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आपराधिक मामलों में आरोपियों को लेकर सभी पार्टियों ने BJP को घेरा, बीजेपी ने कहा- अब विपक्ष बन गया है कोर्ट

लोकसभा चुनावों के बाद अलग-अलग दलों से बीजेपी में हो रही लगातार जॉइनिंग को लेकर विपक्षी और पक्ष के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस-बीजेपी एक-दूसरे पर पलटवार करते नहीं थक रहे.

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Published : Oct 24, 2019, 1:54 PM IST

पक्ष-विपक्ष का वार-पलटवार

रांची: लोकसभा चुनावों के बाद अलग-अलग दलों से बीजेपी में हो रही लगातार जॉइनिंग को लेकर विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ दल को आड़े हाथ लिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी विद डिफरेंस का दावा करने वाली बीजेपी में अब आपराधिक मामलों के आरोपी धड़ाधड़ शामिल हो रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आरोपी जनप्रतिनिधियों को भी पार्टी छिपाने का काम कर रही है.

देखें पूरी खबर

बीजेपी में शामिल हुए हैं पांच विधायक
दरअसल, बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के 2-2 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेस के दोनों विधायक पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते थे, जबकि झामुमो के दो युवा विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन किया है.

ये भी पढ़ें- एक दीप शहीदों के नाम, 2001 दीयों से शहीद जवानों को श्रद्धांजलि


कांग्रेस ने लगाया गंभीर आरोप
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि गंभीर मामलों के आरोपी, कोयला माफिया और गैंगस्टर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. हैरत की बात है कि बड़ी आसानी से उनकी इंट्री सत्ताधारी दल में हो पा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कहीं न कहीं जनता का भरोसा जीतने में सफल नहीं हो पाई, इस लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में एक भय का वातावरण बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि चूंकि 65 प्लस का बीजेपी का लक्ष्य जनता की मदद से संभव नहीं है. इसीलिए वह ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करा रही है.

कोर्ट से छिपाया आरोपियों का नाम
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाईकोर्ट ने गंभीर मामलों के आरोपी जनप्रतिनिधियों के लिस्ट मांगी थी. जिसमें सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री समेत दो मौजूदा मंत्री और एक पूर्व मंत्री का नाम कथित तौर पर दबा दिया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों किया गया, यह सवालों के घेरे में है.

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बीजेपी का पलटवार, अपने गिरेबान में झांके विपक्षी
विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते रहुए कहा कि विपक्षी दल अब न्यायालय से भी बड़े हो गए हैं. वही तय कर रहे हैं कि अपराधी कौन है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि अपराधी घोषित करना और सजा देना कोर्ट का काम है. बहुत से मामलों में आरोप-प्रत्यारोप लगते रहते हैं, लेकिन जब तक आरोप घोषित नहीं होता वह अपराधी नहीं होता. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को बीजेपी की ओर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

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राज्य के 49 विधायकों के खिलाफ लगभग 118 मामले
दरअसल, 2015 में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से दायर इस याचिका में बताया गया कि प्रदेश के 24 जिलों और दो रेलवे पुलिस स्टेशन में राज्य के 49 विधायकों के खिलाफ लगभग 118 मामले दर्ज हैं. आंकड़ों के अनुसार उनमें 13 बीजेपी के विधायक हैं.

रांची: लोकसभा चुनावों के बाद अलग-अलग दलों से बीजेपी में हो रही लगातार जॉइनिंग को लेकर विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ दल को आड़े हाथ लिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी विद डिफरेंस का दावा करने वाली बीजेपी में अब आपराधिक मामलों के आरोपी धड़ाधड़ शामिल हो रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आरोपी जनप्रतिनिधियों को भी पार्टी छिपाने का काम कर रही है.

देखें पूरी खबर

बीजेपी में शामिल हुए हैं पांच विधायक
दरअसल, बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के 2-2 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेस के दोनों विधायक पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते थे, जबकि झामुमो के दो युवा विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन किया है.

