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रांची के सदर अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की भारी कमी, मरीजों को परेशानी का करना पड़ता है सामना

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Published : Oct 12, 2022, 7:45 AM IST

Updated : Oct 12, 2022, 7:57 AM IST

स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार भले जो भी दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. रांची के सदर अस्पताल में ही मैन पावर की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी झेलने पर मजबूर होना पड़ता है (Shortage of medical staff in sadar hospital).

hortage of medical staff in sadar hospital
hortage of medical staff in sadar hospital

रांची: राजधानी के सदर अस्पताल में इलाज और जांच कराना लोगों के लिए काफी मुश्किल हो गया है. क्योंकि अस्पताल में मैन पावर की घोर कमी है (Shortage of medical staff in sadar hospital). खास करके जांच केंद्रों में मरीजों को काफी दिक्कतें हो रहीं हैं. एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जांच के लिए लोगों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं पैथोलॉजी जांच में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. मरीज को अपने जांच के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है और फिर रिपोर्ट आने में कई दिनों का समय लग जाता है. ऐसी स्थिति में सदर अस्पताल के चिकित्सक इमरजेंसी मरीजों को बाहर से जांच कराने की सलाह देते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हाय रे हेल्थ सिस्टम! मदद मिली ना मिला एंबुलेंस, परिजनों ने शव को रिक्शा पर ढोया

रांची के सदर अस्पताल पहुंचे मरीज सय्यद हाजी बताते हैं कि अल्ट्रासाउंड कराने में दो से ढाई घंटे लग गए और अब उस जांच को डॉक्टर से दिखाने में कई घंटे लग रहे हैं. ऐसे में सदर अस्पताल आने के बाद मरीज का पूरा दिन खराब हो जा रहा है. मरीज के परिजनों ने बताया कि अगर अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाए और मैन पावर पर ध्यान दिया जाए तो अस्पताल में आने वाले मरीजों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी.

देखें वीडियो



रांची के सुदूर क्षेत्र से अपने बच्चे का इलाज कराने आए राहुल कुमार बताते हैं कि सुबह 9:00 बजे से ही वह अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं रहने के कारण उनका जांच नहीं हो पा रही है. करीब 2:00 बजे उनके बच्चे की जांच हो पाई जिसके बाद डॉक्टर ने उसे देखा. मरीजों ने बताया कि जिस स्थान पर रेडियोलॉजी की जांच होती है वहां जगह भी काफी छोटी है, ऐसे में भीड़ होने के बाद मरीजों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रबंधन को रेडियोलॉजी का स्थान बदलकर बड़े जगह पर रखना चाहिए ताकि भीड़ होने के बावजूद भी लोगों को बैठने और खड़े होने का जगह मिल सके.

वहीं, लोगों की परेशानी को लेकर रांची सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बिमलेश कुमार सिंह ने कहा कि अगले 15 से 20 दिनों में 500 बेड का नया अस्पताल तैयार हो रहा है. वहां पर सारी व्यवस्था जब शिफ्ट होगी तो निश्चित रूप से मैन पावर और संसाधनों की कमी को भी पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन 400 से 500 रेडियोलॉजी की जांच होती है और अस्पताल में एक रेडियोलॉजी के भरोसे 500 जांच होना निश्चित रूप से कठिन है. इसलिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है जैसे ही नई व्यवस्था की शुरुआत होगी। रेडियोलॉजिस्ट और कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाएगा.

रांची: राजधानी के सदर अस्पताल में इलाज और जांच कराना लोगों के लिए काफी मुश्किल हो गया है. क्योंकि अस्पताल में मैन पावर की घोर कमी है (Shortage of medical staff in sadar hospital). खास करके जांच केंद्रों में मरीजों को काफी दिक्कतें हो रहीं हैं. एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जांच के लिए लोगों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं पैथोलॉजी जांच में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. मरीज को अपने जांच के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है और फिर रिपोर्ट आने में कई दिनों का समय लग जाता है. ऐसी स्थिति में सदर अस्पताल के चिकित्सक इमरजेंसी मरीजों को बाहर से जांच कराने की सलाह देते नजर आ रहे हैं.

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रांची के सदर अस्पताल पहुंचे मरीज सय्यद हाजी बताते हैं कि अल्ट्रासाउंड कराने में दो से ढाई घंटे लग गए और अब उस जांच को डॉक्टर से दिखाने में कई घंटे लग रहे हैं. ऐसे में सदर अस्पताल आने के बाद मरीज का पूरा दिन खराब हो जा रहा है. मरीज के परिजनों ने बताया कि अगर अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाए और मैन पावर पर ध्यान दिया जाए तो अस्पताल में आने वाले मरीजों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी.

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रांची के सुदूर क्षेत्र से अपने बच्चे का इलाज कराने आए राहुल कुमार बताते हैं कि सुबह 9:00 बजे से ही वह अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं रहने के कारण उनका जांच नहीं हो पा रही है. करीब 2:00 बजे उनके बच्चे की जांच हो पाई जिसके बाद डॉक्टर ने उसे देखा. मरीजों ने बताया कि जिस स्थान पर रेडियोलॉजी की जांच होती है वहां जगह भी काफी छोटी है, ऐसे में भीड़ होने के बाद मरीजों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रबंधन को रेडियोलॉजी का स्थान बदलकर बड़े जगह पर रखना चाहिए ताकि भीड़ होने के बावजूद भी लोगों को बैठने और खड़े होने का जगह मिल सके.

वहीं, लोगों की परेशानी को लेकर रांची सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बिमलेश कुमार सिंह ने कहा कि अगले 15 से 20 दिनों में 500 बेड का नया अस्पताल तैयार हो रहा है. वहां पर सारी व्यवस्था जब शिफ्ट होगी तो निश्चित रूप से मैन पावर और संसाधनों की कमी को भी पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन 400 से 500 रेडियोलॉजी की जांच होती है और अस्पताल में एक रेडियोलॉजी के भरोसे 500 जांच होना निश्चित रूप से कठिन है. इसलिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है जैसे ही नई व्यवस्था की शुरुआत होगी। रेडियोलॉजिस्ट और कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाएगा.

Last Updated : Oct 12, 2022, 7:57 AM IST
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