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महिला की उम्मीदवारी में सभी पार्टियां वकालत में आगे, उम्मीदवारी में हो जाते हैं बैकबेंचर - झारखंड की राजनीति में महिला की उम्मीदवारी

झारखंड की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी नाम मात्र की नजर आती है. वैसे तो सभी पार्टियां महिलाओं की उम्मीदावरी को लेकर काफी संवेदनशील हो जाती है, लेकिन अगर उम्मीदवारी के समय वहीं पार्टी पीछे हट जाती है.

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी नाम मात्र
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Published : Nov 9, 2019, 8:59 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव में महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर लगभग सभी राजनीतिक दल वकालत करते हैं, लेकिन जब बात टिकट देने की आती है तो वैसे में महिलाएं हर दल के लिए बैकबेंचर हो जाती हैं. हालांकि मौजूदा विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और उसकी सहयोगी आजसू पार्टी महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर काफी संवेदनशील होने का दावा कर रहे हैं.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव

14 लोकसभा सीट पर 2 पर महिला सांसद
झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में फिलहाल 10 महिला विधायक हैं और राज्य की 14 लोकसभा सीट पर 2 पर महिला सांसद है. सिटिंग विधायकों के अलावा इन दलों में यह महिलाएं रेस में हैं. महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर सत्ताधारी दल से शुरुआत करें तो एक तरफ स्टेट कैबिनेट में दो महिला मंत्री हैं. जबकि उन्हें मिलाकर पार्टी की कुल 5 विधायक महिलाएं हैं. प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के चर्चा करें तो वहां अट्ठारह में से 4 महिला विधायक हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी में एक महिला विधायक हैं.

2019 में कई चेहरे भाग्य आजमा सकतीं हैं
इन सिटिंग महिला विधायकों के अलावा बीजेपी में सीमा शर्मा, महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती सिंह, कोडरमा से शालिनी गुप्ता, नाला इलाके से अमिता रक्षित, दुमका से शर्मिला सोरेन समेत कई महिलाएं दावेदारी कर रही हैं. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा से तीनों सिटिंग विधायक बबीता देवी, सीमा देवी, जोबा मांझी और सीता सोरेन चुनावी समर में उतर सकती हैं. वहीं कांग्रेस में चेहरों की बात करें तो निवर्तमान विधायक निर्मला देवी, संथाल परगना इलाके से पूर्णिमा पांडे समेत कई चेहरे भाग्य आजमा सकतीं हैं.

2014 में 111 में 9 को मिली थी जीत
2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 111 महिलाएं चुनावी समर में उतरी थी. जिनमें 9 महिला उम्मीदवार झारखंड विधानसभा में एंट्री कर पाई थी. वहीं 2018 में सिल्ली और गोमिया विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में दोनों सीटों पर महिलाएं जीती और उनकी संख्या 11 तक गई. जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव जीतने पर झारखंड विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 10 हो गई. 2009 की बात करें तो उस वर्ष 107 महिलाओं को इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में मौका मिला था लेकिन आठ ही जीतकर विधायक बनी.

ये भी पढ़ें- नहीं सुलझी NDA गठबंधन की गांठ, आजसू पार्टी ने शुरू की अन्य सीटों पर स्क्रीनिंग

2005 में 90 से अधिक महिलाओं ने आजमाया भाग्य
उसी तरह 2005 में राज्य गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में 90 से अधिक महिलाओं ने भाग्य आजमाया, लेकिन उनमें से 3 को ही विधायक बनने का मौका मिला. यह पहला मौका है कि पिछले 19 साल में 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 10 महिलाएं विधायक हैं. इसके साथ ही उनमें से दो स्टेट कैबिनेट में मंत्री हैं.

क्या कहते हैं चुनाव आयोग के आंकड़े
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में कुल 2.26 करोड़ मतदाता है. जिनमें से 1.08 करोड़ महिला मतदाता हैं. विधानसभा वार आंकड़ों के हिसाब से सबसे अधिक महिला मतदाता बोकारो में हैं. वहां उनकी संख्या 23.51 लाख है. जबकि सबसे कम महिला मतदाता 86.58 हजार पश्चिम सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर विधानसभा इलाके में हैं.

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव में महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर लगभग सभी राजनीतिक दल वकालत करते हैं, लेकिन जब बात टिकट देने की आती है तो वैसे में महिलाएं हर दल के लिए बैकबेंचर हो जाती हैं. हालांकि मौजूदा विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और उसकी सहयोगी आजसू पार्टी महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर काफी संवेदनशील होने का दावा कर रहे हैं.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव

14 लोकसभा सीट पर 2 पर महिला सांसद
झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में फिलहाल 10 महिला विधायक हैं और राज्य की 14 लोकसभा सीट पर 2 पर महिला सांसद है. सिटिंग विधायकों के अलावा इन दलों में यह महिलाएं रेस में हैं. महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर सत्ताधारी दल से शुरुआत करें तो एक तरफ स्टेट कैबिनेट में दो महिला मंत्री हैं. जबकि उन्हें मिलाकर पार्टी की कुल 5 विधायक महिलाएं हैं. प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के चर्चा करें तो वहां अट्ठारह में से 4 महिला विधायक हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी में एक महिला विधायक हैं.

