रांची: जिले में बढ़ती ठंड से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक ओर कपकपाती ठंड और शीतलहर से अधिकतर लोग अपने घरों में ही रहकर अपना काम निपटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं गरीब खुले आसमान में आग के सहारे ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. ठंड से बचने के लिए जिला प्रशासन ने जो आश्रय गृह बनाया है वह वरदान साबित हो रहा है. लोग आश्रय गृह में जाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने देर रात राजधानी के खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह का जायजा लिया.
देर रात जब ईटीवी भारत की टीम खादगढ़ा स्थित आश्रय गृह पहुंची तो वहां पर कुछ लोगों को आराम फरमाते देखा गया और लोगों ने खादगढ़ा के आश्रय गृह की प्रशंसा भी की. वहीं कुछ लोगों ने आश्रय गृह के बाहर सरकार की उदासीनता और लापरवाही को गिनवाया. आश्रय गृह में भले ही हर तरह की सुविधा गरीबों के लिए मुहैया कराई गई है लेकिन आश्रय गृह के बाहर कई ऐसी समस्या है जिस वजह से आश्रय गृह के अंदर बैठे लोगों को काफी समस्या और परेशानी झेलनी पड़ रही है.
आश्रय गृह के बाहर गंदगी फैलाते लोग
आश्रय गृह के बाहर नगर निगम ने जो शौचालय बनाया है वह घर काफी दिनों से बंद पड़ा है. जिसके कारण खादगढ़ा बस स्टैंड में बस के कंडक्टर, खलासी, ड्राइवर जैसे लोग आश्रय गृह के बाहर ही गंदगी फैलाते नजर आते हैं.
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वहीं, आश्रय गृह के संचालक ने बताया कि आश्रय गृह के बाहर गंदगी की वजह से आश्रय गृह में रह रहे लोगों को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी होने का भी डर बना रहता है, इसीलिए आश्रय गृह की टीम ने ही यहां पर ब्लीचिंग पाउडर छीटवां कर लोगों को राहत देने का प्रयास किया जाता है. संचालक ने कहा कि नगर निगम आश्रय गृह चलाने का टेंडर देकर निश्चिंत हो जाते हैं जबकि कई ऐसी छोटी मोटी दिक्कतें हैं जो नगर निगम ही हल कर सकते है लेकिन नगर निगम के अधिकारी और पदाधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से आश्रय गृह में रह रहे गरीब लोगों को परेशानियां हो रही हैं.