रांची: जिले के मोरहाबादी मैदान में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विभाग संघ लिमिटेड प्राइवेट और जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के आदि महोत्सव का आयोजन 29 फरवरी से 9 मार्च तक लगाया गया था. इस आदि महोत्सव में देशभर के लगभग 27 राज्यों के 300 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए थे लेकिन खराब मौसम के कारण इन व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
10 दिनों तक चलने वाले इस आदि महोत्सव में 300 से अधिक स्टॉल के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला पेंटिंग, वस्त्र आभूषण और अन्य बहुत सी वस्तुओं की प्रदर्शनी और बिक्री की गई. इस महोत्सव में 27 राज्यों से लगभग 3000 से अधिक जनजातीय शिल्पकार भाग लिए. कार्यक्रम स्थल पर संध्या 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक जनजातीय संगीत और नृत्य का भी प्रदर्शनी करने के लिए आकर्षक मंच बनाए गए.
देशभर के विभिन्न आदिवासी संस्कृतियों की झलक इस मेले में देखने को मिला लेकिन लगातार झारखंड में मौसम खराब होने के कारण से तेज बारिश और ओलावृष्टि का भी सामना व्यापारियों को करना पड़ा. जिसके कारण व्यापार काफी मंदा रहा. व्यापारियों की मानें तो जिस उम्मीद से मेला लगाए थे उतनी बिक्री नहीं हो पाई.
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इस आदि महोत्सव में घूमने पहुंचे महिलाओं ने कहा कि इस मेले के जरिए केंद्र सरकार ने आदिवासी संस्कृतियों का झलक दिखाने की कोशिश की गई है. पूरे देश भर से स्टॉल लगाए गए थे. जिसमें कई तरह की वस्तुएं और घर की उपयोगी चीज खरीदने को मिले लेकिन बीच-बीच में मौसम खराब होने के कारण मेले का उतना आनंद नहीं ले पाए.