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कोविड-19: मुख्यमंत्री राहत कोष में टाटा ने 10 करोड़ और अडानी ने दिए एक करोड़ रुपए - झारखंड में कोरोना का असर

कोरोना महामारी से उत्पन्न कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए टाटा कंपनी ने झारखंड मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी है. वहीं, प्रदेश के गोड्डा जिले में पावर प्लांट लगा रहे अडानी ग्रुप में भी एक करोड़ रुपए सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है.

Tata and Adani gave money in jharkhand Chief Minister Relief Fund
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Published : Apr 7, 2020, 7:47 PM IST

रांची: प्रदेश में कोरोना महामारी से उत्पन्न कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए टाटा कंपनी ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी है. वहीं, प्रदेश के गोड्डा जिले में पावर प्लांट लगा रहे अडानी ग्रुप में भी एक करोड़ रुपए सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है. दोनों कंपनियों के कम्युनिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी विंग ने साफ कहा है कि राज्य हित में वह हर संभव सहायता कर रही हैं और आगे भी इसके लिए अपना नैतिक कर्तव्य का निर्वहन करते रहेंगे.

इससे पहले झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने 51 लाख, रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 25 लाख, न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड ने 10 लाख, कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने 10 लाख, समस्तीपुर के चितरंजन कुमार ने 5 लाख, बास्की नाथ मंडली धर्मशाला ने 5 लाख और सीआईपीईटी रांची ने 3 लाख रुपए जमा किए हैं. इसके अलावा व्यक्तिगत स्तर पर बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसे जमा किए हैं.

राज्य सरकार के 181 पर आ रहे हैं कॉल

राज्य सरकार की पहल पर बने स्टेट लेवल कोरोना कंट्रोल रूम से 24 घंटे लोगों को सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही है. राजधानी स्थित सूचना भवन में बने इस स्टेट लेवल कंट्रोल रूम में 181 पर कॉल कर राज्यभर से लोग अपनी परेशानी शेयर कर रहे हैं. मॉनिटरिंग सेल में 24 घंटे एक डॉक्टर, एक पुलिस के आला अधिकारी के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहते हैं, जो विशेषज्ञ के रूप में आने वाले कॉल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. अब तक कंट्रोल रूम में लगभग 5900 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 2830 का समाधान किया जा चुका है. उनमें 1629 खाद आपूर्ति विभाग से जुड़ी शिकायतें थी. 401 चिकित्सा से जबकि 273 विधि व्यवस्था से जुड़ी शिकायतें थी.

सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 13.53 लाख से अधिक पेंशन धारकों को उनको पेंशन दिया गया है, जबकि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अब तक 4929 जगह पर 4,74000 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की सूचना राज्य सरकार को प्राप्त हुई है. उनमें से 4552 जगहों पर 3,18,000 मजदूरों के खाने के लिए और रहने की व्यवस्था की गई है.

ये भी पढे़ं: लॉकडाउन में दीदी किचन साबित हो रहा वरदान, ग्रामीणों ने पीएम और सीएम को दिया आशीर्वाद

इसी क्रम में मंगलवार को गढ़वा की एक महिला ने दोपहर एक बजे कॉल कर अपनी परेशानी शेयर की और राजधानी रांची के इस कंट्रोल रूम से गढ़वा के डिस्ट्रिक्ट सप्लाई अफसर को निर्देश देते हुए उसे तुरंत अनाज पहुंचाया गया. ऐसी ही समस्या हजारीबाग से एक दिव्यांग ने भी शेयर की, जिसके तुरंत बाद वहां से भी उसे अनाज भिजवाया गया. आधिकारिक सूत्रों की मानें, तो इस स्टेट लेवल मॉनिटरिंग सेल में इसके अलावा राज्य भर से कॉल आ रहे हैं. उनमें सरायकेला, पलामू और जामताड़ा से भी लोग फोन कर अपनी समस्याएं रख रहे हैं. सबसे ज्यादा फोन कॉल लोगों को अनाज से हो रही समस्याओं को लेकर आ रहे हैं.

रांची: प्रदेश में कोरोना महामारी से उत्पन्न कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए टाटा कंपनी ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी है. वहीं, प्रदेश के गोड्डा जिले में पावर प्लांट लगा रहे अडानी ग्रुप में भी एक करोड़ रुपए सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है. दोनों कंपनियों के कम्युनिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी विंग ने साफ कहा है कि राज्य हित में वह हर संभव सहायता कर रही हैं और आगे भी इसके लिए अपना नैतिक कर्तव्य का निर्वहन करते रहेंगे.

इससे पहले झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने 51 लाख, रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 25 लाख, न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड ने 10 लाख, कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने 10 लाख, समस्तीपुर के चितरंजन कुमार ने 5 लाख, बास्की नाथ मंडली धर्मशाला ने 5 लाख और सीआईपीईटी रांची ने 3 लाख रुपए जमा किए हैं. इसके अलावा व्यक्तिगत स्तर पर बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसे जमा किए हैं.

राज्य सरकार के 181 पर आ रहे हैं कॉल

राज्य सरकार की पहल पर बने स्टेट लेवल कोरोना कंट्रोल रूम से 24 घंटे लोगों को सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही है. राजधानी स्थित सूचना भवन में बने इस स्टेट लेवल कंट्रोल रूम में 181 पर कॉल कर राज्यभर से लोग अपनी परेशानी शेयर कर रहे हैं. मॉनिटरिंग सेल में 24 घंटे एक डॉक्टर, एक पुलिस के आला अधिकारी के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहते हैं, जो विशेषज्ञ के रूप में आने वाले कॉल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. अब तक कंट्रोल रूम में लगभग 5900 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 2830 का समाधान किया जा चुका है. उनमें 1629 खाद आपूर्ति विभाग से जुड़ी शिकायतें थी. 401 चिकित्सा से जबकि 273 विधि व्यवस्था से जुड़ी शिकायतें थी.

सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 13.53 लाख से अधिक पेंशन धारकों को उनको पेंशन दिया गया है, जबकि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अब तक 4929 जगह पर 4,74000 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की सूचना राज्य सरकार को प्राप्त हुई है. उनमें से 4552 जगहों पर 3,18,000 मजदूरों के खाने के लिए और रहने की व्यवस्था की गई है.

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इसी क्रम में मंगलवार को गढ़वा की एक महिला ने दोपहर एक बजे कॉल कर अपनी परेशानी शेयर की और राजधानी रांची के इस कंट्रोल रूम से गढ़वा के डिस्ट्रिक्ट सप्लाई अफसर को निर्देश देते हुए उसे तुरंत अनाज पहुंचाया गया. ऐसी ही समस्या हजारीबाग से एक दिव्यांग ने भी शेयर की, जिसके तुरंत बाद वहां से भी उसे अनाज भिजवाया गया. आधिकारिक सूत्रों की मानें, तो इस स्टेट लेवल मॉनिटरिंग सेल में इसके अलावा राज्य भर से कॉल आ रहे हैं. उनमें सरायकेला, पलामू और जामताड़ा से भी लोग फोन कर अपनी समस्याएं रख रहे हैं. सबसे ज्यादा फोन कॉल लोगों को अनाज से हो रही समस्याओं को लेकर आ रहे हैं.

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