ETV Bharat / city

दिल्ली में झारखंड के आदिवासी संगठनों ने किया प्रदर्शन, सरना धर्म कोड लागू करने की मांग

सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली में झारखंड से आये राष्ट्रीय आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति के लोगों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार जल्द सरना धर्म कोड प्रस्ताव पर विचार करे.

demonstration of tribal organizations of Jharkhand
झारखंड के आदिवासी संगठनों का प्रदर्शन
author img

By

Published : Mar 15, 2021, 7:13 PM IST

नई दिल्ली: सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली में झारखंड से आए राष्ट्रीय आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति के लोगों ने प्रदर्शन किया. इन आदिवासी संगठन के लोगों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार जल्द सरना धर्म कोड प्रस्ताव पर विचार करे.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- रांची: किसानों और व्यापारियों ने टेंडर व्यवस्था का किया पुरजोर विरोध, साप्ताहिक बाजार रहे पूरी तरह बंद

बड़े स्तर पर प्रदर्शन की चेतावनी

आदिवासियों ने कुडूख, मुंडारी, हो और गौर्डी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की. मांग पूरी नहीं होने पर देशभर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की बात कही. बता दें झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था. झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है. प्रस्ताव में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड का प्रस्ताव है और आगामी जनगणना के प्रारूप में सरना आदिवासियों को अलग धर्म के रूप में दर्शाए जाने की बात कही गयी है.

सरना धर्म कोड केंद्र के पाले में

झारखंड की हेमंत सरकार की ओर से सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कराने के बाद इसे केंद्र को भेजा गया है. अब ये मामला केंद्र के पाले में है. केंद्र सरकार ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और अलग-अलग आदिवासी संगठन भी केंद्र सरकार पर दबाव बना रहें हैं कि इस पर जल्द निर्णय लिए जाए.

बता दें कि झारखंड, प. बंगाल, ओडिशा और बिहार में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म कोड के अनुयायी के तौर पर मानता है. ये वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ों और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. इनकी आबादी करीब 12 करोड़ है.

नई दिल्ली: सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली में झारखंड से आए राष्ट्रीय आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति के लोगों ने प्रदर्शन किया. इन आदिवासी संगठन के लोगों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार जल्द सरना धर्म कोड प्रस्ताव पर विचार करे.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- रांची: किसानों और व्यापारियों ने टेंडर व्यवस्था का किया पुरजोर विरोध, साप्ताहिक बाजार रहे पूरी तरह बंद

बड़े स्तर पर प्रदर्शन की चेतावनी

आदिवासियों ने कुडूख, मुंडारी, हो और गौर्डी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की. मांग पूरी नहीं होने पर देशभर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की बात कही. बता दें झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था. झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है. प्रस्ताव में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड का प्रस्ताव है और आगामी जनगणना के प्रारूप में सरना आदिवासियों को अलग धर्म के रूप में दर्शाए जाने की बात कही गयी है.

सरना धर्म कोड केंद्र के पाले में

झारखंड की हेमंत सरकार की ओर से सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कराने के बाद इसे केंद्र को भेजा गया है. अब ये मामला केंद्र के पाले में है. केंद्र सरकार ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और अलग-अलग आदिवासी संगठन भी केंद्र सरकार पर दबाव बना रहें हैं कि इस पर जल्द निर्णय लिए जाए.

बता दें कि झारखंड, प. बंगाल, ओडिशा और बिहार में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म कोड के अनुयायी के तौर पर मानता है. ये वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ों और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. इनकी आबादी करीब 12 करोड़ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.