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आदिवासी संगठनों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल से की मुलाकात, सरना कोड लागू करने के लिए सौंपा स्मार पत्र

झारखंड में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को स्मार पत्र सौंपा. उन्होंने कहा कि 2021 में प्रस्तावित जनगणना प्रपत्र में धर्म कॉलम में आदिवासी धर्म के लिये नया कोड नंबर 7 की व्यवस्था होनी चाहिए.

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सीएम को स्मार पत्र सौंपते आदिवासी संगठन के सदस्य
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Published : Oct 20, 2020, 9:08 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 2021 के जनगणना परिपत्र में सरना धर्म कोड का आवंटन करने के सिलसिले में विभिन्न सरना समितियों के प्रतिनिधिमंडल ने स्मार पत्र सौंपा. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि सरना धर्मावलंबी पिछले चार-पांच दशक से पृथक धर्म कोड की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई सार्थक पहल अभी तक नहीं हो सकी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे संपूर्ण आदिवासी समाज की अस्तित्व की अभिरक्षा को लेकर इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएं. मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में धर्मगुरु बंधन तिग्गा, डॉ करमा उरांव, सुशील उरांव, नारायण उरांव, बबकू उरांव, निर्मल पाहन, शिवा कच्छप और रवि तिग्गा शामिल थे.

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राज्यपाल को स्मार पत्र सौंपती गीताश्री उरांव



वहीं दूसरे तरफ सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद का एक शिष्टमंडल राज्य की पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव के नेतृत्व में राजभवन आकर मिला और राष्ट्रपति महोदय को संबोधित एक ज्ञापन समर्पित किया. जिसमें उल्लेख किया गया है कि आगामी होनेवाली जनगणना 2021 में प्रस्तावित जनगणना प्रपत्र में धर्म कॉलम में आदिवासी धर्म के लिये नया कोड नंबर 7 की व्यवस्था हो. जिससे आदिवासियों की जनगणना के आंकड़े आदिवासी धर्म कॉलम में ही प्रकाशित किया जा सके.

ये भी पढ़ें- भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष ने चेताया, आखिर क्या है माजरा


विभिन्न आदिवासी समाज के लोग अपने वर्षो पुरानी मांग सरना धर्म कॉड को लेकर लगातार सड़को में उतरकर आंदोलन जारी है. राज्य सरकार से विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का मांग कर रहे हैं ताकि 2021 के जनगणना में आदिवासियों के सरना धर्म का अलग कॉलम हो सके.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 2021 के जनगणना परिपत्र में सरना धर्म कोड का आवंटन करने के सिलसिले में विभिन्न सरना समितियों के प्रतिनिधिमंडल ने स्मार पत्र सौंपा. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि सरना धर्मावलंबी पिछले चार-पांच दशक से पृथक धर्म कोड की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई सार्थक पहल अभी तक नहीं हो सकी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे संपूर्ण आदिवासी समाज की अस्तित्व की अभिरक्षा को लेकर इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएं. मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में धर्मगुरु बंधन तिग्गा, डॉ करमा उरांव, सुशील उरांव, नारायण उरांव, बबकू उरांव, निर्मल पाहन, शिवा कच्छप और रवि तिग्गा शामिल थे.

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राज्यपाल को स्मार पत्र सौंपती गीताश्री उरांव



वहीं दूसरे तरफ सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद का एक शिष्टमंडल राज्य की पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव के नेतृत्व में राजभवन आकर मिला और राष्ट्रपति महोदय को संबोधित एक ज्ञापन समर्पित किया. जिसमें उल्लेख किया गया है कि आगामी होनेवाली जनगणना 2021 में प्रस्तावित जनगणना प्रपत्र में धर्म कॉलम में आदिवासी धर्म के लिये नया कोड नंबर 7 की व्यवस्था हो. जिससे आदिवासियों की जनगणना के आंकड़े आदिवासी धर्म कॉलम में ही प्रकाशित किया जा सके.

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विभिन्न आदिवासी समाज के लोग अपने वर्षो पुरानी मांग सरना धर्म कॉड को लेकर लगातार सड़को में उतरकर आंदोलन जारी है. राज्य सरकार से विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का मांग कर रहे हैं ताकि 2021 के जनगणना में आदिवासियों के सरना धर्म का अलग कॉलम हो सके.

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