2019 में कई चेहरे भाग्य आजमा सकतीं हैं
इन सिटिंग महिला विधायकों के अलावा बीजेपी में सीमा शर्मा, महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती सिंह, कोडरमा से शालिनी गुप्ता, नाला इलाके से अमिता रक्षित, दुमका से शर्मिला सोरेन समेत कई महिलाएं दावेदारी कर रही हैं. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा से तीनों सिटिंग विधायक बबीता देवी, सीमा देवी, जोबा मांझी और सीता सोरेन चुनावी समर में उतर सकती हैं. वहीं कांग्रेस में चेहरों की बात करें तो निवर्तमान विधायक निर्मला देवी, संथाल परगना इलाके से पूर्णिमा पांडे समेत कई चेहरे भाग्य आजमा सकतीं हैं.

2014 में 111 में 9 को मिली थी जीत
2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 111 महिलाएं चुनावी समर में उतरी थी. जिनमें 9 महिला उम्मीदवार झारखंड विधानसभा में एंट्री कर पाई थी. वहीं 2018 में सिल्ली और गोमिया विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में दोनों सीटों पर महिलाएं जीती और उनकी संख्या 11 तक गई. जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव जीतने पर झारखंड विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 10 हो गई. 2009 की बात करें तो उस वर्ष 107 महिलाओं को इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में मौका मिला था लेकिन आठ ही जीतकर विधायक बनी.

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2005 में 90 से अधिक महिलाओं ने आजमाया भाग्य
उसी तरह 2005 में राज्य गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में 90 से अधिक महिलाओं ने भाग्य आजमाया, लेकिन उनमें से 3 को ही विधायक बनने का मौका मिला. यह पहला मौका है कि पिछले 19 साल में 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 10 महिलाएं विधायक हैं. इसके साथ ही उनमें से दो स्टेट कैबिनेट में मंत्री हैं.

क्या कहते हैं चुनाव आयोग के आंकड़े
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में कुल 2.26 करोड़ मतदाता है. जिनमें से 1.08 करोड़ महिला मतदाता हैं. विधानसभा वार आंकड़ों के हिसाब से सबसे अधिक महिला मतदाता बोकारो में हैं. वहां उनकी संख्या 23.51 लाख है. जबकि सबसे कम महिला मतदाता 86.58 हजार पश्चिम सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर विधानसभा इलाके में हैं.

Intro:इससे जुड़ा बाइट हसन अंसारी केन्द्रीय उपाध्यक्ष आजसू पार्टी और प्रतुल शाहदेव बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता की बाइट लाइव व्यू से गयी है। रांची। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर लगभग सभी राजनीतिक दल वकालत करते हैं लेकिन जब बात टिकट देने की आती है तो वैसे में महिलाएं हर दल के लिए बैकबेंचर हो जाती हैं। हालांकि मौजूदा विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और उसकी सहयोगी आजसू पार्टी महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर काफी संवेदनशील होने का दावा कर रहे हैं। आंकड़ों का यकीन करें तो 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में फिलहाल 10 महिला विधायक हैं और राज्य की 14 लोकसभा सीट पर 2 पर महिला सांसद है। सिटिंग विधायकों के अलावा इन दलों में यह महिलाएं हैं रेस में महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर सत्ताधारी दल से शुरुआत करें तो एक तरफ स्टेट केबिनेट दो महिला मंत्री हैं। जबकि उन्हें मिलाकर पार्टी की कुल 5 विधायक महिलाएं हैं। प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के चर्चा करें तो वहां अट्ठारह में से 4 महिला विधायक हैं जबकि कांग्रेस पार्टी में एक महिला विधायक है। इन सिटिंग महिला विधायकों के अलावा बीजेपी में सीमा शर्मा, महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती सिंह, कोडरमा से शालिनी गुप्ता, नाला इलाके से अमिता रक्षित, दुमका से शर्मिला सोरेन समेत कई महिलाएं दावेदारी कर रही हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा से तीनों सिटिंग विधायक बबीता देवी, सीमा देवी, जॉब मांझी और सीता सोरेन चुनावी समर में उतर सकती हैं। वहीं कांग्रेस में चेहरों की बात करें तो निवर्तमान विधायक निर्मला देवी, संथाल परगना इलाके से पूर्णिमा पांडे समेत कई चेहरे भाग्य आजमा सकते हैं।


Body:2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 111 महिलाएं चुनावी समर में उतरी थी। उनमें 9 महिला उम्मीदवार झारखंड विधानसभा में एंट्री कर पायी थी। वहीं 2018 में सिल्ली और गोमिया विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में दोनों सीटों पर महिलाएं जीती और उनकी संख्या 11 तक गयी। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में गीता कोड़ा के लोकसभा चुनाव जीतने पर झारखण्ड विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 10 हो गई। वहीं 2009 की बात करें तो उस वर्ष 107 महिलाओं को इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में मौका मिला था लेकिन आठ ही जीतकर विधायक बनी।


Conclusion:उसी तरह 2005 में राज्य गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में 90 से अधिक महिलाओं ने भाग्य आजमाया लेकिन 3 को ही विधायक बनने का मौका मिला। यह पहला मौका है कि पिछले 19 साल में 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 10 महिलाएं विधायक हैं।साथ ही उनमें से दो स्टेट कैबिनेट में मंत्री हैं। क्या कहते हैं चुनाव आयोग के आंकड़े चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में कुल 2.26 करोड़ मतदाता है। जिनमें से 1.08 करोड़ महिला मतदाता हैं। विधानसभा वार आंकड़ों के हिसाब से सबसे अधिक महिला मतदाता बोकारो में हैं वहां उनकी संख्या 23.51 लाख है। जबकि सबसे कम महिला मतदाता 86.58 हजार पश्चिम सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर विधानसभा इलाके में हैं।
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