रांचीः झारखंड में पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए निर्भया फंड से राज्य के 24 जिलों में 300 थानों पर महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत करने जा रही है. जहां महिला अपनी पीड़ा बता सकती है, तो वहीं थानों के कार्यशैली को देखने के लिए निरीक्षण करने का आदेश दिया गया. महिलाओं के विरुद्ध उत्पीड़न और अत्याचार पर कारगर तरीके से सुनवाई के लिए राज्य के 24 जिलों के 300 थानों में सहायता डेस्क खोले जायेंगे. इसके लिए सभी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जायेंगी.
झारखंड पुलिस मुख्यालय के अस्तर से राज्य के 24 जिलों के 300 थानों को निर्भया फंड के तहत थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत करने को कहा गया है. इस हेल्प डेस्क में पीड़ित महिलाएं अपनी समस्या को बता सकती है, क्योंकि मौजूदा समय में महिलाओं के प्रति हो रहे हैं, जिसे रोकने में सहायता मिलेगी. झारखंड पुलिस प्रवक्ता आईजी सुमन गुप्ता ने बताया की डीजीपी एमवी राव ने सभी जिले के एसएसपी, एसपी और सभी रेंज के डीआइजी को आदेश देते हुए कहा है कि अपने क्षेत्र में आने वाले प्रतिष्ठानों का अग्रिम निरीक्षण कार्यक्रम बनाकर करें. इससे न केवल थाना के दस्तावेजों को दुरुस्त किया जायेगा बल्कि स्थानीय जनता की समस्याओं की भी सुनवाई हो सकेगी.
ये भी पढे़ं- यौन शोषण के आरोपी विधायक ढुल्लू महतो के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने आदेश रखा सुरक्षित
इस दौरान राज्य के सभी जिले वाहिनी और इकाई में पदस्थापित हवलदार, आरक्षी और चतुर्थवर्गीय कर्मियों की समस्या के समाधान के लिए 615 पुलिसकर्मियों के अनुरोध आये जिनमें 143 पुलिसकर्मियों की समस्याओं का समाधान करते हुए संबंधित पुलिसकर्मी को सूचित कर दी गयाी है. बाकी के 472 पुलिसकर्मियों की समस्या के निष्पादन की प्रक्रिया जारी है. झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा और थानों को प्रदर्शित करने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा कई दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं देखना होगा इन निर्देशों से स्थानों पर कितना असर पड़ता है.