ETV Bharat / city

बाबूलाल मरांडी दलबदल मामलाः विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई

बाबूलाल मरांडी दलबदल मामले में आज फिर सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई के दौरान स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

Babulal Marandi defection case
Babulal Marandi defection case
author img

By

Published : May 17, 2022, 7:37 AM IST

Updated : May 17, 2022, 8:18 AM IST

रांचीः बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से जुड़े दलबदल मामले में आज फिर सुनवाई होगी. स्पीकर न्यायाधिकरण में मामले की सुनवाई चल रही है. पिछली सुनवाई के बाद स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ये भी पढ़ेंः बाबूलाल मरांडी दलबदल मामलाः विधानसभा न्यायाधिकरण ने फैसला रखा सुरक्षित

बता दें कि 9 मई को बाबूलाल मरांडी दलबदल मामले में विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई. दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया. मामले में प्रीलिमिनरी ऑबजेक्शन पीटिशन पर विधानसभा न्यायाधिकरण में फैसला सुरक्षित रखा है. 6 मई को भूषण तिर्की और राजकुमार यादव की याचिका पर सुनवाई हुई थी. इस पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

बाबूलाल मरांडी पर दलबदल केस: पिछली बार वर्चुअल माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण के समक्ष दोनों पक्षों की ओर से दलील रखी गई. बाबूलाल की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएन सहाय ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला 10 वीं अनुसूची के उल्लंघन से जुड़ा हुआ नहीं है. उन्होंने अदालत के समक्ष जेवीएम प्रजातांत्रिक के बीजेपी में मर्जर को सही बताते हुए कहा कि इसपर चुनाव आयोग की भी सहमति मिल चुकी है.

सहाय ने विधानसभा के नियम का हवाला देते हुए न्यायाधिकरण से इस तरह के केस में अतिशीघ्र लिखित शिकायत दर्ज करने का प्रावधान बताया. कहा कि, लेकिन याचिकाकर्ता ने दस महीने बाद न्यायाधिकरण के समक्ष आवेदन दिया है. इसलिए दोनों आवेदन को खारिज किया जाय. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आरएन सहाय द्वारा बाबूलाल की ओर से फैसला आने से पहले प्रपोज इश्यू न्यायाधिकरण के समक्ष रखा गया. उन्होंने कहा कि भूषण तिर्की और राजकुमार यादव द्वारा दाखिल इसी तरह की पीटिशन पर सुनवाई 06 मई को हुई थी, जिसपर भी न्यायाधिकरण का फैसला आना बांकी है.

इधर प्रदीप यादव की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता गड़ोदिया ने जेवीएम के मर्जर को गलत बताते हुए इसके खिलाफ दाखिल याचिका को सही बताया. उन्होंने न्यायाधिकरण से बाबूलाल के प्रीलिमिनरी ऑबजेक्शन को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि विधानसभा नियमावली में कोई ऐसा निर्धारित समय का प्रावधान नहीं है. दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद अब सबकुछ स्पीकर कोर्ट में आने वाले फैसले पर टिका है. हालांकि अब इस मामले में विधानसभा न्यायाधिकरण में बाबूलाल पर लगे दल बदल के आरोप के मेरिट पर सुनवाई होने की संभावना है.

स्पीकर कोर्ट में बाबूलाल मरांडी पर दलबदल के कई केसः बाबूलाल मरांडी पर 10वीं अनुसूची के उल्लंघन के विधानसभाध्यक्ष के न्यायाधिकरण में चार अलग अलग केस दर्ज हैं.
राजकुमार यादव ने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए विधानसभा में 16 दिसंबर 2020 को याचिका दाखिल की थी जिसका कांड संख्या 02/2020 है उसी तरह भूषण तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 03/2020,दीपिका पांडे द्वारा दाखिल केस नंबर 01/2021 और प्रदीप यादव बंधु तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 02/2021 है.

रांचीः बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से जुड़े दलबदल मामले में आज फिर सुनवाई होगी. स्पीकर न्यायाधिकरण में मामले की सुनवाई चल रही है. पिछली सुनवाई के बाद स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ये भी पढ़ेंः बाबूलाल मरांडी दलबदल मामलाः विधानसभा न्यायाधिकरण ने फैसला रखा सुरक्षित

बता दें कि 9 मई को बाबूलाल मरांडी दलबदल मामले में विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई. दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया. मामले में प्रीलिमिनरी ऑबजेक्शन पीटिशन पर विधानसभा न्यायाधिकरण में फैसला सुरक्षित रखा है. 6 मई को भूषण तिर्की और राजकुमार यादव की याचिका पर सुनवाई हुई थी. इस पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

बाबूलाल मरांडी पर दलबदल केस: पिछली बार वर्चुअल माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण के समक्ष दोनों पक्षों की ओर से दलील रखी गई. बाबूलाल की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएन सहाय ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला 10 वीं अनुसूची के उल्लंघन से जुड़ा हुआ नहीं है. उन्होंने अदालत के समक्ष जेवीएम प्रजातांत्रिक के बीजेपी में मर्जर को सही बताते हुए कहा कि इसपर चुनाव आयोग की भी सहमति मिल चुकी है.

सहाय ने विधानसभा के नियम का हवाला देते हुए न्यायाधिकरण से इस तरह के केस में अतिशीघ्र लिखित शिकायत दर्ज करने का प्रावधान बताया. कहा कि, लेकिन याचिकाकर्ता ने दस महीने बाद न्यायाधिकरण के समक्ष आवेदन दिया है. इसलिए दोनों आवेदन को खारिज किया जाय. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आरएन सहाय द्वारा बाबूलाल की ओर से फैसला आने से पहले प्रपोज इश्यू न्यायाधिकरण के समक्ष रखा गया. उन्होंने कहा कि भूषण तिर्की और राजकुमार यादव द्वारा दाखिल इसी तरह की पीटिशन पर सुनवाई 06 मई को हुई थी, जिसपर भी न्यायाधिकरण का फैसला आना बांकी है.

इधर प्रदीप यादव की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता गड़ोदिया ने जेवीएम के मर्जर को गलत बताते हुए इसके खिलाफ दाखिल याचिका को सही बताया. उन्होंने न्यायाधिकरण से बाबूलाल के प्रीलिमिनरी ऑबजेक्शन को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि विधानसभा नियमावली में कोई ऐसा निर्धारित समय का प्रावधान नहीं है. दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद अब सबकुछ स्पीकर कोर्ट में आने वाले फैसले पर टिका है. हालांकि अब इस मामले में विधानसभा न्यायाधिकरण में बाबूलाल पर लगे दल बदल के आरोप के मेरिट पर सुनवाई होने की संभावना है.

स्पीकर कोर्ट में बाबूलाल मरांडी पर दलबदल के कई केसः बाबूलाल मरांडी पर 10वीं अनुसूची के उल्लंघन के विधानसभाध्यक्ष के न्यायाधिकरण में चार अलग अलग केस दर्ज हैं.
राजकुमार यादव ने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए विधानसभा में 16 दिसंबर 2020 को याचिका दाखिल की थी जिसका कांड संख्या 02/2020 है उसी तरह भूषण तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 03/2020,दीपिका पांडे द्वारा दाखिल केस नंबर 01/2021 और प्रदीप यादव बंधु तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 02/2021 है.

Last Updated : May 17, 2022, 8:18 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.