रांची: राजस्थान के कोटा में फंसे झारखंड के छात्रों के संदर्भ में प्रदेश से राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार की लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिड़ला से बात हुई है. इस बाबत पोद्दार ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें फोन कर आश्वस्त किया है कि किसी भी राज्य का बच्चा अगर कोटा में तकलीफ में हो तो उनके दफ्तर को सूचित किया जाए. उसका तुरंत समाधान होगा. साथ ही यह जानकारी भी दी गई है कि लोकसभा अध्यक्ष ने खुद राजस्थान सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से भी बात कर समन्वय स्थापित किया है.
राज्य सरकार चाहे तो बच्चों को लेकर जा सकती है
महेश पोद्दार ने कहा कि कोटा में रह रहे बच्चों को उनके गृह राज्य तक ले जाने में कोई दिक्कत नहीं है. संबंधित राज्य सरकार पहल करें तो यह काम तुरंत हो सकता है. इतना ही नहीं संबंधित राज्य सरकार राजस्थान सरकार, कोटा जिला प्रशासन और यहां तक कि स्पीकर के नियुक्त स्वयंसेवकों से भी संपर्क कर आवश्यक जानकारी हासिल कर सकती है. साथ ही बच्चों को वापस लाने का प्रबंध कर सकती है. उन्होंने बताया कि कोटा में रह रहे बच्चों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
बीजेपी सांसद ने दी हेमंत सरकार को सलाह
साथ ही महेश पोद्दार ने झारखंड सरकार को सलाह दी है कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और हेमंत सरकार में मंत्री रामेश्वर उरांव राजस्थान की कांग्रेसी सरकार से बात करें तो झारखंड के वहां फंसे छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान हो सकता है. साथ ही इस बात को लेकर हो रहे भ्रम की स्थिति भी दूर हो सकती है.
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पोद्दार ने कहा कि दिल्ली स्थित झारखंड भवन से अधिकारियों का एक दल भी कोटा भेजा जा सकता है जो वहां जाकर बच्चों की तकलीफ से अवगत हो कर उन्हें दूर कर सकता है. साथ ही उन्हें वापस लाने की संभावना भी तलाश कर सकता है.
कांग्रेसी नेताओं की गैर-जिम्मेदाराना बयान के बाद की पहल
उन्होंने कहा कि स्पीकर ने इस बाबत अपने दफ्तर का नंबर और स्वयंसेवकों का नंबर भी दिया है. इसके अलावा अभिभावक अपनी समस्याओं के लिए उनके ट्वीटर अकाउंट @maheshpoddarjhr पर भी सूचना दे सकते हैं. वह उसके समाधान के लिए पूरी कोशिश करेंगे. पोद्दार ने बताया कि कोटा में रह रहे झारखंडी बच्चों के मुद्दे पर राज्य के कांग्रेसी नेताओं की कथित तौर पर बिना सिर-पैर की गैर जिम्मेदार बयानबाजी से आजिज होकर उन्होंने कोटा के सांसद बिड़ला को पत्र लिखा था, जिसपर संज्ञान लिया गया.
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आंकड़ों के अनुसार झारखंड से लगभग 3000 छात्र-छात्राएं कोटा में लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. इस बाबत बीजेपी ने राज्य सरकार से पहल कर उन्हें वापस लाने की मांग भी की है. जबकि कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह केंद्र सरकार के निर्देशों के साथ चलेगी और लॉकडाउन का किसी तरह का उल्लंघन नहीं करेगी. राज्य सरकार में मंत्री रामेश्वर उरांव ने यह दोहराया है कि ऐसे में कोटा से बच्चों को झारखंड वापस लाना संभव नहीं है.