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झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त, जानिए कैसे रहे पांच दिन - झारखंड राज्य आवास बोर्ड संशोधन विधेयक

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र का समापन हो गया. इस सत्र के दौरान जहां मॉब लिंचिंग पर एक सख्त कानून बना तो वहीं, झारखंड राज्य आवास बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2019 को वापस लिया गया. इसके अलावा सदन में कई मुद्दों को लेकर सरकार और विपक्ष में गर्मागर्म बहस हुई.

winter session of jharkhand assembly
winter session of jharkhand assembly
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Published : Dec 22, 2021, 10:24 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 10:47 PM IST

रांची: सत्तापक्ष और विपक्ष की तीखी नोकझोंक के बीच झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र का समापन हो गया. 16 से 22 दिसंबर तक चले इस शीतकालीन में जेपीएससी का मुद्दा गरमाया रहा. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और आजसू सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरने में जुटी रही. जेपीएससी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सदन में दिए गए वक्तव्य में आंदोलनकारियों को मनुवादी और भाजपा प्रायोजित आंदोलन बताए जाने पर सदन गरमाया रहा.

इस शीतकालीन सत्र में पांच कार्य दिवस थे. मगर शोर शराबे और हंगामे के कारण सिर्फ तीन दिन की ही कार्यवाही हुई. सत्र के पहले दिन, स्वीकृत और राज्यपाल के अनुमत विधेयकों की विवरणी को सभा पटल पर रखा गया. इसके अलावा आश्वासनों पर सरकार द्वारा कृत कार्रवाई प्रतिवेदन भी सदन में रखा गया. सत्र के अगले दिन प्रश्न काल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाओं जैसे नियमित कार्यों के अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दो हजार नौ सौ छब्बीस करोड़ बारह लाख रुपये के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में रखा गया. जिसके अनुदान मांगों पर वाद- विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान 20 दिसंबर को हुआ. इसके अलावा झारखंड विनियोग (संख्या-04) विधेयक, 2021 का पुरःस्थापन और सदन की स्वीकृति भी इस 20 दिसंबर को हुई.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: हेमंत सोरेन गुंडा और माफिया से हैं घिरे- बाबूलाल

21 दिसंबर को महत्वपूर्ण विधायी कार्यों के अंतर्गत झारखंड राज्य आवास बोर्ड संशोधन विधेयक 2019 को सभा ने वापस लिया. इस विधेयक को विधानसभा ने फरवरी, 2019 में पारित किया गया था. इसी दिन एक बेहद महत्वपूर्ण विधेयक झारखंड भीड़ हिंसा और मॉब लिंचिंग विधेयक 2021 को सदन में लाया गया और इसकी स्वीकृति भी दी गई. सत्र के अंतिम दिन नियमित कार्यो के साथ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 31 मार्च, 2020 और 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वर्ष के लिए CAG की रिपोर्ट पेश की गई. इसके अलावा अंतिम दिन कुल तीन विधेयक कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2021 , झारखंड विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2021 और पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक 2021 की भी सदन की स्वीकृति मिली.

पूरे सत्र काल में कुल 293 प्रश्न स्वीकृत किए गए. 99 शून्यकाल प्राप्त हुए जिनमें 88 स्वीकृत हुआ. ध्यानाकर्षण की 20 सूचनाएं स्वीकृत हुई जिनमें 07 उत्तरित हुआ. लोकहित के विषयों पर कुल 31 निवेदन की सूचनाएं और 36 गैर सरकारी संकल्प लिए गए. कुछ समितियों के प्रतिवेदन भी सदन पटल पर रखा गया.

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन झारखंड विधानसभा में सरकार की ओर से झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2021 लाया गया. इसके तहत बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम 1948 में संशोधन के जरिए कैप्टिव शुल्क दर निर्धारित की गई है. विधानसभा से पास होने के बाद यह अधिनियम झारखंड विद्युत शुल्क अधिनियम 2021 कहा जाएगा. भोजनावकाश के बाद सदन में पेश इस बिल पर चर्चा हुई. विपक्ष की ओर से भाजपा विधायक अनंत ओझा ने संशोधन प्रस्ताव सदन में लाकर सरकार पर निशाना साधा. अनंत ओझा ने कहा कि एक तरफ सरकार राजस्व का रोना रो रही है. वहीं दूसरी तरफ कैप्टिव खपत शुल्क नये सिरे से निर्धारित की जा रही है. राज्य में बिजली की किल्लत से जनता जूझ रही है और सरकार अपने संसाधन दुरुस्त करने के बजाय इस तरह का संशोधन ला रही है. सदन में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस बिल के समर्थन में कहा कि अंगीकृत बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम 1948 के अंतर्गत कैप्टिव खपत के लिए शुल्क की गणना में व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम 1948 के साथ एक अनुसूची को जोड़ने की आवश्यकता है. इस संशोधन से शुल्क की गणना में सुगमता आएगी. इधर विपक्ष के उठाए जा रहे सवाल का जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विपक्ष सकारात्मक सोच के बजाय हर चीजों में नकारात्मक सोच रखती है.


