रांची: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल (Suspended IAS Pooja Singhal ) पिछले कई महीनों से होटवार जेल में बंद हैं. 27 सितंबर को सांस लेने में परेशानी के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया. यहां पिछले 3 दिनों से कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रकाश कुमार की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने जाना कि पूजा सिंघल को सांस लेने में परेशानी के अलावा भी कई तरह की दिक्कतें हैं (Pooja Singhal MRI done in RIMS Ranchi).
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निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के पैर में पहले से ही फ्रैक्चर था, जिस वजह से उनके पैर में भी दर्द है. पूजा सिंघल के पैर के दर्द को लेकर ऑर्थो विभाग के चिकित्सकों को कॉल किया गया है ताकि उनके पैर के दर्द का उचित इलाज हो सके. वहीं, पूजा सिंघल के बारे में बताया जा रहा है कि उन्हें माइग्रेन के भी समस्या है जिस वजह से उनके सिर में अक्सर तेज दर्द होता है. पूर्व आईएएस पूजा सिंघल की परेशानी को देखते हुए उनका एमआरआई कराया गया है. इसके लिए उन्हें वार्ड से व्हील चेयर के माध्यम से जांच केंद्र तक लाया गया.
ईडी की ओर से गिरफ्तार की गई निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को लेकर हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं. ईडी के आरोप पत्र में यह जिक्र किया गया है कि पूजा सिंघल अपनी काली कमायी की लाइजनिंग के लिए कुक अमित कुमार के नाम का इस्तेमाल करती थी (Cook Amit Kumar name used for black money). इसके लिए पूजा सिंघल फेस टाइम का प्रयोग किया करती थी.
आईफोन के फेसटाइम का इस्तेमालः ईडी के आरोप पत्र में इस बात का जिक्र है कि पूजा सिंघल अपने आईफोन पर फेसटाइम में अमित के मोबाइल नंबर 8797099351 का इस्तेमाल करती थी. दरअसल, फेसटाइम एक सुरक्षित डिवाइस है, जो सिर्फ आईफोन में एप्लीकेशन है. विशेषज्ञों से जानकारी के अनुसार फेसटाइम को काफी सिक्योर माना जाता है. इसके कॉल और वीडियो कॉल को ट्रेस नहीं किया जा सकता. प्राइवेसी के लिए फेसटाइम का इस्तेमाल किया जाता था. ईडी ने हालिया कोर्ट में दिए आरोप पत्र में इन बातों का जिक्र किया है.
सीए सुमन कुमार ने कई दफे कैश अस्पताल में जमा कराएः पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के अस्पताल का इस्तेमाल भी काली कमायी को सफेद बनाने में किया जाता था. सीए सुमन कुमार ने पूछताछ में बताया था कि उसके घर पर जो 17 करोड़ से अधिक नकदी बरामद की गई थी, उसमें अधिकांश हिस्सा पूजा सिंघल का था. पूजा सिंघल के फेसटाइम नंबर की जानकारी सुमन कुमार ने भी दी थी. सुमन कुमार ने 10 लाख रुपये पूजा सिंघल के भाई सिद्धार्थ सिंघल को दिए थे. वहीं जांच में यह बात बतायी गई है कि पल्स अस्पताल में छह से सात बार सुमन कुमार ने 10- 10 लाख जमा कराए थे, ताकि फर्जी बिल और रिसिट बनाए जा सके.