यह संकल्प लिया है कि अपने बच्चों और गांव के बेहतर भविष्य के लिए सिर्फ दो संतान ही पैदा करने हैं.

ये भी पढ़ें-रांची के मेन रोड में हथियार के बल पर लाखों की लूट, जांच में जुटी पुलिस

वहीं, गांव की महिला सोनी कुमारी बताती हैं कि गांव की सभी महिलाओं ने गांव की खुशियों को बरकरार रखने के लिए यह निर्णय लिया है ताकि छोटा परिवार सुखी परिवार बना रहे और राज्य से गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्या दूर रहे.

गांव के प्रधान गोपाल बेदिया बताते हैं कि जनसंख्या विस्फोट की वजह से देश में बेरोजगारी जैसी समस्या बढ़ रही है. सरकार भी ज्यादा लोगों को नौकरियां देने में असमर्थ हो जाती है. इसीलिए इस गांव के लोगों ने निर्णय लिया है कि हम दो हमारे दो के सिद्धांत पर चलें ताकि गांव में खुशहाली और संसाधनों की कमी न हो.

गौरतलब है कि राजधानी के आरा केरम गांव के ग्रामीण बेरोजगारी, गरीबी पलायन जैसी समस्या को दूर करने के लिए हम दो हमारे दो के सिद्धांत पर पिछले 3 सालों से चल रहे हैं जिससे गांव में खुशहाली भी देखी जा रही है. गांव के लोग बताते हैं कि जो दंपत्ति हम दो हमारे दो के सिद्धांत को अपनाते हैं उसे गांव की तरफ से तोहफा भी दिया जाता है ताकि अन्य ग्रामीणों का भी मनोबल को बढ़ाया जा सके. आरा केरम गांव जनसंख्या नियंत्रण को लेकर इस सिद्धांत को अपना रहा है जो निश्चित रूप से पूरे समाज ही नहीं बल्कि देश को एक बेहतर संदेश देने का काम कर रहा है.

रांचीः संकल्प से हर काम सार्थक होता है, बस बदलाव की इच्छा होनी चाहिए. इसी प्रबल इच्छा का प्रमाण दे रहे हैं रांची के ओरमांझी ब्लॉक के पास बसे केरम गांव के ग्रामीण. दरअसल, गांव की महिलाओं ने देश में बढ़ती जनसंख्या और गांव में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन को देखते हुए हम दो हमारे दो कि मुहिम छेड़ी है, जिसमें पुरूषों ने समान रूप से अपनी सहभागिता दर्ज की है.

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गांव की स्वास्थ्य सेविका रोशनी टोप्पो बताती हैं कि यहां की महिलाओं ने खुद यह संकल्प लिया है. उनका कहना है कि महिलाओं के इस संकल्प से देश की बढ़ती जनसंख्या पर भी नियंत्रण होगा. उन्होंने बताया कि इस मुहिम के कारण आज केरम गांव स्वास्थ्य ग्राम के नाम से जाना जाता है और आस पास के सभी गांवों के लिए यह एक प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है.

इस गांव के लोग बताते हैं कि बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए गांव की महिलाओं ने हम दो हमारे दो का संकल्प लिया है. जिस प्रकार देश में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, उस हिसाब से संसाधनों की भी कमी लगातार हो रही है. इसी को देखते हुए गांव की महिलाओं ने यह संकल्प लिया है कि अपने बच्चों और गांव के बेहतर भविष्य के लिए सिर्फ दो संतान ही पैदा करने हैं.

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वहीं, गांव की महिला सोनी कुमारी बताती हैं कि गांव की सभी महिलाओं ने गांव की खुशियों को बरकरार रखने के लिए यह निर्णय लिया है ताकि छोटा परिवार सुखी परिवार बना रहे और राज्य से गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्या दूर रहे.

गांव के प्रधान गोपाल बेदिया बताते हैं कि जनसंख्या विस्फोट की वजह से देश में बेरोजगारी जैसी समस्या बढ़ रही है. सरकार भी ज्यादा लोगों को नौकरियां देने में असमर्थ हो जाती है. इसीलिए इस गांव के लोगों ने निर्णय लिया है कि हम दो हमारे दो के सिद्धांत पर चलें ताकि गांव में खुशहाली और संसाधनों की कमी न हो.

