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झारखंड हाई कोर्ट के तीन जज बने स्थाई जज, 19 दिसंबर को दिलाई जाएगी गोपनीयता का शपथ

न्यायाधीश राजेश कुमार, न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी और न्यायाधीश केपी देव को अस्थायी जज से स्थायी जज बनाने की अधिसूचना जारी की गई है.

judges of Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट के तीन जज बने स्थाई जज
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Published : Dec 16, 2019, 10:20 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के स्थाई जजों की संख्या जल्द ही 17 हो जाएगी. झारखंड हाईकोर्ट के तीन जजों को स्थाई जज बनाया गया है. जिसमें जस्टिस राजेश कुमार, जस्टिस अनुभा रावत चौधरी और जस्टिस कैलाश प्रशाद शामिल हैं. तीनों नये जजों को 19 दिसंबर को गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार ने पूर्व में अधिसूचना जारी की थी.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

कौन हैं जस्टिस राजेश कुमार

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार का जन्म बिहार में हुआ था. इनके पिता का नाम बिंदेश्वर सिंह है. इनकी प्रारंभिक शिक्षा सिकिदिरी प्रोजेक्ट स्कूल रांची में हुई थी. जस्टिस राजेश शंकर ने रांची के रातू रोड स्थित सरकारी स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की और संत जेवियर कॉलेज से उन्होंने इंटर की पढ़ाई की. उन्होंने आगे की पढा़ई दिल्ली विश्वविद्यालय से की. जहां उन्होंने गणित सांख्यिकी ऑनर्स किया.

ये भी पढ़ें - UGC की टीम ने किया रांची वीमेंस कॉलेज का निरीक्षण, दोबारा मिल सकता है ऑटोनोमस का दर्जा

जिसके बाद वर्ष 1990-93 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ही लॉ की डिग्री प्राप्त कर ली. डिग्री मिलने के बाद 1994 में इन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया. 1996 में झारखंड हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरु किया फिर 2011 से 17 तक सरकारी वकील रहे.

जस्टिस अनुभा रावत की परिचय

झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत की 12 तक की पढ़ाई रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में हुई. जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने भौतिकी में ऑनर्स किया और डीयू से ही उन्होंने लॉ की पढ़ाई की और 1995 में अनुभा रावत पटना हाईकोर्ट के रांची बेंच में प्रैक्टिस शुरु की. जिसके बाद हाईकोर्ट में भारत सरकार की वकील रहीं. जस्टिस अनुभा रावत झालसा बोर्ड की सदस्य भी थी. वह जनहित के कई मामलों में न्याय मित्र के तौर पर जुड़े रहे.

जस्टिस कैलाश प्रसाद देव

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव का जन्म देवघर जिले की बरनी बाग मोहल्ले में 1967 में हुआ था. इनके पिता स्वर्गीय सत्येंद्र प्रसाद देव संयुक्त बिहार में डीजीपी रहे. बेहतर सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुलिस पद से भी नवाजा गया है. इनकी प्रारंभिक पढ़ाई देवघर में हुई थी.

ये भी पढ़ें - झारखंड विधानसभा चुनाव का चौथा चरण, 15 सीटों पर 16 को मतदान, हर सीट पर है घमासान

इसके बाद कैलाश प्रसाद ने मुंगेर, भागलपुर और पटना से आगे की पढ़ाई पूरी की. दिल्ली से लॉ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 1996 में देवघर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस की. इसके बाद वह पटना हाईकोर्ट चले गए. झारखंड हाईकोर्ट बनने के बाद वह रांची आ गए और सरकार के विभिन्न विभागों और सीबीआई के अधिवक्ता रह चुके हैं.

बहरहाल, झारखंड हाई कोर्ट में फिलहाल 14 स्थाई जज हैं. 3 नए जजों के शपथ ग्रहण के बाद इनकी संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी. वहीं कुल जजों की संख्या 19 हो जाएगी और हाईकोर्ट में जजों की कुल 25 पद है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के स्थाई जजों की संख्या जल्द ही 17 हो जाएगी. झारखंड हाईकोर्ट के तीन जजों को स्थाई जज बनाया गया है. जिसमें जस्टिस राजेश कुमार, जस्टिस अनुभा रावत चौधरी और जस्टिस कैलाश प्रशाद शामिल हैं. तीनों नये जजों को 19 दिसंबर को गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार ने पूर्व में अधिसूचना जारी की थी.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

कौन हैं जस्टिस राजेश कुमार

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार का जन्म बिहार में हुआ था. इनके पिता का नाम बिंदेश्वर सिंह है. इनकी प्रारंभिक शिक्षा सिकिदिरी प्रोजेक्ट स्कूल रांची में हुई थी. जस्टिस राजेश शंकर ने रांची के रातू रोड स्थित सरकारी स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की और संत जेवियर कॉलेज से उन्होंने इंटर की पढ़ाई की. उन्होंने आगे की पढा़ई दिल्ली विश्वविद्यालय से की. जहां उन्होंने गणित सांख्यिकी ऑनर्स किया.

