रांची: कोरोना वायरस की इलाज का दावा कई देशों ने किया है, लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर ऐसी कोई भी दवा-टीका विकसित नहीं हो पाया है जो कोरोना वायरस का इलाज करने में सक्षम हो.
होम्योपैथी दवा आर्सेनिक एलबम-30 को कारगर बताया
वहीं, होम्योपैथ विशेषज्ञों ने यह दावा किया है कि होम्योपैथी की कुछ दवाइयां कोरोना के संक्रमण से बचाने में सहायक हो सकती हैं. होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से कोरोना वायरस से बचाव के लिए होम्योपैथी दवा आर्सेनिक एलबम-30 को कारगर बताया है. क्या वाकई यह दवा कोरोना से बचाव में कारगर होगा. इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने एसोसिएशन के सचिव राजीव कुमार से खास बातचीत की.
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सीआरपीएफ-कोबरा बटालियन को दी गई है दवा
होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन के सचिव राजीव कुमार पिछले दो महीने से कोरोना वायरस से बचाव के लिए सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के जवानों और अधिकारियों के बीच जागरूकता अभियान चला रहे हैं और उन्हें आर्सेनिक एलबम- 30 दवा भी दे रहे हैं.
जवानों को बचाव का तरीका बताया
डॉ राजीव यह दावा कर रहे हैं कि आर्सेनिक एलबम- 30 कोरोना से बचाव में बेहतर काम करेगा. कोरोना वायरस की चपेट में हमारे सुरक्षा बल न आएं इसके लिए डॉ राजीव लगातार प्रयास कर रहे हैं. जैसे ही कोरोना वायरस का संक्रमण तेज हुआ सबसे पहले उन्होंने सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के कैंपों में जाकर जवानों और अधिकारियों को कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बताएं और उन्हें होम्योपैथी की दवा दी.
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हर तरह के लक्षण की दवा उपलब्ध
डॉ राजीव के अनुसार, होम्योपैथी में कुछ ऐसी दवाइयां हैं जो कोरोना वायरस लक्षणों के पाए जाने पर रोगी को दिया जा सकता है. डॉ राजीव के अनुसार, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के रांची स्थित क्लिनिकल रिसर्च यूनिट को कोरोना के संक्रमण के रोकथाम के लिए आर्सेनिक एलबम नाम का दवा बांटने की अनुमति दे दी है. आयुष निदेशक श्रीचंद प्रसाद ने इस आशय का पत्र भी जारी किया है.
जिला प्रशासन मंजूरी लेनी होगी
इसके तहत क्लिनिकल रिसर्च यूनिट को रांची जिले की सीमा में काम करने के लिए कहा गया है. इसके लिए होम्योपैथी क्लिनिकल रिसर्च यूनिट को रांची जिला प्रशासन से भी मंजूरी लेनी होगी. इसके अलावा दवा पाने वाले मरीज को इस बारे में जानकारी देकर सहमति भी पानी होगी. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से इथिकल कमेटी के गठन से पहले विभिन्न प्रकार के प्रावधानों पर गौर किया जा रहा है. इससे पहले निरोधक दवा आर्सेनिक एलबम-30 के वितरण का प्रभाव भी सरकार देखेगी. उसके बाद कोरोना के निदान वाली दवाओं के ट्रायल की इजाजत देगी. डॉ राजीव झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस मुद्दे पर बातचीत कर उन्हें जल्द से जल्द झारखंड में होम्योपैथिक दवा लोगों के बीच उपलब्ध करवाने की इजाजत मांगी है.
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दो लाख दवा बांटने का निर्णय
होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना की रोकथाम के लिए दो लाख दवाओं को बांटने का दावा किया है. एसोसिएशन के सचिव राजीव कुमार बताते हैं कि रेड जोन से सटे इलाकों, कोरोना वॉरियर्स में सरकार के सहयोग से वे निशुल्क दवा बांटने की तैयारी कर रहे हैं. होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन की ओर से एक वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से भी लोगों को दवा के बारे में जानकारी दी जाएगी.
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कारगर दवा की खोज जारी
बता दें कि कोरोना के इलाज में कारगर दवा की खोज के लिए होम्योपैथ समेत भारतीय चिकित्सा पद्धति की दवाएं भी खंगाली जा रही हैं. पूरे देश के आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथ के डाक्टरों और विशेषज्ञों ने आयुष मंत्रालय को 3500 से अधिक दवा और उसके फार्मूले को कोरोना के इलाज में कारगर होने का दावा करते हुए उसका ट्रायल करने का प्रस्ताव भेजा है. आयुष मंत्रालय इन प्रस्तावों में 100 से अधिक सबसे सटीक लगने वाले फार्मूले को कोरोना के इलाज में ट्रायल के तौर पर शामिल पर विचार भी कर रहा है.