रांची: सिमडेगा पुलिस के कुछ अफसरों के द्वारा रायपुर के एक बड़े जेवर दुकान से चोरी हुए जेवरात को बरामद होने के बाद उसे गायब कर देने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. डीआईजी अनीश गुप्ता ने इस केस में सिमडेगा के बांसजोर ओपी के तत्कालीन ओपी प्रभारी आशीष कुमार और दरोगा संदीप कुमार को बर्खास्त कर दिया है.
चोरी के जेवर बरामद होने के बाद उसे गायब करने के मामले में सिमडेगा एसपी सौरभ ने दोनों सब इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की अनुशंसा डीआईजी को भेजी थी. जिसके बाद डीआईजी ने इस संबंध में कार्रवाई की. विभागीय कदाचार, पुलिस की ड्यूटी में गलत आचरण करने समेत अन्य आरोपों में दोनों दरोगा बर्खास्त किए गए हैं. वर्तमान में इस केस में संदीप कुमार जेल में हैं, जबकि आशीष को जमानत मिल चुकी है.
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क्या है मामला: रायपुर में पिछले साल के अक्तूबर महीनें में एक बड़े जेवर दुकान में चोरी हुई थी. छह अक्तूबर को वाहन चेकिंग के क्रम में बांसजोर में एक स्कार्पियो से आभूषण के साथ पुलिस ने चार चोरों को गिरफ्तार किया था. जबकि दो लोग मौके से भाग गए थे. तब एसपी रहे शम्स तबरेज ने प्रेस कांफ्रेस कर 25 लाख के जेवर की बरामदगी की बात कही थी, जबकि रायपुर के नवकार ज्वेलर्स से 80 लाख के जेवर चोरी हुए थे. रायपुर पुलिस ने इस मामले में सिमडेगा पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए झारखंड पुलिस के वरीय अफसरों से शिकायत की थी. बाद में जांच हुई तो पता चला कि तत्कालीन ओपी प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने 15 किलोग्राम चांदी समेत अन्य जेवरात छिपा दिए थे. बाद में पुलिस अफसरों के द्वारा गायब किए गए जेवरात की बरामदगी विरमित्रापुर समेत अन्य जगहों से हुई थी. इस मामले में बाद में ओपी प्रभारी आशीष कुमार, दरोगा संदीप कुमार को सिमडेगा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
सीआईडी कर चुकी है चार्जशीट: सिमडेगा पुलिस के द्वारा जेल भेजे गए दोनों दरोगा, चोरी के आरोप में गिरफ्तार चार आरोपियों के खिलाफ सीआईडी ने चार्जशीट दायर किया था. इस मामले में पुलिस की बदनामी हुई थी, ऐसे में पुलिस मुख्यालय काफी सख्त रहा था. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर ही सिमडेगा के वर्तमान एसपी सौरभ ने पुलिस अफसरों की भूमिका को आचरण विरूद्ध व गैरकानूनी मानते हुए बर्खास्तगी की सिफारिश की थी, जिसके बाद डीआईजी ने कार्रवाई की.