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कांग्रेस ने लगाया गंभीर आरोप
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि गंभीर मामलों के आरोपी, कोयला माफिया और गैंगस्टर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. हैरत की बात है कि बड़ी आसानी से उनकी इंट्री सत्ताधारी दल में हो पा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कहीं न कहीं जनता का भरोसा जीतने में सफल नहीं हो पाई, इस लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में एक भय का वातावरण बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि चूंकि 65 प्लस का बीजेपी का लक्ष्य जनता की मदद से संभव नहीं है. इसीलिए वह ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करा रही है.

कोर्ट से छिपाया आरोपियों का नाम
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाईकोर्ट ने गंभीर मामलों के आरोपी जनप्रतिनिधियों के लिस्ट मांगी थी. जिसमें सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री समेत दो मौजूदा मंत्री और एक पूर्व मंत्री का नाम कथित तौर पर दबा दिया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों किया गया, यह सवालों के घेरे में है.

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बीजेपी का पलटवार, अपने गिरेबान में झांके विपक्षी
विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते रहुए कहा कि विपक्षी दल अब न्यायालय से भी बड़े हो गए हैं. वही तय कर रहे हैं कि अपराधी कौन है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि अपराधी घोषित करना और सजा देना कोर्ट का काम है. बहुत से मामलों में आरोप-प्रत्यारोप लगते रहते हैं, लेकिन जब तक आरोप घोषित नहीं होता वह अपराधी नहीं होता. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को बीजेपी की ओर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

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राज्य के 49 विधायकों के खिलाफ लगभग 118 मामले
दरअसल, 2015 में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से दायर इस याचिका में बताया गया कि प्रदेश के 24 जिलों और दो रेलवे पुलिस स्टेशन में राज्य के 49 विधायकों के खिलाफ लगभग 118 मामले दर्ज हैं. आंकड़ों के अनुसार उनमें 13 बीजेपी के विधायक हैं.

Intro:रांची। लोकसभा चुनावों के बाद अलग-अलग दलों से बीजेपी में हो रही लगातार जॉइनिंग को लेकर विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ दल को आड़े हाथों लिया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी विद डिफरेंस का दावा करने वाली बीजेपी में अब आपराधिक मामलों के आरोपी धड़ाधड़ शामिल हो रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आरोपी जनप्रतिनिधियों को भी पार्टी छुपाने का काम कर रही है।
दरअसल बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के 2-2 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया। कांग्रेस के दोनों विधायक पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते थे, जबकि झामुमो के दो युवा विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन की है।


Body:कांग्रेस ने लगाया गंभीर आरोप
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि गंभीर मामलों के आरोपी, कोयला माफिया और गैंगस्टर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। हैरत की बात है कि बड़ी आसानी से उनकी इंट्री सत्ताधारी दल में हो पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कहीं न कहीं जनता का भरोसा जीतने में सफल नहीं जो पाई इसलिये आने वाले विधानसभा चुनाव में एक भय का वातावरण बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि चूंकि 65 प्लस का बीजेपी का लक्ष्य जनता की मदद से संभव नहीं है इसीलिए वह ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल कर आ रही है।

झामुमो का आरोप कोर्ट से छिपाया आरोपियों का नाम
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाईकोर्ट में गंभीर मामलों के आरोपी जनप्रतिनिधियों के लिस्ट मांगी थी। जिसमें सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री समेत दो मौजूदा मंत्री और एक पूर्व मंत्री का नाम कथित तौर पर दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों किया गया यह सवालों के घेरे में है


Conclusion:बीजेपी का पलटवार, अपने गिरेबाँ में झांके विपक्षी
वहीं विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते रहुए कहा कि विपक्षी दल अब न्यायालय से भी बड़े हो गए हैं। वही तय कर रहे हैं कि अपराधी कौन है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि अपराधी घोषित करना और सजा दिया देना कोर्ट का काम है। बहुत से मामलों में आरोप-प्रत्यारोप लगते रहते हैं लेकिन जब तक आरोप घोषित नहीं होता वह अपराधी नहीं होता। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को बीजेपी की ओर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
दरअसल 2015 में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। झारखंड अगेंस्ट करप्शन द्वारा दायर इस याचिका में बताया गया कि प्रदेश के 24 जिलों और दो रेलवे पुलिस स्टेशन में राज्य के 49 विधायकों के खिलाफ लगभग 118 मामले दर्ज हैं। आंकड़ो के अनुसार उनमे 13 बीजेपी के विधायक हैं।
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