रांची: झारखंड आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड प्रदेश के तत्वाधान में 20वें झारखंड आदिम जनजाति महासम्मेलन का आयोजन बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रांगण में किया गया. इस सम्मेलन में झारखंड राज्य के 9 आदिम जनजाति समुदायों ने भाग लिया. सम्मेलन में असुर, अगरिया, बिरहोर, ब्रिजिया, हिल, खड़िया, कोरवा, माल,पहड़िया, सौरया, पहड़िया, साबर, परहौया जनजाति शामिल हुई, जिसकी आबादी 2 लाख 92 हजार के करीब है.
झारखंड आदिम जनजाति विकास समिति अध्यक्ष मनोज कुमार अगरिया ने कहा कि झारखंड अलग हुए 20 साल हो गए. इस दौरान कई सरकारें आईं और कई सरकारें गईं, लेकिन आदिम जनजाति समुदाय के विकास की गति धीमी ही रही. पिछली सरकार ने कई कानून बनाए, हालांकि धरातल पर सरकार की योजनाएं नहीं उतर सकीं. आदिम जनजाति महासम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था कि जो पूर्ववर्ती सरकार की ओर आदिम जनजातियों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाएं, जो फिलहाल बंद पड़ी हुई हैं. वह योजना को नई सरकार फिर से लागू करे.
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रघुवर सरकार की योजनाएं
- हर विभाग में 2 फीसदी आरक्षण
- बिरसा आवास योजना
- स्वास्थ्य योजना
- खाद्य सुरक्षा डाकिया योजना
- पेंशन योजना
- स्वच्छ पेयजल योजना
- शिक्षा योजना
- आदिम जनजाति ग्राम विकास योजना
- आदिम जनजाति प्रमाणपत्र की सही नियमावली बनाना
- आदिम जनजाति विकास प्राधिकरण का सही से संचालन
- आदिम जनजाति समूह में भूमि संबंधी समस्या
- अगरिया आदिम जनजाति को झारखंड राज्य में आदिम जनजाति योजनाओं का लाभ देना