रांची: एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने कुछ दिन पहले ही सरेंडर किया है. सरेंडर के बाद दोनों से पूछताछ लगातार जारी है. इस पूछताछ के दौरान नीलिमा ने कई ऐसे खुलासे किए हैं जो हैरान करने वाले हैं.
खौफनाक हैं कहानी
आज हम आपको नक्सलियों की जमीनी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे जान आप हैरान रह जाएंगे. संगठन के अंदर महिला नक्सलियों के साथ जो होता है वो खौफनाक है, इतनी भयावह कि महिला नक्सली इसे बर्दाश्त नहीं कर पातीं और मौत तक को गले लगा लेती हैं और उनकी कहानी जंगलों में ही गुम होकर रह जाती है.
शारीरिक शोषण
नक्सलियों के संगठन में महिला कैडरों के साथ दुष्कर्म, शारीरिक शोषण की खबरें अक्सर जंगलों से निकल कर आती रहती हैं. इन खबरों को नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व समय-समय पर नकारता रहा था. लेकिन संगठन में 30 साल गुजार चुकी एक बड़ी महिला नक्सली ने जो खुलासे किए हैं, वह बेहद चौंकाने वाले हैं.
'महिला नक्सली होती हैं प्रताड़ित'
हम बात कर रहे हैं एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण की पत्नी नीलिमा की. नीलिमा ने अपने पति सुधाकरण के साथ तेलंगाना में आत्मसमर्पण किया था. नीलिमा पर भी 25 लाख का इनाम घोषित था. नीलिमा ने झारखंड पुलिस को दिए अपने बयान में बताया है कि संगठन में यौन शोषण की शिकार हुई कई महिला नक्सलियों ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाली महिला कैडरों में कई बड़े नक्सलियों की पत्नी भी शामिल थी.
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लगातार पूछताछ
सुधाकरण और नीलिमा के सरेंडर करने के बाद झारखंड पुलिस की टीम ने दोनों से लंबी पूछताछ की है. फिलहाल झारखंड पुलिस की एक टीम तेलंगाना में है, जो सुधाकरण और नीलिमा से लगातार पूछताछ कर रही है.
'आत्महत्या की खबरों को जंगल में दबा दिया जाता है'
तेलंगाना पुलिस के सामने सरेंडर करने के बाद सुधाकरण की पत्नी नीलिमा ने बताया कि भाकपा माओवादियों में महिला कैडर लगातार खुदकुशी कर रही हैं. संगठन में दबाव और प्रताड़ना के कारण कई बड़ी महिला नक्सली भी आत्महत्या जैसे कदम उठा चुकी हैं. लेकिन ये घटनाएं कभी भी जंगल से बाहर नहीं निकल पाती, क्योंकि इन्हें जंगल से बाहर निकलने ही नहीं दिया जाता.
चौंकाने वाले बयान
नीलिमा ने अपने बयान में यह कहकर सबको चौंका दिया की भाकपा माओवादियों के प्रमुख केशव राव उर्फ बसवाराज की पत्नी शारदा ने भी 2010 में खुदकुशी कर ली थी. बस्तर की माओवादी चंदना, कमांडर मुन्नी-चुकी, भाग्यलक्ष्मी ने भी अपनी प्रताड़ना के खिलाफ न्याय नहीं मिलने के बाद जंगल में ही अपनी जिंदगी खत्म कर ली.
'अब सिर्फ पैसे को दिया जा रहा महत्व'
भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी मेंबर सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने तेलंगाना में सरेंडर के बाद भाकपा माओवादी संगठन को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. सुधाकरण ने बताया कि झारखंड में भाकपा माओवादी के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के बड़े नेता भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. वह सिर्फ पैसे बनाने में लगे हैं. निजी हित में वह संगठन चला रहे हैं. यहां तक कि पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस की भी संगठन में कोई नहीं सुनता है.
आपसी मतभेद के कारण कमजोर हुआ संगठन
सुधाकरण में खुलासा किया है कि शेष माओवादी नेताओं में आपस में बड़े-बड़े मतभेद हैं. झारखंड, बिहार, बंगाल की रीजनल ब्यूरो में एमसीसी और पीडब्ल्यूडीजी से आए कैडरों में गंभीर मतभेद हैं. बिहार-झारखंड में माओवादी नेतृत्व क्रांतिकारी आदर्शों के विपरीत काम कर रहा है. सुधाकरण के अनुसार भाकपा माओवादी में अब महज सात पोलितब्यूरो और 20 केंद्रीय कमेटी सदस्य बचे हैं. सेंट्रल मिलिट्री कमिशन में चार लोग हैं, जिसका नेतृत्व देव जी के द्वारा किया जा रहा है. सुधाकरण ने बताया कि ईआरबी की गतिविधियां सीमित रह गई हैं.
संगठन में 'डी' कैडर के लोग ही बचे हैं
सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा को सरेंडर करवाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले झारखंड पुलिस के आईजी ऑपरेशन आशीष बत्रा ने बताया कि अब माओवादियों में सिद्धांत नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. पहले संगठन में महिलाओं की काफी इज्जत की जाती थी, लेकिन अब उनका इस्तेमाल सिर्फ शारीरिक शोषण के लिए किया जाता है. नीलिमा ने पूछताछ में पुलिस को यह भी बताया था कि अब संगठन में डी ग्रेड के लोग शामिल हो चुके हैं, जिनका एक ही मकसद है पैसे कमाना. आईजी आशीष बत्रा के अनुसार बाहर के माओवादी नेता झारखंड आकर महिला कैडरों के साथ गलत करते हैं.
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30 साल तक संगठन में रही थी नीलिमा
बता दें कि सुधाकरण की पत्नी नीलिमा 30 साल तक संगठन में रही थी. उसके ऊपर 25 लाख का इनाम भी घोषित है. पति-पत्नी के आत्मसमर्पण करने के बाद झारखंड पुलिस की टीम ने सुधाकरण और नीलिमा से लंबी पूछताछ की थी. वर्तमान में भी झारखंड पुलिस की एक टीम तेलंगाना में है, जो सुधाकरण और नीलिमा से पूछताछ कर रही है.