रांची: कोविड-19 की वजह से इस बार गर्मी के पीक सीजन में बिजली की खपत पिछले वर्ष की तुलना में कम रही है. रांची जिले के शहरी क्षेत्र में जहां वर्ष 2019 में 260 से 290 मेगावाट बिजली की डिमांड रही थी. वहीं, इस वर्ष मांग में 20 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है. लॉकडाउन के दौरान हर दिन 40 से 50 मेगावाट बिजली की खपत में कमी रही है. गर्मी में सबसे ज्यादा बिजली की खपत रात में कॉमन हुए गैजेट, एसी की वजह से होती थी, लेकिन इस वर्ष एसी से भी लोग परहेज करते दिखे. जिसकी वजह से एसी की बिक्री में भी काफी कमी आई.
![Weather changed in Corona period in ranchi, Corona in Jharkhand, decrease in AC sales in Corona, decline in electricity bill in Corona, झारखंड में कोरोना, कोरोना में एसी की बिक्री में कमी, कोरोना में बिजली बिल में भी गिरावट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-01-rkc-bijli-khapat-pkg-jh10013_13062020141924_1306f_01219_876.jpg)
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बिक्री नहीं होने से बिजली खपत में कमी आई
हरमू पावर ग्रिड के असिस्टेंट इलेक्ट्रिक इंजीनियर भास्कर लकड़ा ने बताया कि इस वर्ष गर्मी भी कम पड़ी. इस वजह से बिजली की खपत में कमी आई है और लॉकडाउन की वजह से पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गर्मी में 15 से 20 प्रतिशत बिजली की खपत कम हुई है. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां मौसम ने बिजली की खपत को कम किया, तो दूसरी तरफ लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद रहने और गर्मी से बचाव के लिए एसी, कूलर, पंखा जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों की भी बिक्री नहीं होने से बिजली खपत में कमी आई है.
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'कई भ्रांतियां भी बिक्री में रोड़ा बनी'
वहीं, जब इन दुकानों को खोलने की छूट मिली तो कई भ्रांतियां भी इनके बिक्री में रोड़ा बन गई. एसी डीलर अशोक कुमार बताते हैं कि इस वर्ष गर्मी के सीजन में एसी लेने में बहुत कम लोगों ने दिलचस्पी दिखाई. बल्कि न के बराबर एसी की बिक्री हुई. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जहां एक सौ से डेढ़ सौ पीस ऐसी गर्मी के सीजन में बिकती थी, इस वर्ष मौसम और कुछ भ्रांतियों की वजह से इसकी बिक्री न के बराबर हुई. ऐसी विक्रेता सुनील कुमार ने बताया कि एक एसी से लगभग 700 से 1000 रुपए तक की अतिरिक्त बिजली बिल आती है, लेकिन एसी के कम इस्तेमाल और बिक्री ने बिजली की खपत को कम किया है.