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पारा शिक्षकों का 5 सितंबर को जेल भरो आंदोलन, 12 सितंबर को PM से लगाएंगे न्याय की गुहार

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Published : Sep 4, 2019, 3:30 PM IST

रांची में 12 सितंबर को पीएम के कार्यक्रम के दौरान राज्यभर के पारा शिक्षक एकजुट होकर प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाएंगे. हालांकि शिक्षा विभाग ने आंदोलन नहीं करने की नसीहत दी है. वहीं पारा शिक्षकों ने 5 सितंबर को जेल भरो आंदोलन करने का अल्टीमेट शिक्षा विभाग को दे दी है.

आंदोलन के मूड में पारा शिक्षक

रांची: एक तरफ जहां शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों के अधिकतर मांगों को समझौते के अनुरूप मान लेने की बात कह रही है, तो वहीं पारा शिक्षक एक बार फिर शिक्षा विभाग के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड में है. इसी कड़ी में एक बार फिर पारा शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर 12 सितंबर को रांची में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होकर न्याय की गुहार लगाने की बात कही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

पहले चरण में पीएम से न्याय की गुहार
राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक 12 सितंबर को रांची में एकजुट होंगे. सभी शिक्षक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होकर हाथों में तिरंगा लेकर प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाएंगे. हालांकि इससे पहले 5 सितंबर को तमाम पारा शिक्षक जेल भरो आंदोलन करेंगे. अपने विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित पारा शिक्षकों ने एक बार फिर अपने आंदोलन को तेज किया है और चरणबद्ध तरीके से आगे की रणनीति भी तय की है.

ये भी पढ़ें- गुमलाः उज्ज्वला दीदी सम्मेलन में मुख्यमंत्री हुए शामिल, 60 योजनाओं का किया ऑनलाइन शिलान्यास

दूसरे चरण में सीएम आवास के समक्ष अनशन
पहले चरण में 12 सितंबर को राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक अपने-अपने जिले से रांची आएंगे और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद पारा शिक्षक 16 सितंबर से आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत करेंगे. आंदोलन के अगले चरण में पारा शिक्षक 16 सितंबर से मुख्यमंत्री के जमशेदपुर स्थित आवास के समक्ष अनशन पर बैठेंगे. हालांकि शिक्षा विभाग ने यह साफ तौर पर कहा है कि इनकी मांगों को मान लिया गया है, लेकिन यह लोग विद्यार्थियों को शिक्षा देने से ज्यादा अपने आंदोलन पर जोर दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- नाबालिग लड़की खुद को बता रही गर्भवती, 5 युवकों पर लगाया दुष्कर्म का आरोप

बीजेपी आंदोलन रद्द करने को कहा
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह राज्य के लिए दुर्भाग्य की बात है. जबकि पारा शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग पूरी तरह झूठ बोल रही है. अब तक समझौते के अनुरूप नियमावली का गठन हुआ ही नहीं है. वहीं पारा शिक्षकों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा भी अस्वस्थ किया गया है कि वह आंदोलन को स्थगित करें और सरकार का साथ दें. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा है कि इन शिक्षकों को किसी के द्वारा बरगलाया जा रहा है और जो आंदोलन कर रहे हैं वह शिक्षक हो ही नहीं सकते. पारा शिक्षकों से निवेदन है कि वह सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें और शिक्षा पर ध्यान दें.

ये बनी रणनीति
गौरतलब है कि राज्य के पारा शिक्षक 15 नवंबर 2018 से 16 जनवरी 2019 तक हड़ताल पर थे. इसके बाद सरकार के साथ पारा शिक्षकों का एक समझौता हुआ था. समझौते में पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की बात कही गई थी. लेकिन अब तक नियमावली नहीं बनी है. इसी से खफा होकर पारा शिक्षकों ने एक बार फिर इस आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई है.

रांची: एक तरफ जहां शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों के अधिकतर मांगों को समझौते के अनुरूप मान लेने की बात कह रही है, तो वहीं पारा शिक्षक एक बार फिर शिक्षा विभाग के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड में है. इसी कड़ी में एक बार फिर पारा शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर 12 सितंबर को रांची में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होकर न्याय की गुहार लगाने की बात कही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

पहले चरण में पीएम से न्याय की गुहार
राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक 12 सितंबर को रांची में एकजुट होंगे. सभी शिक्षक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होकर हाथों में तिरंगा लेकर प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाएंगे. हालांकि इससे पहले 5 सितंबर को तमाम पारा शिक्षक जेल भरो आंदोलन करेंगे. अपने विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित पारा शिक्षकों ने एक बार फिर अपने आंदोलन को तेज किया है और चरणबद्ध तरीके से आगे की रणनीति भी तय की है.