गौरतलब है कि राजधानी के आरा केरम गांव के ग्रामीण बेरोजगारी, गरीबी पलायन जैसी समस्या को दूर करने के लिए हम दो हमारे दो के सिद्धांत पर पिछले 3 सालों से चल रहे हैं जिससे गांव में खुशहाली भी देखी जा रही है. गांव के लोग बताते हैं कि जो दंपत्ति हम दो हमारे दो के सिद्धांत को अपनाते हैं उसे गांव की तरफ से तोहफा भी दिया जाता है ताकि अन्य ग्रामीणों का भी मनोबल को बढ़ाया जा सके. आरा केरम गांव जनसंख्या नियंत्रण को लेकर इस सिद्धांत को अपना रहा है जो निश्चित रूप से पूरे समाज ही नहीं बल्कि देश को एक बेहतर संदेश देने का काम कर रहा है.

Intro:राजधानी रांची के ओरमांझी ब्लॉक के पास बसा आरा केरम गांव आज गरीबी बेरोजगारी पलायन शिक्षा को लेकर हम दो हमारे दो की मुहिम चला रहा है।

इस गांव के ग्रामीण बताते हैं कि बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए गांव की महिलाओं ने हम दो हमारे दो का संकल्प लिया क्योंकि जिस प्रकार देश में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है उस हिसाब से संसाधनों की भी कमी लगातार हो रही है इसी को देखते हुए गांव की महिलाओं ने यह संकल्प लिया की हमें अपने बच्चों एवं गांव के बेहतर भविष्य के लिए सिर्फ दो संतान ही पैदा करने हैं।


Body:गांव में काम करने वाली स्वास्थ्य सेविका रोशनी टोप्पो बताती हैं कि गांव की महिलाएं आने वाले समय को देखते हुए इस तरह का निर्णय लिया है ताकि राज्य गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्या ना आ सके।

गांव की महिला सोनी कुमारी बताती है कि गांव की सभी महिलाओं ने गांव की खुशियां को बरकरार रखने के लिए यह निर्णय लिया है ताकि छोटा परिवार सुखी परिवार बना रहे।

गांव के प्रधान गोपाल बेदिया बताते हैं कि जनसंख्या विस्फोट की वजह से देश में बेरोजगारी जैसी समस्या बढ़ रही है क्योंकि सरकार ज्यादा लोगों को नौकरियां देने में असमर्थ हो जाती है इसीलिए इस गांव के लोगों ने निर्णय लिया है कि हम दो हमारे दो के सिद्धांत पर चलें ताकि गांव में खुशहाली और संसाधनों की कमी ना हो।



Conclusion:गौरतलब है कि राजधानी का आरा केरम गांव के ग्रामीण बेरोजगारी गरीबी पलायन जैसी समस्या को दूर करने के लिए हम दो हमारे दो के सिद्धांत पर पिछले 3 वर्षों से चल रहे हैं जिससे गांव में खुशहाली भी देखी जा रही है।

गांव के लोग बताते हैं कि जो दंपत्ति हम दो हमारे दो के सिद्धांत को अपनाते हैं उसे गांव की तरफ से तोहफा भी दिया जाता है ताकि अन्य ग्रामीणों का भी मनोबल को बढ़ाया जा सके।

राजधानी आरा केरम गांव जनसंख्या नियंत्रण को लेकर इस सिद्धांत को अपना रहा है जो निश्चित रूप से पूरे समाज ही नहीं बल्कि देश को एक बेहतर संदेश देने का काम कर रहा है।

बाइट रोशनी टोप्पो, स्वास्थ्य सेविका।
बाइट-सुमन देवी,ग्रामीण महिला।
बाइट- गोपाल बेदिया ग्राम प्रधान।
पीटीसी-हितेश कुमार चौधरी संवाददाता।
हितेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट।


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