रांची: पहले चरण के मतदान में 2015 के मुकाबले कम वोटिंग होने पर राज्य निर्वाचन आयोग ने चिंता जताई है. आयोग ने सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने का निर्देश दिया है. आयोग ने बताया कि दि किसी मतदाता के पास फोटो पहचान पत्र उपलब्ध नहीं है तो उसकी पहचान आयोग द्वारा जारी 12 वैकल्पिक दस्तावेजों के माध्यम से होगा जिसका प्रयोग कर मतदाता वोट कर सकते हैं.
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मतदान प्रतिशत बढ़ाने का निर्देश: गांव की सरकार बनाने में आम मतदाताओं की भूमिका अहम होती है. शायद यही वजह है कि झारखंड में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं की अधिक से अधिक भागीदारी हो इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सारी व्यवस्थाएं की जा रही है. पहले चरण के मतदान में 2015 के पंचायत चुनाव की तुलना में मतदान का प्रतिशत करीब पांच फीसदी कम होने से चिंतित निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को पत्र लिखकर दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत बढाने को कहा है. आयोग द्वारा लिखे गए पत्र में मतदाताओं को हरसंभव सुविधा देने को कहा है.
मतदाता पहचान पत्र: राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान के समय मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं.इसके लिए जिन मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध कराए गए हैं उनकी पहचान उसी के माध्यम से की जाएगी लेकिन यदि किसी मतदाता के पास फोटो पहचान पत्र उपलब्ध नहीं है तो उसकी पहचान आयोग द्वारा निम्न 12 वैकल्पिक दस्तावेजों के माध्यम से की जा सकती है
- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया मतदाता पहचान पत्र
- निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक फोटोयुक्त मतदाता पर्ची.
- पासपोर्ट.
- ड्राइविंग लाइसेंस
- राज्य, केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा कर्मचारी को जारी किए जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र
- बैंक /डाकघर फोटोयुक्त पासबुक
- आयकर पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना के अंतर्गत जारी फोटोयुक्त जॉब कार्ड
- फोटो युक्त स्वास्थ्य बीमा योजना
- फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज