पटना: बिहार के 43,000 गुरु जी की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है. दरअसल ये सभी शिक्षक राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित डीएलएड के परीक्षा में फेल हो गए जबकि 2158 परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए हैं. परीक्षा में फेल हुए शिक्षकों के संदर्भ में बताया जाता है कि इन सभी की नौकरी जा सकती है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की विशेष पहल पर एनआईओएस में डीएलएड कोर्स संचालित कर परीक्षा का आयोजन किया था. प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2019 तक हर हाल में डीएलएड कोर्स पूरा करना था. इसके लिए बिहार के सरकारी, सरकार अनुदानित तथा निजी स्कूलों के 2,63,112 शिक्षकों ने कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. इसमें से परीक्षा में कुल 2,60,954 शिक्षक शामिल हुए. परीक्षा में शामिल शिक्षकों में से कुल 2,17,170 शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं. नियमानुसार इस परीक्षा में फेल होने वाले और अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की नौकरी स्वत: खत्म हो जायेगी.
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1,442 स्टडी सेंटर पर हुई थी परीक्षा
सरकार ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्कूलों में पढ़ा रहे रहे शिक्षकों को प्रशिक्षण करने का निर्णय लिया था. इसके अंतर्गत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान द्वारा डीएलएड की परीक्षा आयोजित की गई थी. सूबे में डीएलएड के प्रशिक्षण के लिए 1,442 स्टडी सेंटर बनाए गए थे जबकि परीक्षा का आयोजन 4 सेमेस्टर में किया गया था. गौरतलब है कि कोर्स के लिए 44,594 सरकारी शिक्षक सरकार द्वारा अनुदानित स्कूलों के 12,480 शिक्षक तथा 2,06,038 निजी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए थे.
सप्लीमेंट्री परीक्षा की मांग
लेकिन इस परीक्षा में राज्य के 43 हजार शिक्षक फेल हो गए हैं जिनकी नौकरी नियमतः स्वतः खत्म हो जानी है. हालांकि प्राप्त जानकारी के अनुसार सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजन करने की मांग की गई है. इसको लेकर विभाग से जल्द ही विचार मांगा जा रहा है.