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दूसरे चरण में सीएम आवास के समक्ष अनशन
पहले चरण में 12 सितंबर को राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक अपने-अपने जिले से रांची आएंगे और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद पारा शिक्षक 16 सितंबर से आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत करेंगे. आंदोलन के अगले चरण में पारा शिक्षक 16 सितंबर से मुख्यमंत्री के जमशेदपुर स्थित आवास के समक्ष अनशन पर बैठेंगे. हालांकि शिक्षा विभाग ने यह साफ तौर पर कहा है कि इनकी मांगों को मान लिया गया है, लेकिन यह लोग विद्यार्थियों को शिक्षा देने से ज्यादा अपने आंदोलन पर जोर दे रहे हैं.

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बीजेपी आंदोलन रद्द करने को कहा
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह राज्य के लिए दुर्भाग्य की बात है. जबकि पारा शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग पूरी तरह झूठ बोल रही है. अब तक समझौते के अनुरूप नियमावली का गठन हुआ ही नहीं है. वहीं पारा शिक्षकों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा भी अस्वस्थ किया गया है कि वह आंदोलन को स्थगित करें और सरकार का साथ दें. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा है कि इन शिक्षकों को किसी के द्वारा बरगलाया जा रहा है और जो आंदोलन कर रहे हैं वह शिक्षक हो ही नहीं सकते. पारा शिक्षकों से निवेदन है कि वह सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें और शिक्षा पर ध्यान दें.

ये बनी रणनीति
गौरतलब है कि राज्य के पारा शिक्षक 15 नवंबर 2018 से 16 जनवरी 2019 तक हड़ताल पर थे. इसके बाद सरकार के साथ पारा शिक्षकों का एक समझौता हुआ था. समझौते में पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की बात कही गई थी. लेकिन अब तक नियमावली नहीं बनी है. इसी से खफा होकर पारा शिक्षकों ने एक बार फिर इस आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई है.

Intro:डे प्लान.... स्पेसल स्टोरी.......


रांची।

एक तरफ जहां राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों के अधिकतर मांगों को समझौते के अनुरूप मान लेने की बात कह रही है. तो वहीं पारा शिक्षक एक बार फिर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड में है .इसी कड़ी में एक बार फिर पारा शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर 12 सितंबर को रांची में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होकर उन से न्याय की गुहार लगाने की बात कही है .इसके अलावा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को एक बार फिर तेज करने की रणनीति भी बनाई है. हालाकी पारा शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा दोबारा इस आंदोलन को तेज नहीं करने का नसीहत दी गई है. जबकि पारा शिक्षकों ने 5 सितंबर को जेल भरो आंदोलन करने की अल्टीमेटम शिक्षा विभाग को दी है...


Body:राज्य के 65 हज़ार पारा शिक्षक 12 सितंबर को एक बार फिर रांची आएंगे और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होकर हाथों में तिरंगा लेकर प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाएंगे हालांकि इससे पहले 5 सितंबर को तमाम पारा शिक्षक जेल भरो आंदोलन करेंगे .अपने विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित पारा शिक्षकों ने एक बार फिर अपने आंदोलन को तेज किया है और चरणबद्ध तरीके से आगे की रणनीति भी तय की है. पहले चरण में 12 सितंबर को राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक अपने- अपने जिले से रांची आएंगे और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होंगे .इसके बाद पारा शिक्षक 16 सितंबर से आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत करेंगे. आंदोलन के अगले चरण में पारा शिक्षक 16 सितंबर से मुख्यमंत्री के जमशेदपुर स्थित आवास के समक्ष अनशन पर बैठेंगे. हालांकि शिक्षा विभाग ने यह साफ तौर पर कहा है कि इनकी मांगों को मान लिया गया है. लेकिन यह लोग विद्यार्थियों को शिक्षा देने से ज्यादा अपने आंदोलन पर जोर दे रहे हैं .यह राज्य के लिए दुर्भाग्य की बात है .जब कि पारा शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग पूरी तरह झूठ बोल रही है. अब तक समझौते के अनुरूप नियमावली का गठन हुआ ही नहीं है. वहीं पारा शिक्षकों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा भी अस्वस्थ किया गया है कि वह आंदोलन को स्थगित करें और सरकार का साथ दें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा है कि इन शिक्षकों को किसी के द्वारा बरगलाया जा रहा है और जो आंदोलन कर रहे हैं वह शिक्षक हो ही नहीं सकते हैं पारा शिक्षकों से निवेदन है कि वह सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें और शिक्षा पर ध्यान दें.


Conclusion:गौरतलब है कि राज्य के पारा शिक्षक 15 नवंबर 2018 से 16 जनवरी 2019 तक हड़ताल पर थे. इसके बाद सरकार के साथ पारा शिक्षकों का एक समझौता हुआ था .समझौते में पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की बात कही गई थी. लेकिन अब तक नियमावली नहीं बनी है .इसी से खफा होकर पारा शिक्षकों ने एक बार फिर इस आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई है.


बाइट-एपी सिंह,सचिव ,शिक्षा विभाग,

बाइट-मनोज यादव,पारा शिक्षक नेता।

बाइट-दीनदयाल वर्णवाल,भाजपा,प्रदेश प्रवक्ता।
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