रांची: कट्पडी वेल्लोर से सीएमसी अस्पताल में इलाज कराने गए मरीजों को लेकर विशेष ट्रेन हटिया स्टेशन पहुंची. इस ट्रेन में 1237 यात्री हैं. सभी मरीज वेल्लोर में ही फंसे हुए थे. अस्पताल के इर्द-गिर्द लॉज में रह रहे थे. इन मरीजों और मरीज के परिजनों के पास लॉज भाड़ा देने तक का पैसा नहीं था. झारखंड सरकार की पहल पर सभी की घर वापसी संभव हो सकी है. बसों में चढ़ने के बाद यात्रियों ने हेमंत सोरेन जिंदाबाद के नारे भी जमकर लगाए. वहीं स्टेशन के पास लगाए गए उनके हॉर्डिंग को देखकर एक महिला ने प्रणाम तक कर दिया.
1237 यात्री पहुंचे
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए झारखंड के प्रवासी मजदूरों का घर वापसी का सिलसिला बदस्तूर जारी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को राजधानी रांची के हटिया रेलवे स्टेशन में कट्पडी से स्पेशल ट्रेन 10:45 में पहुंची. इस ट्रेन में लगभग 1237 यात्री सवार थे. जिनमें अधिकतर वेल्लोर स्थित सीएमसी अस्पताल में इलाज कराने गए थे. लॉकडाउन के कारण सीएमसी अस्पताल में फंसे थे और लगातार झारखंड सरकार से घर वापसी की मांग भी कर रहे थे. इसी कड़ी में झारखंड सरकार के पहल पर रेलवे मंत्रालय की मदद से कट्पडी से हटिया रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन चलाई गई. जिसमें मरीज और मरीज के परिजनों को लाया गया.
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सभी की हुई जांच
बता दें कि हटिया रेलवे स्टेशन में इन यात्रियों के स्वागत को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ा गया. पहले की व्यवस्था के तहत सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए तमाम यात्रियों को प्लेटफार्म पर उतारा गया. वहीं, 10 से अधिक 108 एंबुलेंस की व्यवस्था भी स्टेशन परिसर पर की गई. वहीं 60 से अधिक बसों के जरिए विभिन्न जिलों के लिए यात्रियों को प्रशासन की मदद से भेजा गया. हटिया रेलवे स्टेशन पर तमाम मरीजों की प्रारंभिक जांच की गई फिर उन्हें गंतव्य के लिए भेजा गया.
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ईटीवी भारत की टीम ने की बातचीत
हालांकि, इस ट्रेन से हटिया पहुंचे एक भी यात्री से रेल प्रशासन ने टिकट के पैसे नहीं लिए हैं. जानकारी मिल रही है कि झारखंड सरकार की ओर से झारखंड के इन तमाम यात्रियों के लिए फंड दिए गए थे. उसके बाद ही यात्रियों को मुफ्त में इस ट्रेन में सफर करवाया गया. मुफ्त में सफर के अलावे इन यात्रियों को ट्रेन में हर तरह की सुविधा दी गई. खानपान के साथ-साथ किसी भी तरह की परेशानी ट्रेन में नहीं होने दी गई. वहीं यात्रियों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो पता चला कि वेल्लोर में जो लोग फंसे हुए हैं, वह लगातार परेशान हैं. वह भी अपने-अपने शहर और राज्य जाना चाहते हैं. उनके लिए भी सरकार किसी न किसी तरीके से कोई व्यवस्था करे.
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अभी भी हैं कई लोग
कुछ यात्रियों ने कहा कि लॉज संचालक बार-बार किराया मांगते थे. कुछ यात्रियों ने कहा कि 50% लॉज का किराया माफ कर दिया गया था. वहीं खानपान की तमाम व्यवस्था सरकार की ओर से की गई थी. समय-समय पर प्रशासन के लोग लॉज पहुंचकर तीन टाइम का खाना देकर जाते थे. हालांकि अभी भी सैकड़ों लोग सीएमसी वेल्लोर में फंसे हुए हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द गंतव्य तक पहुंचाने की मांग इन यात्रियों ने की है.