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जिसके बाद वर्ष 1990-93 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ही लॉ की डिग्री प्राप्त कर ली. डिग्री मिलने के बाद 1994 में इन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया. 1996 में झारखंड हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरु किया फिर 2011 से 17 तक सरकारी वकील रहे.

जस्टिस अनुभा रावत की परिचय

झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत की 12 तक की पढ़ाई रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में हुई. जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने भौतिकी में ऑनर्स किया और डीयू से ही उन्होंने लॉ की पढ़ाई की और 1995 में अनुभा रावत पटना हाईकोर्ट के रांची बेंच में प्रैक्टिस शुरु की. जिसके बाद हाईकोर्ट में भारत सरकार की वकील रहीं. जस्टिस अनुभा रावत झालसा बोर्ड की सदस्य भी थी. वह जनहित के कई मामलों में न्याय मित्र के तौर पर जुड़े रहे.

जस्टिस कैलाश प्रसाद देव

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव का जन्म देवघर जिले की बरनी बाग मोहल्ले में 1967 में हुआ था. इनके पिता स्वर्गीय सत्येंद्र प्रसाद देव संयुक्त बिहार में डीजीपी रहे. बेहतर सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुलिस पद से भी नवाजा गया है. इनकी प्रारंभिक पढ़ाई देवघर में हुई थी.

ये भी पढ़ें - झारखंड विधानसभा चुनाव का चौथा चरण, 15 सीटों पर 16 को मतदान, हर सीट पर है घमासान

इसके बाद कैलाश प्रसाद ने मुंगेर, भागलपुर और पटना से आगे की पढ़ाई पूरी की. दिल्ली से लॉ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 1996 में देवघर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस की. इसके बाद वह पटना हाईकोर्ट चले गए. झारखंड हाईकोर्ट बनने के बाद वह रांची आ गए और सरकार के विभिन्न विभागों और सीबीआई के अधिवक्ता रह चुके हैं.

बहरहाल, झारखंड हाई कोर्ट में फिलहाल 14 स्थाई जज हैं. 3 नए जजों के शपथ ग्रहण के बाद इनकी संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी. वहीं कुल जजों की संख्या 19 हो जाएगी और हाईकोर्ट में जजों की कुल 25 पद है.

Intro:रांची

झारखंड हाईकोर्ट के स्थाई जजों की संख्या जल्द 17 हो जाएगी। झारखंड हाईकोर्ट के तीन जजों को स्थाई जज बनाए गए हैं जस्टिस राजेश कुमार जस्टिस अनुभा रावत चौधरी और जस्टिस कैलाश प्रशाद को स्थाई जज के रूप में 19 दिसंबर को गोपनीयता का शपथ दिलाई जाएगी ।सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार ने पूर्व में अधिसूचना जारी की थी।


Body:1)झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार का जन्म बिहार में हुआ था इनके पिता का नाम बिंदेश्वर सिंह है इनकी प्रारंभिक शिक्षा सिकिदिरी प्रोजेक्ट स्कूल रांची में हुई थे जस्टिस राजेश शंकर ने रांची के रातू रोड स्थित सरकारी स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की संत जेवियर कॉलेज से उन्होंने इंटर की पढ़ाई की आगे के पढ़ाई के लिए यह दिल्ली चले गए हैं दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित सांख्यिकी ऑनर्स किया जिसके बाद वर्ष 1990- 93 में यहीं से लॉ की डिग्री प्राप्त कर ली डिग्री की मिलने के बाद 1994 में इन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया 1996 में झारखंड हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे वर्ष 2011 से 17 तक सरकारी वकील रहे

2)झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत की शुरुआती पढ़ाई रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में हुई यही से इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने भौतिकी में ऑनर्स किया उन्होंने लॉ की पढ़ाई यहीं से की और 1995 मैं यह पटना हाई कोर्ट के रांची बेंच में प्रैक्टिस करने लगी हाईकोर्ट में भारत सरकार की वकील रही कई बैंकों के पैनल में वकील थी जस्टिस अनुभा रावत झालसा बोर्ड की सदस्य भी थी उन्होंने जनहित के कई मामलों में न्याय मित्र के तौर पर जुड़े रहे

3)झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव का जन्म देवघर जिले की बरनी बाग मोहल्ले में 19 67 में हुआ था इनके पिता स्वर्गीय सत्येंद्र प्रसाद देव संयुक्त बिहार में डी जे पी रहे बेहतर सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुलिस पद से नवाजा गया था इनकी प्रारंभिक पढ़ाई देवघर में हुई थी इसके बाद मुंगेर भागलपुर और पटना में आगे की पढ़ाई हुई दिल्ली में लॉ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 1996 में देवघर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस आराम की इसके बाद वह पटना हाईकोर्ट चले गए झारखंडहाईकोर्ट बनने के बाद यह रांची आ गए और सरकार के विभिन्न विभागों व सीबीआई के अधिवक्ता रह चुके हैं


Conclusion:झारखंड हाई कोर्ट में फिलहाल 14 स्थाई जज हैं 3 नए जजों के शपथ ग्रहण के बाद इनकी संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी वही कुल जजों की संख्या 19 हो जाएगी हाईकोर्ट में जजों की कुल 25 पद है
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