रांची: लॉकडाउन के बाद राजस्थान के कोटा में फंसे झारखंड के छात्र स्पेशल ट्रेन से हटिया पहुंच गए हैं. स्पेशल ट्रेन शनिवार को शाम 7 बजे हटिया स्टेशन पहुंची. हटिया पहुंचने के बाद छात्रों को गुलाब देकर उनका स्वागत किया गया. इसके बाद बसों में बिठाकर उनके गृह जिले भेजा गया. छात्रों ने ईटीवी भारत के जरिए झारखंड और राजस्थान सरकार का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम के लिए वे आभारी हैं.
इस दौरान किसी छात्र के परिजन को स्टेशन पर आने की अनुमति नहीं थी. ये स्पष्ट दिशानिर्देश दिया गया था कि छात्रों को सीधे उनके घर तक पहुंचाया जाएगा लेकिन इसके पहले उन्हें जरूरी स्क्रिनिंग से गुजरना होगा ताकि संक्रमण की आशंका न रहे.
बच्चों के रांची वापस पहुंचने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुशी जाहिर की है. उन्हें अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि 'कोटा से बच्चों का पहला जत्था आज विधिवत हटिया स्टेशन पहुंच चुका है. मुझे मालूम है लॉकडाउन के कारण बच्चों ने बहुत कष्ट सहे. बच्चे वापस आ रहे हैं यह सुखद अनुभव है. सभी बच्चों और उनके अभिभावकों को मेरी शुभकामनाएं. आप सभी से आग्रह भी है.
बच्चों को जिले बार बसों में सवार कर गंतव्य के लिए भेजा गया. बता दें कि 24 जिले के लिए लगभग 60 से अधिक बसों की तैनाती की गई थी और इन बसों को संबंधित जिले के पदाधिकारी द्वारा गंतव्य तक ले जाया गया. रांची जिले के 25 बच्चों को पारस अस्पताल में स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया. उसके बाद तमाम बच्चों को उनके घर पहुंचाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई. लगातार पुलिस प्रशासन और रेल प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं मुकम्मल की गई थी.
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फूड, पैकेट और कोल्ड ड्रिंक देकर बसों में बैठाया
बच्चों के हाथों में एक एक गुलाब का फूल, फूड पैकेट्स, कोल्ड ड्रिंक और पानी देकर बस में सवार किया गया. बच्चे झारखंड पहुंचकर काफी खुश दिखे. कुछ बच्चों का कहना है कि कोटा हॉस्टल में उन्हें काफी परेशानियों का सामना लगातार करना पड़ रहा था. यह बच्चे लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बधाई देते नजर आए. ईटीवी भारत की टीम ने कुछ बच्चों से बातचीत की है. बच्चों का कहना है कि यहां पहुंचकर काफी सुकून मिल रहा है. अपना घर किसे प्यारा नहीं लगता है. इस विकट परिस्थिति में कोटा में रहकर मन लगातार घबरा रहा था.