रांची: झारखंड की राजधानी रांची में धुर्वा के तिरिल आश्रम में राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं कांग्रेस कार्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के साथ दर्जनों कांग्रेसियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Subodh Kant Sahai Tribute Mahatma Gandhi) और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को नमन किया (Tribute to Lal Bahadur Shastri in Congress Office) और उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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वसुधैव कुटूंबकम विचार का महत्व: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि बापू के विचारों की ज्यादा अहमियत आज के समय में इसलिए है क्योंकि आज पूरी दुनिया और भारत में सौहार्द्र का माहौल खराब हो रहा है. हिंसा के मामले बढ़े हैं तो युद्ध जैसे हालात बने हैं. इस दौर में बापू के विचार ही विश्व को 'वसुधैव कुटूंबकम' की राह पर जाकर शांति दिला सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक वस्त्र पहनने वाले महात्मा को, उनके विचारों को जो नहीं समझ पाया वह उनका दोष है.
लाल बहादुर शास्त्री के विचार: पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जय जवान, जय किसान का नारा और पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारतीय सेना के पराक्रम के साथ पाक को परास्त करने की दृढ़ इच्छाशक्ति से दुनिया को अवगत कराने वाले लालबहादुर शास्त्री को याद करते हुए सुबोधकांत सहाय ने कहा कि एक ऐसे शख्स जो राजनीति की काल कोठरी से बेदाग निकले और पीएम रहते जिन्होंने उन देशवासियों का दर्द समझा. जिन्हें एक वक्त का भोजन भी नसीब नहीं होता था. तब शास्त्री जी ने एक वक्त भोजन करने का आह्वान किया और देश की जनता ने उसे माना, ऐसा इसलिए क्योंकि देश की जनता उनपर भरोसा करती थी.
कौन- कौन रहा शामिल: कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी आरपी राय, प्रवक्ता मो तौसीफ, केशव महतो कमलेश, जितेंद्र त्रिवेदी, जगदीश साहू, सलीम खान, नरेंद्र लाल गोपी, उषा पासवान सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी उपस्थित रहे. मोराबादी के बापू वाटिका में टाना भगतों ने जहां परंपरागत तरीके से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि की. वहीं भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश और अन्य कार्यकर्ताओं ने भी बापू को नमन किया.