खूंटीः जिला में रविवार को सड़क हादसे में घायल दो दर्जन मरीजों को तोरपा के रेफरल अस्पताल भेजा गया. हैरानी की बात ये है कि अस्पताल में चिकित्सक के न रहने पर आयुष डॉक्टर ने उन मरीजों का इलाज कर उन्हें बेहतर उपचार के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. इसको लेकर विधायक और प्रशासन रेस और संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई की तैयारी में है.
जिला के तोरपा रेफरल अस्पताल में बदइंतजामी का आलम ऐसा कि बिना डॉक्टर के मरीजों को घंटों परेशान होना पड़ा. किसी प्रकार से आयुष चिकित्सक डॉ. संजय रनिया में पदस्थापित हैं. उन्हें आपातकालीन स्थिति के लिए रेफरल अस्पताल बुलाया गया था. घायल के परिजनों का कहना है कि रेफरल हॉस्पिटल इस क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है और वहां किसी एमबीबीएस डॉक्टर का नहीं रहना दुर्भाग्यपूर्ण है. लोगों ने इसकी शिकायत विधायक सुदीप गुड़िया और सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी से भी की गयी.
रेफरल अस्पताल के कर्मचारियों ने भी स्वीकार किया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मिदेन मुंडू हमेशा अस्पताल से गायब रहते हैं. वह रांची में रहते हैं. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नहीं रहने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. बता दें कि खूंटी सिमडेगा मुख्य मार्ग पर हुए सड़क हादसे के बाद घटनास्थल पर खुद विधायक सुदीप गुड़िया पहुंचे थे और घायलों को अस्पताल भेजने से लेकर उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कराने तक जुटे रहे,. लेकिन अस्पताल की व्यवस्था देखकर वह भी नाराज दिखे.
खूंटी सिविल सर्जन नारेश्वर मांझी खुद डॉक्टर की कमी को पूरा करते दिखे और मरीजों का इलाज करने लगे. वहीं विधायक ने तत्काल डीसी से बात की और घायलों का इलाज कराने को कहा. बाद में डीसी लोकेश मिश्रा सदर अस्पताल पहुंचे और इलाजरत घायलों से मिले.
डीसी लोकेश मिश्रा ने सिविल सर्जन एवं अस्पताल के चिकित्सकों की टीम को घायलों के बेहतर इलाज के लिए आवश्यक निर्देश दिए. सिविल सर्जन ने बताया कि उनकी पूरी टीम सक्रियता और तत्परता से घायलों के इलाज में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
तोरपा रेफरल अस्पताल की बदइंतजामी को विधायक सुदीप गुड़िया ने करीब से देखा और मरीज के परिजनों की शिकायत भी सुनी. उन्होंने आश्वस्त किया है कि अस्पताल में डॉक्टर और व्यवस्था जल्द बहाल कराई जाएगी. वहीं सिविल सर्जन नागेश्वर मांझी ने कहा कि गायब डॉक्टर को शोकॉज करते हुए स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, साथ ही अटेंडेंस रजिस्टर की भी जांच की जाएगी और उनकी ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई तय है.
सिविल सर्जन नारेश्वर मांझी ने बताया कि अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी तो है ही लेकिन जिला के सभी अस्पतालों में डॉक्टर मौजूद है. रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों के नहीं रहने की शिकायत को सिविल सर्जन ने स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि इसमें जल्द ही सुधार किया जाएगा. वहीं विधायक ने भी उन्हें अस्पताल को जल्द दुरुस्त करने को कहा है.
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