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रांची: कपकपाती ठंड से लोगों का जीना मुहाल, आश्रय गृह साबित हो रहा वरदान - people of Ranchi suffering from cold

कपकपाती ठंड से रांची के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बढ़ती ठंड ने लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल कर दिया है. गरीबों के लिए ठंड से मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने जो आश्रय गृह बनाया है वह लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है.

shelter home helping poor people from winter in ranchi
आग के सहारे ठंड से बचने की कोशिश करते लोग
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Published : Dec 20, 2019, 7:14 PM IST

रांची: जिले में बढ़ती ठंड से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक ओर कपकपाती ठंड और शीतलहर से अधिकतर लोग अपने घरों में ही रहकर अपना काम निपटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं गरीब खुले आसमान में आग के सहारे ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. ठंड से बचने के लिए जिला प्रशासन ने जो आश्रय गृह बनाया है वह वरदान साबित हो रहा है. लोग आश्रय गृह में जाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने देर रात राजधानी के खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह का जायजा लिया.

देखें पूरी खबर

देर रात जब ईटीवी भारत की टीम खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह पहुंची तो वहां पर कुछ लोगों को आराम फरमाते देखा गया और लोगों ने खादगढ़ा के आश्रय गृह की प्रशंसा भी की. वहीं कुछ लोगों ने आश्रय गृह के बाहर सरकार की उदासीनता और लापरवाही को गिनवाया. आश्रय गृह में भले ही हर तरह की सुविधा गरीबों के लिए मुहैया कराई गई है लेकिन आश्रय गृह के बाहर कई ऐसी समस्या है जिस वजह से आश्रय गृह के अंदर बैठे लोगों को काफी समस्या और परेशानी झेलनी पड़ रही है.

आश्रय गृह के बाहर गंदगी फैलाते लोग
आश्रय गृह के बाहर नगर निगम ने जो शौचालय बनाया है वह घर काफी दिनों से बंद पड़ा है. जिसके कारण खादगढ़ा बस स्टैंड में बस के कंडक्टर, खलासी, ड्राइवर जैसे लोग आश्रय गृह के बाहर ही गंदगी फैलाते नजर आते हैं.

ये भी देखें- जामताड़ाः आदर्श मतदान केंद्र में मतदाताओं का किया गया स्वागत, मतदाताओं ने कहा- इन मुद्दों पर दिया वोट

वहीं, आश्रय गृह के संचालक ने बताया कि आश्रय गृह के बाहर गंदगी की वजह से आश्रय गृह में रह रहे लोगों को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी होने का भी डर बना रहता है, इसीलिए आश्रय गृह की टीम ने ही यहां पर ब्लीचिंग पाउडर छीटवां कर लोगों को राहत देने का प्रयास किया जाता है. संचालक ने कहा कि नगर निगम आश्रय गृह चलाने का टेंडर देकर निश्चिंत हो जाते हैं जबकि कई ऐसी छोटी मोटी दिक्कतें हैं जो नगर निगम ही हल कर सकते है लेकिन नगर निगम के अधिकारी और पदाधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से आश्रय गृह में रह रहे गरीब लोगों को परेशानियां हो रही हैं.

रांची: जिले में बढ़ती ठंड से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक ओर कपकपाती ठंड और शीतलहर से अधिकतर लोग अपने घरों में ही रहकर अपना काम निपटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं गरीब खुले आसमान में आग के सहारे ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. ठंड से बचने के लिए जिला प्रशासन ने जो आश्रय गृह बनाया है वह वरदान साबित हो रहा है. लोग आश्रय गृह में जाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने देर रात राजधानी के खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह का जायजा लिया.

देखें पूरी खबर

देर रात जब ईटीवी भारत की टीम खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह पहुंची तो वहां पर कुछ लोगों को आराम फरमाते देखा गया और लोगों ने खादगढ़ा के आश्रय गृह की प्रशंसा भी की. वहीं कुछ लोगों ने आश्रय गृह के बाहर सरकार की उदासीनता और लापरवाही को गिनवाया. आश्रय गृह में भले ही हर तरह की सुविधा गरीबों के लिए मुहैया कराई गई है लेकिन आश्रय गृह के बाहर कई ऐसी समस्या है जिस वजह से आश्रय गृह के अंदर बैठे लोगों को काफी समस्या और परेशानी झेलनी पड़ रही है.

आश्रय गृह के बाहर गंदगी फैलाते लोग
आश्रय गृह के बाहर नगर निगम ने जो शौचालय बनाया है वह घर काफी दिनों से बंद पड़ा है. जिसके कारण खादगढ़ा बस स्टैंड में बस के कंडक्टर, खलासी, ड्राइवर जैसे लोग आश्रय गृह के बाहर ही गंदगी फैलाते नजर आते हैं.

