रांची: शैक्षणिक सत्र 2021 -22 के लिए संशोधित सिलेबस जारी कर दिया गया है. सिलेबस में 25 फीसदी की कटौती की गई है. कोरोना महामारी के कारण बच्चों की पढ़ाई पर काफी बुरा असर पड़ा था. इसी के मद्देनजर सत्र 2021-22 के सिलेबस में कटौती हुई है और इसी सिलेबस के तहत अब परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
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सत्र 2021-22 के लिए सिलेबस जारी
शैक्षणिक सत्र 2021- 22 के लिए संशोधित सिलेबस जारी किया गया है. सिलेबस में 25 फीसदी की कटौती की गई है. इसे लेकर जेसीईआरटी ने एक नोटिस भी जारी किया है. क्लास 1 से बारहवीं तक सिलेबस में 25 फीसदी की कटौती हुई है. 75 फीसदी सिलेबस के आधार पर ही तमाम परीक्षाएं आयोजित होंगी. संशोधित सिलेबस झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है. इससे पहले पिछले साल भी सिलेबस में 40 फीसदी कटौती की गई थी. इंटर और मैट्रिक की परीक्षाएं भी उसी सिलेबस के आधार पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने आयोजित करने का निर्णय लिया था. लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इन दोनों परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा और इंटरनल असेसमेंट के जरिए परीक्षा परिणाम जारी करना पड़ा था.
वेबसाइट पर सिलेबस उपलब्ध
www.jepc.jharkhand.gov.in पर संशोधित सिलेबस छात्रों के लिए उपलब्ध करा दी गई है. वर्ष 2022 की परीक्षा संशोधित सिलेबस के आधार पर ही आयोजित होगी. आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से 30 और सातवीं से 27 अध्याय कम किए गए हैं.
शिक्षा विशेषज्ञों की राय पर कटौती
शिक्षा विशेषज्ञों की ओर से सिलेबस में कटौती को लेकर सुझाव दिया गया था. विशेषज्ञों की राय के बाद छात्रों के पाठ्यक्रम से उन चैप्टर को ही हटाया गया है. जिसकी पढ़ाई पहले हो चुकी है या जिसकी पढ़ाई आगे की क्लास में होने वाली है. या फिर उन अध्याय का पढ़ाई नहीं करने से विद्यार्थियों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा. सिलेबस में कटौती से पहले सभी बातों पर ध्यान दिया गया है.
स्कूल बंद होने के कारण सिलेबस में कटौती
बता दें कि राज्य में 17 मार्च 2020 से ही पहली से लेकर आठवीं तक के विद्यालय बंद है. जिसकी वजह से प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों का पठन पाठन पूरी तरह ठप हो गया है. निजी स्कूलों की ओर से कुछ हद तक ऑनलाइन क्लासेस संचालित किया जा रहा है. लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कहा तो जा रहा है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी ऑनलाइन पढ़ाई का मेटेरियल उपलब्ध कराया गया है. लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. शत-प्रतिशत बच्चों तक ऑनलाइन मेटेरियल नहीं पहुंच रहा है जिससे पठन पाठन काफी बाधित हुआ है. अब इसी को लेकर सिलेबस में कटौती की गई है.