रांची: झारखंड गठन के बाद पहली बार आदिवासी सरना धर्म कोड को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, जहां पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आदिवासी सरना धर्म कोड को लेकर अपने विचार रखेंगे. आदिवासी सरना धर्म कोड प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
आदिवासी सरना धर्म कोड को लेकर बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि आदिवासी वनवासियों के लिए भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही आवाज उठाते रही है. उनके साथ खड़ी रही है. हमेशा चाहती है कि उनका कल्याण हो. ऐसे में जब विधानसभा के अंदर ये लाया गया है तो उस पर विचार किया जाएगा. वहीं, विधायक प्रदीप यादव ने भारतीय जनता पार्टी के बयान पर जवाब हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी अगर आदिवासियों का कल्याण चाहती है तो केंद्र में आदिवासियों के बारे में सोचें, क्योंकि विधानसभा में प्रस्ताव पास करने के बाद केंद्र में भेजा जाएगा.
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आदिवासी समाज के लोग अपने धार्मिक पहचान की मांग को लेकर वर्षों से आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में झारखंड गठन के बाद पहली बार आदिवासी सरना धर्म कोड को लेकर विशेष सत्र बुलाया गया है. आदिवासियों की मांग है कि 2021 के होने वाले जनगणना में जनगणना प्रपत्र में अलग से आदिवासियों के लिए कॉलम हो और इसी पर प्रस्ताव पास करने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने विशेष सत्र आहूत की है.