ये भी देखें- जामताड़ाः आदर्श मतदान केंद्र में मतदाताओं का किया गया स्वागत, मतदाताओं ने कहा- इन मुद्दों पर दिया वोट

वहीं, आश्रय गृह के संचालक ने बताया कि आश्रय गृह के बाहर गंदगी की वजह से आश्रय गृह में रह रहे लोगों को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी होने का भी डर बना रहता है, इसीलिए आश्रय गृह की टीम ने ही यहां पर ब्लीचिंग पाउडर छीटवां कर लोगों को राहत देने का प्रयास किया जाता है. संचालक ने कहा कि नगर निगम आश्रय गृह चलाने का टेंडर देकर निश्चिंत हो जाते हैं जबकि कई ऐसी छोटी मोटी दिक्कतें हैं जो नगर निगम ही हल कर सकते है लेकिन नगर निगम के अधिकारी और पदाधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से आश्रय गृह में रह रहे गरीब लोगों को परेशानियां हो रही हैं.

Intro:कप कपाती ठंड और शीतलहर ने राजधानी के लोगों का जीना मुहाल हो गया। बढ़ती ठंड ने लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल कर दिया है खासकर गरीब लोगों को इस ठंड ने काफी मुश्किल बढ़ा दी है।

इस कपकपाती ठंड में लोग अपने घरों में ही रहकर अपना काम निपटाने की कोशिश कर रहे हैं। वही गरीब लोग खुले आसमान में आग के सहारे ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।


Body:इस कपकपाती ठंड में लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाया गया आश्रय गृह काफी वरदान साबित हो रहा है।लोग आश्रय गृह में जाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने देर रात राजधानी के खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह का जायजा लिया।

देर रात जब ईटीवी भारत की टीम खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह पहुंची तो वहां पर कुछ लोगों को आराम फरमाते देखा गया और लोगों ने खादगढ़ा के आश्रय गृह की प्रशंसा भी की लेकिन वहीं कुछ लोगों ने आश्रय ग्रह के बाहर सरकार की उदासीनता और लापरवाही को दिखाते हुए बताया कि आश्रय गृह में भले ही हर तरह की सुविधा गरीबों के लिए मुहैया कराई गई है लेकिन आश्रय गृह के बाहर कई ऐसी समस्या है जिस वजह से आश्रय गृह के अंदर बैठे लोगों को काफी समस्या और परेशानी झेलनी पड़ रही है।

हमने भी जब आश्रय गृह के बाहर का जायजा लिया तो हमने भी कई ऐसे सरकारी उदासीनता को देखा जिस वजह से आश्रय गृह में रह रहे गरीबों के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर रही है।

आश्रय गृह के बाहर नगर निगम द्वारा बनाया गया शौचालय घर काफी दिनों से बंद पड़ा है जिस वजह से खादगढ़ा बस स्टैंड में बस के कंडक्टर, खलासी, ड्राइवर जैसे लोग आश्रय गृह के बाहर ही मूत्रालय बनाकर गंदगी फैलाते नजर आते हैं।

बाहर में लघुसंका करने के कारण आश्रय गृह में रहने वाले लोगों को असहनीय बदबू का सामना करना पड़ता है वहीं आश्रय गृह के संचालक ने बताया कि आश्रय गृह के बाहर गंदगी की वजह से आश्रय गृह में रह रहे लोगों को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी होने का भी डर बना रहता है, इसीलिए आश्रय गृह की टीम के द्वारा ही यहां पर ब्लीचिंग पाउडर छींटवां कर लोगों को राहत देने का प्रयास किया जाता है।

संचालक ने ऑफ़ कैमरा में बताया कि नगर निगम आश्रय गृह चलाने का टेंडर देकर निश्चिंत हो जाते हैं जबकि कई ऐसी छोटी मोटी दिक्कतें हैं जो नगर निगम द्वारा ही हल किया जा सकता है लेकिन नगर निगम के अधिकारी और पदाधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से आश्रय गृह में रह रहे गरीब लोगों को परेशानियां हो रही हैं।


Conclusion:गौरतलब है कि राज्य में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अच्छे से रहने का हक है और सरकार इसको लेकर आश्रय गृह भी बनवा कर उन्हें संसाधन मुहैया करा रही है लेकिन सरकारी उदासीनता और लापरवाही की वजह से लोग अपने हक का प्रयोग भी अच्छे तरीके से नहीं कर पा रहे हैं।जो निश्चित रूप से जिला प्रशासन और नगर निगम पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

बाइट-आश्रय गृह में रह रहे गरीब लोग।
बाइट-संचालक,आश्रय गृह।
वाक थ्रू और पीटीसी।
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