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रांची में तीन महीने में मिले टीबी के 1331 नये मरीज, अब टीपीटी अभियान को किया जाएगा तेज

रांची में टीपीटी अभियान तेज किया जाएगा. इसकी वजह है कि पिछले तीन महीनें में 1331 टीबी के नये मरीज मिले हैं, जो सिर्फ रांची जिले के हैं.

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रांची में तीन महीने में मिले टीबी के 1331 नये मरीज
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Published : May 4, 2022, 10:47 PM IST

रांचीः भारत सरकार ने वर्ष 2024 तक राज्य को टीबी मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन वर्ष 2022 की शुरुआती तीन महीनों में ही 1331 नये टीबी मरीज मिले हैं, जो सिर्फ रांची जिले के हैं. बड़ी संख्या में टीबी के मरीज मिलने से रांची स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है और ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) अभियान को तेज करने का फैसला लिया है.

यह भी पढ़ेंःझारखंड में टीबी उन्मूलन अभियान की आज से शुरुआत, घर-घर पहुंचकर स्वास्थ्यकर्मी खोजेंगे संभावित मरीज

इस अभियान के तहत रांची में टीबी के सभी मरीजों के परिवार के सारे सदस्यों को 6 माह तक आइसोनियाजाइड 300 एमजी की टेबलेट खिलाई जाएगी. बच्चों को उसकी वजन के हिसाब से चिकित्सक तय करेंगे. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. सव्यसाची मंडल ने कहा कि घर का कोई सदस्य टीबी रोग से ग्रसित हो जाता है तो उसके देखरेख में लगा व्यक्ति भी टीबी से ग्रस्त हो जाता है. ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट से वैसे लोगों को टीबी से बचाया जा सकेगा.

देखें पूरी रिपोर्ट


पिछले तीन महीने में रांची में 1331 नये टीबी मरीज मिले हैं. इसमें 733 टीबी मरीज सरकारी अस्पताल से रिपोर्ट किये गए और 598 टीबी मरीज निजी अस्पताल से रिपोर्टिंग की गई है. रांची यक्ष्मा केंद्र के अनुसार 11 टीबी मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने दवा की पूरी खुराक ली. लेकिन टीबी रोग खत्म नहीं हुआ. इसके साथ ही 123 टीबी मरीजों ने दवा की पूरी खुराक नहीं ली है.

रांचीः भारत सरकार ने वर्ष 2024 तक राज्य को टीबी मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन वर्ष 2022 की शुरुआती तीन महीनों में ही 1331 नये टीबी मरीज मिले हैं, जो सिर्फ रांची जिले के हैं. बड़ी संख्या में टीबी के मरीज मिलने से रांची स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है और ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) अभियान को तेज करने का फैसला लिया है.

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इस अभियान के तहत रांची में टीबी के सभी मरीजों के परिवार के सारे सदस्यों को 6 माह तक आइसोनियाजाइड 300 एमजी की टेबलेट खिलाई जाएगी. बच्चों को उसकी वजन के हिसाब से चिकित्सक तय करेंगे. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. सव्यसाची मंडल ने कहा कि घर का कोई सदस्य टीबी रोग से ग्रसित हो जाता है तो उसके देखरेख में लगा व्यक्ति भी टीबी से ग्रस्त हो जाता है. ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट से वैसे लोगों को टीबी से बचाया जा सकेगा.

देखें पूरी रिपोर्ट


पिछले तीन महीने में रांची में 1331 नये टीबी मरीज मिले हैं. इसमें 733 टीबी मरीज सरकारी अस्पताल से रिपोर्ट किये गए और 598 टीबी मरीज निजी अस्पताल से रिपोर्टिंग की गई है. रांची यक्ष्मा केंद्र के अनुसार 11 टीबी मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने दवा की पूरी खुराक ली. लेकिन टीबी रोग खत्म नहीं हुआ. इसके साथ ही 123 टीबी मरीजों ने दवा की पूरी खुराक नहीं ली है.

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