रांची: झारखंड में आदिवासियों की जमीन को सुरक्षित करने को लेकर सीएनटी एक्ट लागू किया गया है. उसके बावजूद आदिवासियों की जमीन धड़ल्ले से लूटी जा रही है. इसे लेकर आदिवासी समाज के लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को भी सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने राजभवन के सामने धरना दिया और राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा.
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आदिवासी नेता नारायण उराव ने कहा कि राज्य के आदिवासियों की जमीन धड़ल्ले से लूटी जा रही है. इसके बावजूद सरकार या प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह से जमीन लूटने का सिलसिला जारी रहेगा तो निश्चित तौर पर राज्य में आदिवासियों की जमीन को बचाना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी आदिवासी समाज के लोग संवैधानिक तरीके से विरोध कर रहे हैं. अगर जल्द इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आदिवासी समाज मजबूरन सड़कों में उतर कर उग्र आंदोलन करेगी.
सीएनटी एसपीटी कानून की उड़ रही धज्जियां
वहीं आदिवासी नेता रवि तिग्गा ने कहा कि अंग्रेजों के समय से आदिवासियों की जमीन की सुरक्षा के लिए सीएनटी एसपीटी कानून लागू किया गया. लेकिन इस कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. राज्य में आदिवासियों की जमीन और आदिवासी युवाओं की सुरक्षा खतरे में है. उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकजुट होकर राजभवन पहुंचे हैं. राज्यपाल को पूरे मामले से अवगत कराया गया है.