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सोशल डिस्टेंस से होगा 'कोरोना' का खात्मा !

सोशल डिस्टेंस का सामान्य अर्थ लोगों से दूरी बनाए रखना है. अगर बाहर जाते हैं तो लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बेहद जरूरी है. कोरोना से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू से ही लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भीड़ में यह पता नहीं होता कि कौन इस खतरनाक वायरस से संक्रमित है. अगर किसी को इसका संक्रमण होगा तो दूसरे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.

social distance is necessary for the elimination of corona-virus
सोशल डिस्टेंस से होगा कोरोना का खात्मा
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Published : Apr 28, 2020, 8:46 PM IST

रांची: चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर के देशों में देखने को मिल रहा है. भारत में भी इसका संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार और प्रशासन की ओर से इस महामारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, इस जानलेवा वायरस से बचाव का सबसे आसान तरीका सोशल डिस्टेंस यानी सामाजिक दूरी है. यही वजह है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सोशल डिस्टेंस की सलाह दी है. लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगह से दूर रहने को कहा गया है.

सोशल डिस्टेंस से होगा कोरोना का खात्मा

सोशल डिस्टेंस का सामान्य अर्थ लोगों से दूरी बनाए रखना है. अगर बाहर जाते हैं तो लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बेहद जरूरी है. कोरोना से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू से ही लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भीड़ में यह पता नहीं होता कि कौन इस खतरनाक वायरस से संक्रमित है. अगर किसी को इसका संक्रमण होगा तो दूसरे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना को लेकर कितनी सजग है 'सरकार', जानिए इस स्पेशल बुलेटिन में

सोशल डिस्टेंस का सीधा मकसद यही है कि इस महामारी को बढ़ने से रोकना. अगर ऐसा करने में सफल होते हैं तो इससे स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ कम पड़ेगा. सोशल डिस्टेंस इस बीमारी को रोकने से ज्यादा इसके बढ़ने की दर को कम करने का साधन है, जिससे लोग ज्यादा बीमार नहीं पड़ें. इंफेक्शन कम फैले और बीमारी थम जाए, इसलिए एक-दूसरे से कम संपर्क रखने को ही सोशल दूरी कहा जाता है.

इसके साथ ही अगर किसी को भी लगता है कि उन्हें कोरोना वायरस के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो जरूरी है कि वो एक बार अपनी जांच जरूर कराएं. कोरोना वायरस का संक्रमण तभी कम होगा जब आप खुद इसे हराना चाहेंगे. ऐसे में अगर कहीं बाहर जाते हैं तो वहां से घर आने पर हाथ सफाई से धुलें. ज्यादा से ज्यादा सेनेटाइजर्स का इस्तेमाल करें। अपने हाथों से आंख, नाक, मुंह को बार-बार नहीं छुएं.

रांची: चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर के देशों में देखने को मिल रहा है. भारत में भी इसका संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार और प्रशासन की ओर से इस महामारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, इस जानलेवा वायरस से बचाव का सबसे आसान तरीका सोशल डिस्टेंस यानी सामाजिक दूरी है. यही वजह है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सोशल डिस्टेंस की सलाह दी है. लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगह से दूर रहने को कहा गया है.

सोशल डिस्टेंस से होगा कोरोना का खात्मा

सोशल डिस्टेंस का सामान्य अर्थ लोगों से दूरी बनाए रखना है. अगर बाहर जाते हैं तो लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बेहद जरूरी है. कोरोना से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू से ही लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भीड़ में यह पता नहीं होता कि कौन इस खतरनाक वायरस से संक्रमित है. अगर किसी को इसका संक्रमण होगा तो दूसरे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना को लेकर कितनी सजग है 'सरकार', जानिए इस स्पेशल बुलेटिन में

सोशल डिस्टेंस का सीधा मकसद यही है कि इस महामारी को बढ़ने से रोकना. अगर ऐसा करने में सफल होते हैं तो इससे स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ कम पड़ेगा. सोशल डिस्टेंस इस बीमारी को रोकने से ज्यादा इसके बढ़ने की दर को कम करने का साधन है, जिससे लोग ज्यादा बीमार नहीं पड़ें. इंफेक्शन कम फैले और बीमारी थम जाए, इसलिए एक-दूसरे से कम संपर्क रखने को ही सोशल दूरी कहा जाता है.

इसके साथ ही अगर किसी को भी लगता है कि उन्हें कोरोना वायरस के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो जरूरी है कि वो एक बार अपनी जांच जरूर कराएं. कोरोना वायरस का संक्रमण तभी कम होगा जब आप खुद इसे हराना चाहेंगे. ऐसे में अगर कहीं बाहर जाते हैं तो वहां से घर आने पर हाथ सफाई से धुलें. ज्यादा से ज्यादा सेनेटाइजर्स का इस्तेमाल करें। अपने हाथों से आंख, नाक, मुंह को बार-बार नहीं छुएं.

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