स्पीकर सहित सभी ने जताई खुशी
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही देर शाम तक चलता रहा. इस दौरान स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम के द्वारा सदन से निलंबित विधायक मनीष जायसवाल का निलंबन वापस लेने के आग्रह को स्वीकार किया. देर शाम तक चली सदन की कार्यवाही से संतुष्ट स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विपक्ष के द्वारा सदन की कार्यवाही में सहयोग देने के लिए सराहना की. वहीं, बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी और अन्य भाजपा विधायकों ने सरकार पर निशाना साधते दिखे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संबोधन के बाद स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन को संबोधित करते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.

रांची: सत्तापक्ष और विपक्ष की तीखी नोकझोंक के बीच झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र का समापन हो गया. 16 से 22 दिसंबर तक चले इस शीतकालीन में जेपीएससी का मुद्दा गरमाया रहा. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और आजसू सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरने में जुटी रही. जेपीएससी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सदन में दिए गए वक्तव्य में आंदोलनकारियों को मनुवादी और भाजपा प्रायोजित आंदोलन बताए जाने पर सदन गरमाया रहा.

इस शीतकालीन सत्र में पांच कार्य दिवस थे. मगर शोर शराबे और हंगामे के कारण सिर्फ तीन दिन की ही कार्यवाही हुई. सत्र के पहले दिन, स्वीकृत और राज्यपाल के अनुमत विधेयकों की विवरणी को सभा पटल पर रखा गया. इसके अलावा आश्वासनों पर सरकार द्वारा कृत कार्रवाई प्रतिवेदन भी सदन में रखा गया. सत्र के अगले दिन प्रश्न काल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाओं जैसे नियमित कार्यों के अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दो हजार नौ सौ छब्बीस करोड़ बारह लाख रुपये के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में रखा गया. जिसके अनुदान मांगों पर वाद- विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान 20 दिसंबर को हुआ. इसके अलावा झारखंड विनियोग (संख्या-04) विधेयक, 2021 का पुरःस्थापन और सदन की स्वीकृति भी इस 20 दिसंबर को हुई.

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21 दिसंबर को महत्वपूर्ण विधायी कार्यों के अंतर्गत झारखंड राज्य आवास बोर्ड संशोधन विधेयक 2019 को सभा ने वापस लिया. इस विधेयक को विधानसभा ने फरवरी, 2019 में पारित किया गया था. इसी दिन एक बेहद महत्वपूर्ण विधेयक झारखंड भीड़ हिंसा और मॉब लिंचिंग विधेयक 2021 को सदन में लाया गया और इसकी स्वीकृति भी दी गई. सत्र के अंतिम दिन नियमित कार्यो के साथ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 31 मार्च, 2020 और 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वर्ष के लिए CAG की रिपोर्ट पेश की गई. इसके अलावा अंतिम दिन कुल तीन विधेयक कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2021 , झारखंड विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2021 और पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक 2021 की भी सदन की स्वीकृति मिली.

पूरे सत्र काल में कुल 293 प्रश्न स्वीकृत किए गए. 99 शून्यकाल प्राप्त हुए जिनमें 88 स्वीकृत हुआ. ध्यानाकर्षण की 20 सूचनाएं स्वीकृत हुई जिनमें 07 उत्तरित हुआ. लोकहित के विषयों पर कुल 31 निवेदन की सूचनाएं और 36 गैर सरकारी संकल्प लिए गए. कुछ समितियों के प्रतिवेदन भी सदन पटल पर रखा गया.

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन झारखंड विधानसभा में सरकार की ओर से झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2021 लाया गया. इसके तहत बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम 1948 में संशोधन के जरिए कैप्टिव शुल्क दर निर्धारित की गई है. विधानसभा से पास होने के बाद यह अधिनियम झारखंड विद्युत शुल्क अधिनियम 2021 कहा जाएगा. भोजनावकाश के बाद सदन में पेश इस बिल पर चर्चा हुई. विपक्ष की ओर से भाजपा विधायक अनंत ओझा ने संशोधन प्रस्ताव सदन में लाकर सरकार पर निशाना साधा. अनंत ओझा ने कहा कि एक तरफ सरकार राजस्व का रोना रो रही है. वहीं दूसरी तरफ कैप्टिव खपत शुल्क नये सिरे से निर्धारित की जा रही है. राज्य में बिजली की किल्लत से जनता जूझ रही है और सरकार अपने संसाधन दुरुस्त करने के बजाय इस तरह का संशोधन ला रही है. सदन में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस बिल के समर्थन में कहा कि अंगीकृत बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम 1948 के अंतर्गत कैप्टिव खपत के लिए शुल्क की गणना में व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम 1948 के साथ एक अनुसूची को जोड़ने की आवश्यकता है. इस संशोधन से शुल्क की गणना में सुगमता आएगी. इधर विपक्ष के उठाए जा रहे सवाल का जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विपक्ष सकारात्मक सोच के बजाय हर चीजों में नकारात्मक सोच रखती है.


स्पीकर सहित सभी ने जताई खुशी
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही देर शाम तक चलता रहा. इस दौरान स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम के द्वारा सदन से निलंबित विधायक मनीष जायसवाल का निलंबन वापस लेने के आग्रह को स्वीकार किया. देर शाम तक चली सदन की कार्यवाही से संतुष्ट स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विपक्ष के द्वारा सदन की कार्यवाही में सहयोग देने के लिए सराहना की. वहीं, बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी और अन्य भाजपा विधायकों ने सरकार पर निशाना साधते दिखे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संबोधन के बाद स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन को संबोधित करते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.

Last Updated : Dec 22, 2021, 10:47 PM IST
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