रांचीः 9 अक्टूबर को जुलूस-ए-मोहम्मदी (Procession e Mohamdi in Ranchi ) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. राजधानी में कुछ मुस्लिम संगठन भारत साउथ अफ्रीका के बीच एकदिवसीय क्रिकेट मैच के आयोजन को देखते हुए जुलूस-ए-मोहम्मदी को सीमित क्षेत्र में निकालने पर सहमत हैं. वहीं, कई संगठन व्यापक पैमाने पर जुलूस ए मोहम्मदी निकालने के पक्ष में हैं. हालांकि, रांची पुलिस की ओर से मुस्लिम संगठनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है.
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शहर के कई संगठनों और मोहल्ले के लोगों ने सुन्नी बरेलवी कमेटी के मेन रोड में 9 अक्तूबर को जुलूस ए मोहम्मदी नहीं निकालने के फैसले का विरोध किया है. कांटा टोली मोहल्ला में मौलाना मंसूर हसन बरकाती की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में 9 अक्तूबर को जुलूस निकालने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लेने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया है. अंजुमन इस्लामिया नूरिया के अध्यक्ष हाजी सऊद आलम ने कहा जुलूस निकालने का समर्थन किया गया है.
मौलाना डॉ ताजुद्दीन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि इस साल भी पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश के मौके पर जुलूस ए मोहम्मदी मेन रोड और कर्बला चौक नहीं जाएगा. शहरी और ग्रामीण इलाकों से निकलने वाले जुलूस मोहल्ले में ही निकलेगा. बैठक को संबोधित करते हुए कमेटी के अध्यक्ष मौलाना ने कहा कि जुलूस ए मोहम्मदी को लेकर जिला प्रशासन से कमेटी की चार पांच दौर की वार्ता हुई है और जुलूस ए मोहम्मदी पर विस्तार से चर्चा की गई है. हर स्थिति पर विचार किया गया है. बैठक में सर्वसम्मति से उलमा ए अहले सुन्नत की उपस्थिति में यह तय किया गया कि 9 अक्टूबर को रांची में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच है और उसी दिन ईद मीलादुन्नबी का जुलूस भी है. रांची हाई सिक्योरिटी जोन में है. कमेटी और प्रशासन को ऐसी इनपुट है कि भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर असमाजिक तत्व अशांति का माहौल पैदा कर जुलूस ए मुहम्मदी को बदनाम करने की साजिश कर सकते हैं.
रांची जिला प्रशासन की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है कि 9 अक्टूबर को जुलूस मेन रोड में ना निकले. दरअसल, यह प्रयास इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अंतरराष्ट्रीय मैच है. मैच के समय अधिकांश अधिकारी सुरक्षा का जिम्मा संभालने के लिए स्टेडियम के आसपास तैनात रहेंगे. इस स्थिति में जुलूस ए मोहम्मदी के दौरान पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.