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राजद सुप्रीमो लालू यादव के 73 वें जन्मदिन पर तेजस्वी पहुंचे रांची, मुलाकात कर काटेंगे केक

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Published : Jun 11, 2020, 11:42 AM IST

Updated : Jun 11, 2020, 1:07 PM IST

सजायाफ्ता लालू यादव के 73 वें जन्मदिन के मौके पर उनके बेटे तेजस्वी यादव रांची पहुंचे. जहां राजद कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया.

tejasvi jadav reached ranchi to celebrate birthday of lalu yadav
लालू प्रसाद यादव का 73 वां जन्मदिन

रांचीः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का आज 73 वां जन्मदिन है. इस सिलसिले में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन मनाने के लिए राजधानी पहुंचे. तेजस्वी राजकीय अतिथिशाला में रुके हुए हैं. इस मौके पर लालू प्रसाद यादव के समर्थक तेजस्वी से मुलाकात करने के लिए राजकीय अतिथिशाला पहुंच रहे हैं.

देखें पूरी खबर

बता दें कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू रिम्स के पेईंग वार्ड में इलाजरत हैं. वहीं, तेजस्वी यादव बुधवार को ही देर शाम सड़क मार्ग से रांची पहुंचे हैं. सड़क मार्ग से आने के दौरान तेजस्वी यादव का कार्यकर्ताओं ने जमकर स्वागत किया.

  • लालू की कुछ खास बातें...

लोकप्रिय नेताओं में से एक

लालू हमेशा से एक लोकप्रिय नेता रहे हैं. गरीबों का नेता कहे जाने वाले इस शख्स ने अक्सर अपनी बेबाक जवाबी से लोगों का मन मोहा है. 1970 के आस-पास उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी या यूं कहें कि राजनीति की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया था. जिसके बाद पीछे न देखते हुए लालू 1974 के दशक में जेपी के साथ भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के खिलाफ आंदोलन से जुड़ गए.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री

1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद लालू लोगों के दिलों के और ज्यादा करीब हो गए. उनका भारी बहुमत से जीतने का सिलसिला लगातार 1995 तक जारी रहा. लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वहीं, चारा घोटाला मामला में नाम सामने आने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद इस्तीफा दिया और पदभार अपनी पत्नी राबड़ी को सौंप दिया. हालांकि, उन्होंने 2004 से 2009 तक रेल मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है. 15वीं लोक सभा के दौरान वो सारण से सांसद भी रहे.

चारा घोटाला मामला

चारा घोटाला मामले की शुरुआत ने लालू की राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े कर दिए. 1997 में सीबीआई ने उनपर केस फाइल किया तो उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा. जहां कभी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का वोट बैंक जाने जाने वाले लालू अब सवालों से घिरे थे. इस बीच लालू को जेल भी जाना पड़ा. केस में कई उतार-चढ़ाव के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में दोषी करार देते हुए स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालू को चारा घोटाला मामले में साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. फिलहाल वे अपनी सजा काट रहे हैं.

विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति शुरू

बता दें कि इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. वहीं, चारा घोटाले के मामले में पिछले ढाई साल से ज्यादा समय से जेल में रहते हुए भी लालू यादव बिहार में अब भी विपक्ष की राजनीति का केंद्र बने हुए हैं.

रांचीः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का आज 73 वां जन्मदिन है. इस सिलसिले में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन मनाने के लिए राजधानी पहुंचे. तेजस्वी राजकीय अतिथिशाला में रुके हुए हैं. इस मौके पर लालू प्रसाद यादव के समर्थक तेजस्वी से मुलाकात करने के लिए राजकीय अतिथिशाला पहुंच रहे हैं.

देखें पूरी खबर

बता दें कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू रिम्स के पेईंग वार्ड में इलाजरत हैं. वहीं, तेजस्वी यादव बुधवार को ही देर शाम सड़क मार्ग से रांची पहुंचे हैं. सड़क मार्ग से आने के दौरान तेजस्वी यादव का कार्यकर्ताओं ने जमकर स्वागत किया.

  • लालू की कुछ खास बातें...

लोकप्रिय नेताओं में से एक

लालू हमेशा से एक लोकप्रिय नेता रहे हैं. गरीबों का नेता कहे जाने वाले इस शख्स ने अक्सर अपनी बेबाक जवाबी से लोगों का मन मोहा है. 1970 के आस-पास उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी या यूं कहें कि राजनीति की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया था. जिसके बाद पीछे न देखते हुए लालू 1974 के दशक में जेपी के साथ भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के खिलाफ आंदोलन से जुड़ गए.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री

1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद लालू लोगों के दिलों के और ज्यादा करीब हो गए. उनका भारी बहुमत से जीतने का सिलसिला लगातार 1995 तक जारी रहा. लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वहीं, चारा घोटाला मामला में नाम सामने आने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद इस्तीफा दिया और पदभार अपनी पत्नी राबड़ी को सौंप दिया. हालांकि, उन्होंने 2004 से 2009 तक रेल मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है. 15वीं लोक सभा के दौरान वो सारण से सांसद भी रहे.

चारा घोटाला मामला

चारा घोटाला मामले की शुरुआत ने लालू की राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े कर दिए. 1997 में सीबीआई ने उनपर केस फाइल किया तो उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा. जहां कभी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का वोट बैंक जाने जाने वाले लालू अब सवालों से घिरे थे. इस बीच लालू को जेल भी जाना पड़ा. केस में कई उतार-चढ़ाव के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में दोषी करार देते हुए स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालू को चारा घोटाला मामले में साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. फिलहाल वे अपनी सजा काट रहे हैं.

विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति शुरू

बता दें कि इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. वहीं, चारा घोटाले के मामले में पिछले ढाई साल से ज्यादा समय से जेल में रहते हुए भी लालू यादव बिहार में अब भी विपक्ष की राजनीति का केंद्र बने हुए हैं.

Last Updated : Jun 11, 2020, 1:07 PM IST
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