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रिम्स में ब्लैक फंगस का डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन, मरीज की आंख निकालकर बचाई जान

झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में ब्लैक फंगस मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया है. डॉक्टरों की कड़ी मेहनत और सूझबूझ से किए इलाज के बाद मरीज अब खतरे से बाहर है.

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ब्लैक फंगस का सफल ऑपरेशन
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Published : Nov 13, 2021, 8:51 AM IST

रांची के रिम्स में ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज का सफल ऑपरेशन कर यहां के डॉक्टरों ने साबित कर दिया कि चिकित्सा के क्षेत्र में रिम्स किसी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से कम नहीं है.

ये भी पढे़ं- RIMS में अब नहीं एक भी ब्लैक फंगस का मरीज, स्वस्थ होकर घर लौटे 78 वर्षीय इब्राहिम

डॉक्टरों ने दिया जीवनदान
दरअसल धनबाद की रहने वाली एक महिला मरीज करीब तीन महीना पहले ब्लैक फंगस से ग्रसित हुई थी. जिसके बाद रिम्स के डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन का सलाह दिया था. परिजन ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं थे. डॉक्टरों की सलाह नहीं मानने पर मरीज की स्थिति खराब हो गई. काउंसिलिंग के बाद किसी तरह परिजन अपने मरीज का ऑपरेशन करवाने के लिए तैयार हुए.

ऑपरेशन से पहले पूरी तैयारी

परिजनो के तैयार होते ही डॉक्टरों की तरफ से ऑपरेशन के लिए पूरी तैयारी की गई. फिर रिम्स के सभी विभागों से सामंजस्य बनाते हुए ऑपरेशन को शुरू किया गया. काफी जटिल होने के बावजूद महज कुछ घंटों में ही मरीज के शरीर से ब्लैक फंगस को निकाला गया. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत खतरे से बाहर है.

फ्री में हुआ इलाज

इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर जाहिद मुस्तफा खान ने बताया कि इस ऑपरेशन में न्यूरो सर्जरी, रेडियोलॉजी,डेंटल, ईएनटी, मेडिसिन और क्रिटिकल केयर के डाक्टरों का सहयोग रहा. उनके मुताबिक निजी क्लिनिकों में इस ऑपरेशन के लिए मरीजों को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं लेकिन यहां बिल्कुल निशुल्क इलाज किया गया.

क्या है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस दुर्लभ प्रकार का एक फंगल संक्रमण है, जिसकी मृत्यु दर 50 फीसदी है. यह मधुमेह और कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए बहुत खतरनाक है. यह एक गैर-संचारित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. यह बीमारी कोरोना के मरीजों में पाई जा रही है, क्योंकि कोरोना संक्रमित होने पर उनकी इम्युनिटी बेहद कमजोर हो जाती है. यह बीमारी नाक के जरिए शरीर में जाने के बाद त्वचा की हड्डियों को नष्ट करना शुरू कर देती है. यह आंखों को बड़ा नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण मरीज को बचाने के लिए उसकी आंखें तक निकालनी पड़ती है.

रांची के रिम्स में ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज का सफल ऑपरेशन कर यहां के डॉक्टरों ने साबित कर दिया कि चिकित्सा के क्षेत्र में रिम्स किसी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से कम नहीं है.

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डॉक्टरों ने दिया जीवनदान
दरअसल धनबाद की रहने वाली एक महिला मरीज करीब तीन महीना पहले ब्लैक फंगस से ग्रसित हुई थी. जिसके बाद रिम्स के डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन का सलाह दिया था. परिजन ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं थे. डॉक्टरों की सलाह नहीं मानने पर मरीज की स्थिति खराब हो गई. काउंसिलिंग के बाद किसी तरह परिजन अपने मरीज का ऑपरेशन करवाने के लिए तैयार हुए.

ऑपरेशन से पहले पूरी तैयारी

परिजनो के तैयार होते ही डॉक्टरों की तरफ से ऑपरेशन के लिए पूरी तैयारी की गई. फिर रिम्स के सभी विभागों से सामंजस्य बनाते हुए ऑपरेशन को शुरू किया गया. काफी जटिल होने के बावजूद महज कुछ घंटों में ही मरीज के शरीर से ब्लैक फंगस को निकाला गया. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत खतरे से बाहर है.

फ्री में हुआ इलाज

इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर जाहिद मुस्तफा खान ने बताया कि इस ऑपरेशन में न्यूरो सर्जरी, रेडियोलॉजी,डेंटल, ईएनटी, मेडिसिन और क्रिटिकल केयर के डाक्टरों का सहयोग रहा. उनके मुताबिक निजी क्लिनिकों में इस ऑपरेशन के लिए मरीजों को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं लेकिन यहां बिल्कुल निशुल्क इलाज किया गया.

क्या है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस दुर्लभ प्रकार का एक फंगल संक्रमण है, जिसकी मृत्यु दर 50 फीसदी है. यह मधुमेह और कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए बहुत खतरनाक है. यह एक गैर-संचारित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. यह बीमारी कोरोना के मरीजों में पाई जा रही है, क्योंकि कोरोना संक्रमित होने पर उनकी इम्युनिटी बेहद कमजोर हो जाती है. यह बीमारी नाक के जरिए शरीर में जाने के बाद त्वचा की हड्डियों को नष्ट करना शुरू कर देती है. यह आंखों को बड़ा नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण मरीज को बचाने के लिए उसकी आंखें तक निकालनी पड़ती है.

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