रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों में प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत ज्यादा मानदेय और कार्यदिवस दिलाने का राज्य सरकार का सपना पूरा होते नहीं दिख रहा है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव एनएन सिन्हा ने सोमवार को यह स्पष्ट किया है कि झारखंड में मनरेगा के तहत एक दिन के काम के बदले दिया जाने वाला मानदेय हाल में बढ़ाकर 194 रुपए किया गया है.
उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी एक सिस्टम से की गई है और अन्य राज्यों के साथ झारखंड में भी मनरेगा के मानदेय में वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि इस राज्य के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अब इससे ज्यादा बढ़ोतरी इस साल संभव नहीं है.
झारखंड विकास सचिव ने भी बढ़ोत्तरी की रखी मांग
सिन्हा ने साफ कहा कि यथासंभव कोशिश की गई है इसकी दर बढ़ायी जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण योजना के अनाउंसमेंट के साथ इस दर की वृद्धि का निर्णय लिया था. इसलिए इस पर तत्काल कोई परिवर्तन की गुंजाइश नहीं है. हालांकि बैठक में झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने मानदेय बढ़ोतरी को लेकर पक्ष रखा है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि दूसरे राज्यों में धान और गेहूं की कटाई के लिए यहां के मजदूरों को 300 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं. जबकि यहां मिट्टी कटाई के एवज में उन्हें 194 रुपये दिए जाते हैं.
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100 दिन का उपयोग नहीं होता, कैसे बढ़ेगा कार्यदिवस
उन्होंने कहा कि जहां तक 100 दिनों से ज्यादा कार्य दिवस बढ़ाने का मुद्दा है. यह अभी फिलहाल संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि आज भी 40 से 50 दिन से ज्यादा यूटिलाइजेशन नहीं होता है. उन्होंने कहा कि यह डिमांड ड्रिवेन स्कीम है. अगर जरूरत पड़ेगी तो कार्य दिवस बढ़ाया जाएगा, लेकिन उससे पहले संपूर्ण कार्यदिवस का यूटिलाइजेशन जरूरी है.
केंद्र से मानदेय और कार्यदिवस बढाने के लिए सरकार ने की थी कोशिश
कोरोना महामारी ने विकराल रूप लेना शुरू किया तो झारखंड सरकार ने अपने घरों की ओर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत काम देने का देने की घोषणा कर दी. इसके तहत तीन नई स्कीम शुरू की गई. साथ ही राज्य सरकार शुरू से मनरेगा के मानदेय और कार्य दिवस को बढ़ाने को लेकर मांग करती रही है. इस बाबत ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा की मजदूरी 200 रुपये से अधिक करने और कार्य दिवस 150 तक बढाने को करने को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा था.
विभागों की हुई समीक्षा
इस मौके पर सिन्हा ने कहा कि सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग के अलावा महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग का भी रिव्यू किया गया है. इसके तहत चल रहे विकास कार्यों और अन्य योजनाओं को लेकर भी रिव्यू किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश सकारात्मक है. उन्होंने कहा कि नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन में लगे लोगों को रोजगार देने के बारे में राज्य सरकार को 5 साल के टाइम फ्रेम के साथ सोचना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े पैसे रिलीज करने में थोड़ी कठिनाई हो रही है. इस पर राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार अपने हिस्से के पैसे रिलीज कर रही है. राज्य सरकार को भी इस बाबत गंभीर होना चाहिए. बैठक में राज्य के ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक समेत अन्य अधिकारी अधिकारी मौजूद रहे.