रांचीः झारखंड में शाला पूर्व बच्चों की शिक्षा के लिए 'नन्हे कदम' पाठ्यक्रम की लॉन्चिंग राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी (Women and Child Development Minister Joba Manjhi) ने की. यूनिसेफ (UNICEF) के सहयोग से तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम को इस तरह का बनाया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्र जाने वाले 06 वर्ष के बच्चे पर पढ़ाई बोझ ना लगे.
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सिलेबस नन्हे कदम की मदद से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी. साथ ही साथ बच्चे इस नयी शिक्षा पद्धति से स्मार्ट भी होंगे. इस पाठ्यक्रम में हर महीने और हर दिन के लिए अलग-अलग एक्टिविटी बनाया गया है. जिसमें इंडडोर और आउट डोर खेल को भी जगह दी गयी है.
हर आंगनबाड़ी केंद्रों को दिया जाएगा मोबाइल फोन
महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक ए. डोडे (Director of Department of Women and Child Development A. dode) ने कहा कि जल्द ही आंगनबाड़ी केंद्रों के सेविका को एंड्रॉइड मोबाइल फोन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अर्ली चाइल्डहुड पाठ्यक्रम और एक्टिविटी बुक भी जिला में भेजे जाएंगे और सभी सीडीपीओ को ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी सेंटर पर क्या पढ़ना है, प्री स्कूल प्रॉपर एजुकेशन देना है और हर दिन का डिटेल है.
प्री-स्कूल किट दिया जाएगा
ए. डोडे ने कहा कि जल्द ही प्री स्कूल किट दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार पोषण को लेकर हार्ड कॉपी को नहीं मानती है. इसलिए पोषण ट्रैकर के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्र को एंड्राइड फोन दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हर हाल में टेक होम राशन का डिस्ट्रीब्यूशन होना चाहिए.
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CM ने कहा है कि कोई बच्चा कुपोषित ना रहे
मंत्री जोबा मांझी (Minister Joba Manjhi) ने कहा कि मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहे इसके लिए सरकार जहां आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा का प्रावधान करने जा रही है. वहीं रेडी टू इट फूड देने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि हर में CDPO से लेकर पर्यवेक्षिका तक एक-एक मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाना सुनिश्चित करें. कार्यक्रम में यूनिसेफ के स्टेट हेड सहित कई अधिकारी और सभी जिलों के CDPO और DSO उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कोरोना के दौरान बेहतर काम करने वाले DSO को सम्मानित भी किया गया.