रांची: गुजरात और जोधपुर के बाद झारखंड में वर्ष 2016 में झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना राजधानी रांची में हुई थी. देश सुरक्षा और टेक्निकल जानकारी देने के उद्देश्य से स्थापित ये विश्वविद्यालय पिछले 4 सालों से शिक्षकों की कमी से परेशान है. पठन-पाठन अव्यवस्थित तरीके से इस महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय में भी हो रही थी. शिक्षकों के नहीं होने से छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही थी. लेकिन धीरे धीरे अब स्थति में सुधार हो रही है.
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9 सब्जेक्ट की पढ़ाई: इस विश्वविद्यालय में कुल 9 सब्जेक्ट की पढ़ाई होती है .जिसमें एमए- एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी ,पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी, बीएससी ऑनर्स इन कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड साइबर सिक्योरिटी, बीएससी ऑनर्स इन फॉरेंसिक साइंस, डिप्लोमा इन पुलिस साइंस के अलावा और भी महत्वपूर्ण कोर्स करवाए जाते हैं लेकिन राज्य के दूसरे विश्वविद्यालयों की तरह ही ये भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. विश्वविद्यालयों में कई तरह के सामान्य कोर्स के साथ-साथ कई वोकेशनल कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. इसके बावजूद विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है. जिससे उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्थिति में हो रही है सुधार: बता दें कि विश्वविद्याल में 9 पाठ्यक्रमों को मिलाकर कुल 610 सीट है. यहां शिक्षकों के सृजित पदों की संख्या 27 है. कुछ शिक्षकों को अनुबंध पर बहाल किया गया है तो जेपीएससी की ओर से भी क्रिमिनोलॉजी, फॉरेंसिक साइंस, डिजास्टर मैनेजमेंट, कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों पर स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा सहायक पुस्तकालय और डिप्टी रजिस्ट्रार पद को भी भरा गया है. विश्वविद्यालय को हाल ही में परीक्षा नियंत्रक भी मिले हैं. वित्त पदाधिकारी की भी नियुक्ति की गई है.