रांची: विदेश और भारत के महानगरों की तर्ज पर राजधानी रांची में भी स्ट्रीट परफॉर्मेंस देखने को मिल रहा है. यहां के युवा भी सड़कों पर परफॉर्म कर रहे हैं. अब इसका चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
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विदेशों में स्ट्रीट फरफॉर्मेंस आम बात है. भारत में भी महानगरों में ये देखने को मिलता है. लेकिन अब छोटे शहरों में भी स्ट्रीट परफॉर्मेंस की शुरुआत हो चुकी है. हालांकि भारत में प्राचीन काल से ही स्ट्रीट परफॉर्मेंस देखने को मिलता था. जिसमें तरह-तरह के करतब और बंदर नाच और खेल दिखाए जाते थे. लेकिन आजतक ये सिर्फ गांवों और कस्बों तक ही सिमट कर रह गया है. शहरों में अब मॉडर्न तरीके से स्ट्रीट परफॉर्मेंस दिखता है. तरह तरह के म्यूजिक-परफॉर्मेंस कलाकरा सड़कों पर ही करते हैं और अपने हुनर से लोगों को इकट्ठा कर लेते हैं. इस मनोरंजन के बदले उन्हें कुछ पैसे भी मिलते हैं. लेकिन ये परफॉर्मेंस को देखने वाले लोग अपनी इच्छा पर है कि वे चाहे तो कितने भी पैसे दे या फिर ना दें. स्ट्रीट परफॉर्मेंस करने वाले लोग कभी भी किसी से भी सड़कों पर पैसे मांगते नहीं हैं.
दिल्ली मुंबई कोलकाता जैसे महानगरों में स्ट्रीट परफॉर्म अब आम होने लगा है. यह चलन अब रांची में भी दिखने लगा है. हालांकि रांची के युवा स्ट्रीट परफॉर्मेंस को फिलहाल रोजगार के तौर पर नहीं ले रहे हैं. यह युवा निःशुल्क लोगों के बीच परफॉर्म कर रहे हैं और उन्हें कुछ देर के लिए इंटरटेनमेंट के तौर पर सुकून दे रहे हैं. ये युवा शहर के ही स्थानीय शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई भी करते हैं और शाम के वक्त अपने कॉलेज के इर्द-गिर्द या फिर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर स्ट्रीट परफॉर्मिंग के जरिए अपने हुनर को प्रदर्शित करते हैं.
इन युवाओं की मानें तो इसके जरिए पैसे कमाना उनका मकसद नहीं है बल्कि लोगों को कुछ देर के लिए ही ही ही मनोरंजन करना और सुकून देना उनका मुख्य उद्देश्य है. इस शहर के लोग भी धीरे-धीरे स्ट्रीट परफॉर्मेंस को समझने लगेंगे और इसका आनंद भी लेंगे. हालांकि फिलहाल लोग इसे समझ नहीं पा रहे हैं इन युवाओं को उम्मीद है कि आने वाले समय में रांची में भी स्ट्रीट परफॉर्मर की संख्या बढ़ेगी.